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केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के साथ की बैठक, यूपी के बिजली विभाग में सुधार को सराहा
Electricity Privatization: केंद्रीय ऊर्जा मंत्री की अध्यक्षता में मिनिस्टर्स की बैठक में सुधार पर चर्चा हुई। बिजली हानि में हुई लगातार कमी की सराहना की गई।
Union Energy Minister Manohar Lal Khattar Meeting (Photo: Social Media)
Electricity Privatization: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बिजली के निजीकरण को तत्काल रद्द करने की मांग की है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री की अध्यक्षता में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक में उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था में सुधार की चर्चा की गई। समिति ने कहा कि जब सार्वजनिक क्षेत्र में रहते हुए तकनीकी व वाणिज्यिक हानि (AT&C losses) में लगातार कमी आ रही है, तो निजीकरण की कोई आवश्यकता नहीं है।
यूपी की बिजली व्यवस्था की तारीफ
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बताया कि हाल ही में दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री की अध्यक्षता में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक में उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था में सुधार की चर्चा की गई। बैठक में बिजली की तकनीकी और वाणिज्यिक हानि में लगातार कमी की सराहना की गई। इसकी पुष्टि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने सोशल मीडिया के माध्यम से की है।
कथित घाटे का हवाला दे रहा निगम
समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग करते हुए कहा कि कि आगरा और ग्रेटर नोएडा में पूर्व में किए गए निजीकरण के प्रयोग असफल रहे हैं। बिजली निजीकरण में घोटालों और देश के अन्य हिस्सों में विफल होने को देखते हुए पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की प्रक्रिया को समाप्त किया जाए। संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन देकर निजीकरण की वकालत कर रहा है।
उत्पीड़नात्मक कार्रवाइयों से गुस्सा
संघर्ष समिति ने कर्मचारियों के साथ हो रहे व्यवहार पर नाराजगी व्यक्त की है। पदाधिकारियों ने कहा कि कड़ी मेहनत के बावजूद बिजली कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है, जो अमानवीय और उत्पीड़नात्मक कार्रवाई है। संविदा कर्मियों को बड़े पैमाने पर हटाए जाने से राज्य की बिजली व्यवस्था पर असर पड़ है। इस निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों लगातार 293वें दिन भी प्रदर्शन जारी रखा है।
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