Sonbhadra News: खनन साझीदार ने सपा नेता पर दर्ज कराया धोखाधड़ी का केस, फर्जी हस्ताक्षर-कूटरचित दस्तावेजों के जरिए व्यक्तिगत पट्टे को फर्म के नाम से संचालन का आरोप

Sonbhadra News: आरोप है कि बिल्ली स्कूल रोड निवासी सुधीर कुमार श्रीवास्तव की तरफ से खनन व्यवसायी एवं सपा नेता इश्तियाक खान की तरफ से पट्टा संचालन के लिए फर्जी हस्ताक्षर और कूटरचित दस्तावेज तो प्रयोग में लाए ही गए, खनन पट्टा व्यक्तिगत यानी एक नाम से तनहा स्वीकृत होने के बावजूद, इसका संचालन साझीदार फर्म के नाम से किया जाता रहा।

Kaushlendra Pandey
Published on: 14 July 2025 9:29 PM IST
Sonbhadra News: खनन साझीदार ने सपा नेता पर दर्ज कराया धोखाधड़ी का केस, फर्जी हस्ताक्षर-कूटरचित दस्तावेजों के जरिए व्यक्तिगत पट्टे को फर्म के नाम से संचालन का आरोप
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खनन साझीदार ने सपा नेता पर दर्ज कराया धोखाधड़ी का केस  (photo: social media )

Sonbhadra News: ओबरा खनन क्षेत्र में कभी मजबूत साझीदार का पहचान रखने वाला ग्रुप इन दिनों दो फाड़ हो गया है। खनन व्यवसाय की अलग राह पकड़ने के साथ ही, एक दूसरे के खिलाफ केस दर्ज कराए जाने का भी सिलसिला शुरू हो गया है। ताजा मामला कथित राधिका इंडस्ट्रीज से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि बिल्ली स्कूल रोड निवासी सुधीर कुमार श्रीवास्तव की तरफ से खनन व्यवसायी एवं सपा नेता इश्तियाक खान की तरफ से पट्टा संचालन के लिए फर्जी हस्ताक्षर और कूटरचित दस्तावेज तो प्रयोग में लाए ही गए, खनन पट्टा व्यक्तिगत यानी एक नाम से तनहा स्वीकृत होने के बावजूद, इसका संचालन साझीदार फर्म के नाम से किया जाता रहा।

पट्टा किसी और के नाम, संचालन किसी और के जरिए.., साथ ही इस गड़बड़ी में खनन महकमे के किसी व्यक्ति की नजर न पड़ पाने को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। मामले में न्यायालय की ओर से दिए गए आदेश पर, ओबरा पुलिस ने बीएनएस की धारा 316(2), 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2), 352, 351(2) के तहत कसे दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

यह है खनन पट्टे से जुड़ी कहानी:

सुधीर कुमार श्रीवास्तव की तरफ से न्यायालय में दिए गए प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि बिल्ली मरकंडी के आराजी संख्या 5480मि., 5424, 5478, 5489 रकबा 1.935 हेक्टेयर पर गिट्टी बोल्डर (डोलो स्टोन) का 10 वर्षीय खनन पट्टा सात अक्टूबर 2023 को स्वीकृत हुआ था। खनन पट्टा संबंधित सभी कार्रवाई के लिए पत्नी रिंकी की तरफ उन्हें अधिकृत किया गया था। इससे पहले खनन पट्टे के सिलसिले में ही मेसर्स राधिका इंडस्ट्रीज नामक फर्म का गठन कर 20 नवंबर 2021 को एक साझेदारी अनुबंध तैयार किया गया था जिसमें रिकी श्रीवास्तव 19 प्रतिशत, अनुराग कुशवाहा 10 प्रतिशत, इश्तियाक खान 22 प्रतिशत, रितेश चौरसिया 22 प्रतिशत, विकास प्रताप 19 प्रतिशत के भागीदार/अंश तय किया गया था। जिस जमीन पर पट्टा आवंटन की प्रक्रिया अपनाई गई, उसकी रिंकी प्रमुख काश्तकार और शेष सह काश्तकार थे। पट्टे की बोली प्रक्रिया के समय सह खातेदारों कि सहमति से रिंकी को उच्च बोली से एक रुपये बढ़ा कर पट्टा लेने की स्वीकृति प्रदान की गई। इसके क्रम में डीएम की तरफ से शर्तों के अधीन रिंकी के नाम खनन पट्टा के निष्पादन की अनुज्ञा जारी की गई।


यहां मामले ने लिया नया मोड़, फर्जी हस्ताक्षर-कूटरचना का आरोप:

आरोप लगाया गया है कि इश्तियाक खान जो पूर्व में अन्य कार्यों में साझेदार रहे हैं, उनके द्वारा कहा गया कि खनन पट्टा के संबंध में अभिलेखीय कार्यवाही एवं संचालन का कार्य वह कार्य वह सुचारू रूप से संपादित कराएंे। हिसाब किताब, अन्य अभिलेखीय कार्य के पूर्व परिचित सुजीत कन्नौजिया को रखा जाएगा। आरोप है कि उन पर विश्वास करते हुए पूरी जिम्मेदारी सौंप दी गई। आरोपों के मुताबिक पट्टा रिंकी श्रीवास्तव के नाम से स्वीकृत हुआ था लेकिन अभिलेखीय कार्यवाही मेसर्स राधिका इंडस्ट्रीज के नाम से किया व कराया गया। जहां भी रिंकी के हस्ताक्षर की जरूरत पड़ी, वहां फर्जी हस्ताक्षर, कूटरचित दस्तावेज प्रयोग में लाए गए। आरोप है कि सरकारी विभाग, बैंक में फर्जी हस्ताक्षर से तैयार शपथ पत्र दाखिल किए गए। वहीं, विभागीय देनदारी जैसे सेल्स टैक्स, जिला खनिज विकास निधि, विकास प्राधिकरण उपकरण से जुड़े कार्य-दस्तावेज इत्यादि मेसर्स राधिका इंडस्ट्रीस फर्म के नाम से तथा रिंकी के फर्जी हस्ताक्षर से दाखिल किए कराए गए। जबकि जबकि फर्म मेसर्स राधिका इंडस्ट्रीज का गठन सिर्फ पट्टे में पूंजी निवेश के लिए किया गया था।

एक वर्ष तक चलती रही फर्जी हस्ताक्षर से कार्यवाही, यहां आकर लगी भनक:

आरोपों के मुताबिक अक्टूबर 2023 से अक्टूबर 2024 तक की सारी कार्यवाही का संचालन मेसर्स राधिका इंडस्ट्रीज के छद्म नाम से हिकया गया और रिंकी के फर्जी हस्ताक्षर बनाए जाते रहे। शिकायतकर्ता का दावा है कि जब उसने कर्मचारी सुजीत कन्नौजिया से पट्टे के संचालन के संबंध में पूछताछ की। खनन पोर्टल की आईडी-पासवर्ड मांगा तो आनाकानी शुरू कर दी गई। अभिलेख गायब बताए गए। जब उसने स्तर से अभिलेखों की प्रति हासिल की तब जाकर उसे इस गड़बड़ी की जानकारी हुई। हिसाब किताब में भी हेर फेर और गबन का आरोप लगाया है। दावा किया गया है कि उक्त पट्टा रिंकी के नाम से तन्हा स्वीकृत और निष्पादित है। मेसर्स राधिका इंडस्ट्रीज से उसका कोई लेना-देना नहीं है। सच्चाई क्या है, यह तो पुलिस जांच के बाद ही सामने आएगा? पुलिस का कहना है कि लगाए गए आरोपों के आधार पर केस दर्ज कर लिया गया है। छानबीन जारी है।

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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