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UPPCL : निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मियों का विश्वकर्मा संकल्प, आंदोलन जारी रखने की घोषणा
UPPCL: 294 दिनों से निजीकरण विरोधी आंदोलन जारी, कर्मियों ने विश्वकर्मा पूजा पर लिया संकल्प
UP electricity Workers Protest
UPPCL: विश्वकर्मा पूजा के शुभ अवसर पर उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों ने एक अनोखा संकल्प लिया है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर आज पूरे प्रदेश में बिजली कर्मियों ने भगवान विश्वकर्मा की पूजा के बाद कसम खाई कि वे अरबों-खरबों रुपये की बिजली की परिसंपत्तियों और मशीनों को किसी भी हाल में निजी हाथों में नहीं बिकने देंगे।
'मां' के समान हैं बिजली संयंत्र
संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने कहा कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के संयंत्रों और मशीनों की अनुमानित कीमत एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और पावर कॉरपोरेशन के कुछ बड़े अधिकारी, जिनकी निजी घरानों के साथ मिलीभगत है, इन परिसंपत्तियों को बेचने पर तुले हुए हैं।
बिजली कर्मियों ने इस बात पर जोर दिया कि वे हर साल विश्वकर्मा पूजा पर इन मशीनों और संयंत्रों की पूजा करते हैं और इन्हें अपनी मां के समान मानते हैं। उनका इन परिसंपत्तियों के साथ एक गहरा भावनात्मक जुड़ाव है, जिसे वे किसी भी कीमत पर टूटने नहीं देंगे।
294 दिनों से जारी है संघर्ष
कर्मचारियों ने बताया कि वे पिछले 294 दिनों से निजीकरण के खिलाफ लगातार संघर्ष कर रहे हैं। आज विश्वकर्मा पूजा के दिन भी उन्होंने पूजा के साथ-साथ निजीकरण के विरोध में अपना प्रदर्शन जारी रखा। उन्होंने कहा कि दमन और उत्पीड़न से उनका मनोबल नहीं तोड़ा जा सकता।
बिजली कर्मियों ने साफ कर दिया है कि उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक निजीकरण का फैसला वापस नहीं ले लिया जाता और कर्मचारियों पर हो रही उत्पीड़नात्मक कार्रवाइयां समाप्त नहीं हो जातीं।
इस विरोध प्रदर्शन में प्रदेश भर के प्रमुख शहरों जैसे वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, झांसी, बांदा, बरेली और मुरादाबाद सहित अन्य जनपदों में भी बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने हिस्सा लिया और अपनी आवाज बुलंद की।
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