वित्त निदेशक का कार्यालय हो सीज... उनके फैसलों की उच्च स्तरीय जांच करने की विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने की मांग

Electricity Privatization: संघर्ष समिति ने निधि नारंग द्वारा निजीकरण संबंधी लिए गए निर्णयों को निरस्त करने, उनके कार्यकाल के वित्तीय फैसलों की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। वह उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के वित्त निदेशक और बिजली निजीकरण हेतु गठित टेंडर मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष है।

Prashant Vinay Dixit
Published on: 30 July 2025 8:37 PM IST
Uttar Pradesh Electricity Privatization
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Uttar Pradesh Electricity Privatization (Photo: Network)

Electricity Privatization: उत्तर प्रदेश में बिजली निजीकरण हेतु गठित टेंडर मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष निधि नारंग का कार्यकाल नहीं बढ़ाया गया है। वह उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के वित्त निदेशक भी है। सरकार के निर्णय पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया है। समिति ने निधि नारंग द्वारा निजीकरण संबंधी लिए गए निर्णयों को तत्काल निरस्त करने, उनके कार्यकाल में लिए गए वित्तीय फैसलों की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। संघर्ष समिति उनके कार्यकाल में भारी घोटाले का आरोप लगाया है।

दस्तावेज व ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट पर सवाल

संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के लिए बने दस्तावेज बड़े घोटाले का हिस्सा हैं। इसलिए निजीकरण की प्रक्रिया निरस्त कर देनी चाहिए। उसके साथ ही निधि नारंग के कार्यकाल में निजीकरण के नाम पर किए गए घोटालों की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। समिति के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण हेतु ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की नियुक्ति की गई।

निधि नारंग ने ग्रांट थॉर्टन को दी क्लीन चिट

उसके झूठा शपथ पत्र देने की बात स्वीकार कर लेने के बावजूद ग्रांट थॉर्टन को कंसल्टेंट बनाए रखा गया। यह गंभीर मामला है। संघर्ष समिति ने कहा कि निधि नारंग ने ग्रांट थॉर्टन को 'क्लीन चिट' दी और ग्रांट थॉर्टन के जरिए निजीकरण के दस्तावेज तैयार कराए गए जो कुछ चुनिंदा निजी घरानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बनाए गए हैं। निजीकरण की वर्तमान में चल रही प्रक्रिया दस्तावेजों पर आधारित है। इसे निरस्त किया जाना चाहिए। उनके कार्यकाल में भारी घोटाले हुए है। उस कारण से उनके कार्यकाल की जांच होनी चाहिए।

निदेशालय कार्यालय को सील करने की मांग

संघर्ष समिति ने अपर मुख्य सचिव ऊर्जा को एक पत्र भेजकर तत्काल निधि नारंग के कार्यालय को सील करने की मांग की है। समिति कहा उसको यह जानकारी है कि निधि नारंग अपना कार्यकाल न बढ़ाए जाने के आदेश के बाद से कार्यालय में तमाम गुप्त गोपनीय दस्तावेजों की फोटोकॉपी करा रहे हैं। उनको बाहर लेकर जाना चाहते हैं। यह बात सच होने पर बहुत गंभीर है। समिति ने लिखा कि इस प्रकरण में अपर मुख्य सचिव ऊर्जा तत्काल हस्तक्षेप करने और निधि नारंग के कार्यालय को सील करवाएं।

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