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Sonbhadra News: फर्जी दुष्कर्म केस में नया मोड़, दो को कोर्ट का नोटिस
Sonbhadra News: सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि, पीड़िता के पक्ष से पैरवी के लिए भी कोई न्यायालय में उपस्थिति नहीं है।
फर्जी दुष्कर्म केस में नया मोड़, दो को कोर्ट का नोटिस (photo: social media )
Sonbhadra News: कथित दुष्कर्म के एक मामले में अचानक से नया मोड़ आ गया है। इसको लेकर न्यायालय में चल रही सुनवाई के दौरान कथित पीड़िता की तरफ से, कुछ लोगों द्वारा नौकरी लगवाने के लिए शपथ पत्र बनवाने के नाम पर धोखे से हस्ताक्षर बनवाकर, न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने का आरोप लगाया गया है। इसको लेकर पीड़िता की तरफ से रजिस्टर्ड डाक के जरिए न्यायालय को पत्र भेजा गया था। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि, पीड़िता के पक्ष से पैरवी के लिए भी कोई न्यायालय में उपस्थिति नहीं है। इसको देखते हुए, प्रस्तुत किए गए प्रार्थना पत्र को तो खारिज किया ही गया, जिन लोगों पर धोखे से हस्ताक्षर बनवाकर न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिए जाने का आरोप लगाया गया है, उनके खिलाफ प्रकीर्ण वाद दर्ज करते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई शुरू कर दी है। लगाए गए आरोपों के बाबत कपड़ा व्यवसायी सहित दो से जवाब तलब किया गया है।
विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी एक्ट) आबिद शमीम की अदालत में धारा 173(4) बीएनएसएस के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था। कथन किया गया था कि 16 मार्च 2025 की शाम पांच बजे राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र के विचपई गांव स्थित स्कूल में उसके साथ दुष्कर्म किया गया। प्रकरण को लेकर न्यायालय ने थाने से आख्या तलब की। इसी बीच कथित पीड़िता/आवेदिका की तरफ से, रजिस्टर्ड डाक के जरिए सुनवाई कर रही न्यायालय को एक पत्र भेजा गया। इसमें कहा गया कि उसको जानने वाले नीरज निवासी राजा साहब की पेट्रोल टंकी के बगल वाले रोड में अंदर पोखरे के पीछे, अंबेडकर नगर, थाना राबर्ट्सगंज के पति राहुल, शुभम उर्फ गोलू की कपड़े की दुकान में काम करते हैं। आरोप लगाया कि उन्होंने और दीनानाथ अग्रवाल पुत्र स्व. द्वारिका प्रसाद निवासी विचपई थाना राबर्ट्सगंज और रविंद्र बहादुर सिंह ने मिलकर उनके साथ धोखाधड़ी- साजिश करके नौकरी लगवाने के नाम पर शपथ पत्र बनवाने के लिये सादे पन्ने पर हस्ताक्षर बनवा लिया और उसकी गरीबी- विवशता का फायदा उठाते हुए शुभम अग्रवाल उर्फ गोलू को वेजा लाभ दिलाने तथा अन्य लोगों द्वारा बेजा लाभ लेने के लिए, बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराने के लिए न्यायालय में प्रकीर्ण वाद दाखिल कर दिया। जबकि वह आरोपियों को जानती-पहचानती भी नहीं।
क्षेत्राधिकारी ने भी पीड़िता द्वारा आरोपों की पुष्टि न किए जाने की भेजी थी आख्याः
प्रकरण में क्षेत्राधिकारी की तरफ से भी विस्तृत आख्या भेजी गई थी जिसमें कहा गया था कि प्रार्थना पत्र में लगाये गये आरोपों के संबंध में आवेदिका से किए गए पूछताछ में आरोपों की पुष्टि नहीं हो रही है। न्यायालय ने इसे गंभीर प्रकरण माना। सोमवार को इस मामले में प्रार्थना पत्र खारिज करने का निर्णय सुनाते हुए न्यायालय ने कहा कि आवेदिका की तरफ से भेजे गए शिकायती प्रार्थना पत्र पर प्रकीर्ण वाद दर्ज किए जाने का आदेश पारित करते हुए शुभम अग्रवाल उर्फ गोलू एवं रविंद्र बहादुर सिंह को नोटिस जारी की गई। आवेदिका/प्रार्थिनी की ओर से प्रस्तुत शिकायती प्रार्थना पत्र के संदर्भ में स्पष्टीकरण भी तलब किया गया है।
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