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WHO के मानक पर खरा उतरना होगा तभी होगा मेडिकल कॉलेजों के पंजीकरण - ब्रजेश पाठक
UP News: स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था सुधारने और एक मरीज पर 3 नर्स और 3 पैरामेडिकल स्टाफ करने के लक्ष्य को पूरा करने की कवायद शुरू
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UP News: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं मंत्री ब्रजेश पाठक इन दिनों पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की गुणवत्ता को लेकर बहुत सजक नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि प्रदेश की उच्चतम स्वास्थ्य सेवाएं तभी सटीक मानी जाएगी जब वह WHO द्वारा बताए गए मानक पर खरी उतरेंगी। उन्होंने कहा कि इस समय सरकार WHO के एक महत्वपूर्ण मानक पर खरा उतरने के लिए काम कर रही है। जिससे पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा की व्यवस्था के अंदर आने वाले समय मे बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा ।
मरीजों के इलाज के लिए नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ के मानक को पूर्ण करने की प्राथमिकता
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि WHO स्वास्थ्य सेवा में उचित गुणवत्ता के लिए बहोत से मानक निर्धारित करता है। इसमें से एक महत्वपूर्ण मानक एक मरीज पर तीन नर्स व तीन पैरामेडिकल स्टाफ की जरूरत है। लेकिन उत्तर प्रदेश पूरे भारत का सबसे बड़ा प्रदेश है, जनसंख्या के अनुसार प्रदेश में नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ दोनों की ही कमी है। इसका सबसे बड़ा कारण नर्सिंग ऑफ़ पैरामेडिकल स्टाफ की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को उनके अध्ययन के दौरान उनको शैक्षिक योग्यताओं के अलावा प्रैक्टिकल ट्रेनिंग नहीं दिया जाना है, और अगर दी भी जाती है तो वह गुणवत्तापूर्ण नहीं होती है।
ट्रेनिंग में गुणवत्ता के लिए उठाए हैं बड़े कदम
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं को अब उनके अध्ययन के दौरान विशेष रूप से प्रैक्टिकल ट्रेनिंग या फिर सरल भाषा में कहें तो मरीज के इलाज के दौरान उनसे किये जाने वाली सहज व्यवहार, इलाज के दौरान मरीज को हो रही परेशानियों को गम्भीरता से लेना, मरीजों के परिजनों से सही व्यवहार जैसी गुणवत्ता को भी सिखाना बहोत जरूरी है। जिसके लिए निजी व सरकारी मेडिकल कॉलेजों को सख्त निर्देश दिए गए हैं, कि छात्र-छात्राओं मेडिकल कॉलेज में उनके प्रैक्टिकल ट्रेनिंग पर भी अधिक जोर दिया जाए। मरीज के इलाज के दौरान उन्हें हर प्रकार की गुणवत्ता सिखाई जाए। जिससे भविष्य में जब वह अपने पेशे की महत्वता को समझें और अपने ट्रेनिंग के अनुभव को लोगों की सेवा के लिए इस्तेमाल करें। जिससे उन्हें इसके सफल परिणाम हासिल हो।
WHO के मानक के अनुसार ही होगा पंजीकरण
उप मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा है कि अब जिन भी नाम निजी मेडिकल कॉलेज के पास हो के मानक अनुसार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की सुविधा नहीं होगी उन मेडिकल कॉलेज का पंजीकरण नहीं किया जाएगा। जब तक छात्रों को पढ़ाई के साथ फील्ड वर्क सीखने की पूर्ण व्यवस्था यह नहीं करेंगे तब तक सरकार इन्हें पंजीकृत नहीं करेगी।
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