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Sonbhadra News: विवादित पोस्टों से भरा पड़ा है शिक्षिका का सोशल मीडिया हैंडल, पहलगाम आतंकी हमले से मालेगांव विस्फोट तक किए गए आपत्तिजनक पोस्ट
Sonbhadra News: एक शिक्षिका होने के बावजूद सरकार की नीतिगत फैसलों पर सवाल उठाने के साथ, वक्फ बोर्ड पर भी सवाल उठाए गए हैं। सोशल मीडिया हैंडल पर ज्यादातर पोस्ट, स्वयं से न कर, शेयर कर प्रसारित किए गए हैं।
पहलगाम आतंकी हमले को लेकर विवादित पोस्ट किए जाने के मामले में निलंबित की गई शिक्षिका (Photo- Social Media)
Sonbhadra News: सोनभद्र । पहलगाम आतंकी हमले को लेकर विवादित पोस्ट किए जाने के मामले में निलंबित की गई शिक्षिका का सोशल मीडिया हैंडल एक नहीं, कई विवादास्द पोस्टों से भरा पड़ा है। सिर्फ पहलगांव आतंकी हमले ही नहीं, मालेगांव विस्फोट के साथ ही, कई आपत्तिजनक पोस्टें सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर तो की ही गई हैं, सामाजिक तनाव बढ़ाने वाले कई पोस्ट भी किए गए हैं।
बताया जा रहा है कि विवादित पोस्ट को लेकर निलंबित की गई शिक्षिका को छह साल पूर्व सोनभद्र में सहायक अध्यापिका के रूप में तैनाती मिली थी। सोशल मीडिया पर दो एकांउट चलाने वाली शिक्षिका की तरफ किए जाने वाले पोस्टों में जहां सरकार की नीतियां और फैसले तो निशाने पर रहे हैं, हिंदू समाज, खासकर भाजपा और भगवान को लेकर कई आपत्जिनक टिप्पणियां की गई हैं।
सरकार के नीतिगत फैसलों को लेकर किए गए हैं विवादास्पद पोस्ट
कुछ पोस्टों में भगवा आतंकवाद तो कुछ पोस्टों में हिंदू समाज से जुड़े व्यक्तियों को आतंकवादी करार दिया गया है। जय श्रीराम.., पाकिस्तान मुर्दाबाद.. जैसे नारों की तुलना पहलगाम में आतंकियों की तरफ से धर्म पूछकर मारी गई गोली से की गई है। एक शिक्षिका होने के बावजूद सरकार की नीतिगत फैसलों पर सवाल उठाने के साथ, वक्फ बोर्ड पर भी सवाल उठाए गए हैं। सोशल मीडिया हैंडल पर ज्यादातर पोस्ट, स्वयं से न कर, शेयर कर प्रसारित किए गए हैं। धीरेंद्र शास्त्री को भी निशाने पर लिया गया है। प्रज्ञा सिंह ठाकुर को लेकर भी आपत्तिजनक पोस्ट शेयर किए गए हैं।
इस मामले में की गई है निलंबन की कार्रवाई
बताते चलें कि गत शुक्रवार को कुछ लोगों ने बीएसए मुकुल आनंद पांडेय को मालोघाट में तैनात समुदाय विशेष की एक शिक्षिका द्वारा सोशल मीडिया हैंडल पर आपत्तिजनक पोस्ट किए जाने की जानकारी दी गई थी। प्रकरण का संज्ञान लेते हुए बीएसए की तरफ से, शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया था। साथ ही मामले की जांच म्योरपुर बीईओ को सौंपी गई है। फिलहाल संबंधित शिक्षिका के सोशल मीडिया हैंडल पर जिस तरह से एक के बाद एक विवादास्पद पोस्ट सामने आए हैं, उसने बेसिक शिक्षा महकमे से जुडे़ लोगों के होश उड़ा दिया है। बताया जा रहा है कि सिर्फ सामाजिक ताने-बाने ही नहीं, सरकार की नीतिगत फैसलों पर भी तीखे सवाल और उसे धर्म विशेष से जोड़ने के मामले ने, विभागीय स्तर पर हड़कंप की स्थिति पैदा कर दी है।
शिक्षकों के लिए विभागीय आचार संहिता का पालन जरूरी
वैसे भी एक शिक्षक से बेहद ही शालीन और जिम्मेदारी से भरे पोस्ट, टिप्पणियों की अपेक्षा की जाती है। शिक्षक आचार संहिता में भी, एक शिक्षक के सही आचरण के लिए कई नियम निर्धारित किए गए हैं लेकिन जिस तरह से शिक्षकों की तरफ से हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर, सामाजिक ताने-बाने को खराब करने वाले पोस्ट सामने आ रहे हैं, उसको देखते हुए, शिक्षक आचार संहिता की नए सिरे से समीक्षा की आवाज उठाई जाने लगी है।
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