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Varanasi News: वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट में लापरवाही बरतने वाले नौ थाना प्रभारी चिन्हित
Varanasi News: थानेदारों की लापरवाही के चलते कमिश्नरेट के अफसर भी हैरान- परेशान है। थानों पर जनसुनवाई नहीं करने वाले नौ थानों को पुलिस कमिश्नर ने चिन्हित किया है।
वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट में लापरवाही बरतने वाले नौ थाना प्रभारी चिन्हित (photo: social media )
Varanasi News: आमजन की समस्याओं के समाधान की शास की मंशा पर वाराणसी कमिश्नरेट के नौ थाने पानी फेर रहे हैं। इनमें जनसुनवाई नहीं होने से पीड़ित पुलिस कमिश्नर कार्यालय पर पहुंचकर फरियाद सुनाकर न्याय की मांग कर रहे है। थानेदारों की लापरवाही के चलते कमिश्नरेट के अफसर भी हैरान- परेशान है। थानों पर जनसुनवाई नहीं करने वाले नौ थानों को पुलिस कमिश्नर ने चिन्हित किया है।
पहली से चार जुलाई के बीच पुलिस कमिश्नर के यहां अपनी फरियाद लेकर पहुंचे पीड़ितों की संख्या का आकलन कर इन थानों को जनसुनवाई में लापरवाह पाया गया है। इनमें चौबेपुर, कैंट, शिवपुर, चोलापुर, सारनाथ, भेलूपुर, मडुआडीह, रोहनिया और जैतपुरा थाना शामिल है।चौबेपुर थाने से प्रतिदिन करीब नौ व कैंट थाने से आठ फरियादी जनसुनवाई ना होने से निराश होकर पुलिस कमिश्नर दफ्तर पहुंच रहे हैं। पहली जुलाई से चार जुलाई के बीच चौबेपुर थाने पर जनसुनवाई नहीं होने से परेशान होकर 42 फरियादी कैंट थाने से 35 फरियादी पुलिस कमिश्नर दफ्तर पहुंचे और अपनी पीड़ा दर्ज कराई। पुलिस कमिश्नर कार्यालय से आदेश के बाद इन पीड़ितों का मुकदमा पुलिस ने दर्ज किया।
पीड़ित जनसुनवाई नहीं होने से पुलिस कमिश्नर के पास पहुंचे
इसी तरह शिवपुर से 33 चोलापुर से 29 सारनाथ से 28 भेलूपुर से 27 मडुआडीह से 26 जैतपुरा से 21 रोहनिया थाने से भी 21 पीड़ित जनसुनवाई नहीं होने से पुलिस कमिश्नर के पास पहुंचे और न्याय की गुहार लगाई। पुलिस के आंकड़ों पर गौर करें तो इन चार दिनों में कमिश्नरेट के 30 थानों से 431 प्रार्थना पत्र पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचे। यहां से आदेश होने पर ही पुलिस ने पीड़ितों का मुकदमा दर्ज किया। इसमें जमीन विवाद के 125 मुकदमे धोखाधड़ी पैसे के लेनदेन संबंधी 71 मुकदमे महिला उत्पीड़न से संबंधित 66 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही गुमशुदगी के 20 मारपीट गाली गलौज एवं धमकी देने के 31 मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
थानों पर जनसुनवाई में बढ़ती जा रही उदासीनता से पीड़ितों को दिक्कतें बढ़ रही है और उन्हें पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंचकर अपनी फरियाद सुनानी पड़ रही है। वहीं इस बाबत पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल का कहना रहा कि थानों पर जनसुनवाई में लापरवाही बरतना या पीड़ितों की समस्या के समाधान को लेकर पुलिस द्वारा बरती जा रही उदासीनता बर्दाश्त नहीं होगी। थानों पर जनसुनवाई होती तो पीड़ितों को यहां तक नहीं आना पड़ता। थानेदारों का यह रवैया बहुत ही गैर जिम्मेदराना है। अब ऐसे थानों को हर माह चिन्हित कराकर थानेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित।
थाने चार दिन में चिन्हित हुए हैं। यहाँ के थाना प्रभारियों को सख्त हिदायत दी गई है नियमित रूप से जनसुनवाई कर पीड़ितों के समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर कराए। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही माफ् नही होगी।
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