गजब हो गया गुरू! उम्र 8 साल, बच्चे 3... महज 5 साल की एज में दिया पहले बच्चे को जन्म, जाने क्या है पूरा

UP News: यूपी के औरेया जिले से एक अजीबो गरीब खबर सामने आई है जिसे सुनकर हर कोई हैरान है।

Sonal Verma
Published on: 21 July 2025 4:41 PM IST
गजब हो गया गुरू! उम्र 8 साल, बच्चे 3... महज 5 साल की एज में दिया पहले बच्चे को जन्म, जाने क्या है पूरा
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UP News: सरकारी काम कितने बेढंगे तरीके से किया जाता है इसका जीता जागता उदाहरण यूपी के औरेया जिले से सामने आया है। यहां के अजीतमल तहसील के रामपुर गांव में सरकारी दस्तावेजों में ऐसी गड़बड़ी की गई है कि लोग देख कर हैरान है और इस मामले का काफी मजाक भी बनाया जा रहा है। यह मामला एक महिला और उसके बच्चों से जुड़ा है। सरकरा दस्तावेजों में दर्ज जन्म-तिथि में ऐसे झोल सामने आए हैं, जो किसी मज़ाक या फिल्मी कहानी जैसे लगते हैं।

सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, गांव की एक महिला ने 5 वर्ष की उम्र में पहले बच्चे को जन्म दिया, 6 वर्ष की उम्र में दूसरा और महज 8 साल की उम्र में तीसरे बच्चे की मां बन गई। ये आंकड़े पंचायत सचिव की ओर से हस्ताक्षरित परिवार रजिस्टर की नकल में दर्ज किये गये हैं। इन आंकड़ो के सामने आते ही लोग हैरान हो गये। इसके बाद से सरकारी काम काजों पर सवाल उठाये जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि सरकारी कर्मचारी इतने पढ़े-लिखे होने के बाद भी ऐसी गलती कैसे कर सकते हैं।

महिला ने लगाये हैं ये आरोप

जिस महिला के दस्तावेजों में ये फेरबदल हुआहै उसका नाम कमलेश बाताय जा रहा है। उसका आरोप है कि उसके ससुराल वालों ने संपत्ति हथियाने की नीयत से रिकॉर्ड में हेरफेर करवाया है। उसने बताया कि उसके मृत पति के नाम पर किसी दूसरी महिला को पत्नी दिखा दिया गया है और उसके नाम से तीन बच्चों को जोड़ा गया है। इस संबंध में उसने समाधान दिवस में 12 लोगों के खिलाफ शिकायत पत्र भी सौंपा है। उसने पुलिस से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।

पंचायत सचिव पर उठ रहे सवाल

हैरानी की बात यह है कि फर्जी महिला की जन्मतिथि 1984 दर्शायी गई है, जबकि उसके बच्चों की जन्म तिथियां 1989, 1990 और 1992 दर्ज हैं। जन्म तिथियों के ये आंकड़े सरकारी दस्तावेज़ों की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा करते हैं। सरकारी रजिस्टर में इस प्रकार के फर्जी आंकड़ों पर सवाल उठना लाज़मी है। अब यह मामला पंचायत सचिव की भूमिका और रिकॉर्ड-रखरखाव प्रणाली की पारदर्शिता पर भी प्रश्न खड़ा करता है। खंड विकास अधिकारी (BDO) ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा है कि उच्च अधिकारियों के निर्देश पर विस्तृत जांच शुरू की गई है। अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो जो भी दोषी होगा, सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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