उप-राष्ट्रपति CP राधाकृष्णन ने की मोदी-योगी की तारीफ, बोले- दो कर्मयोगियों ने बदल दी काशी की तस्वीर

उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने काशी में श्री काशी नाटकोट्टाई संस्था के नए धर्मशाला भवन का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में काशी में परिवर्तन आया है। यह भवन उत्तर और दक्षिण भारत के सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करेगा। राधाकृष्णन ने काशी के आध्यात्मिक पुनर्जागरण और धार्मिक सेवाओं की सराहना की।

Shivam Srivastava
Published on: 31 Oct 2025 9:32 PM IST
उप-राष्ट्रपति CP राधाकृष्णन ने की मोदी-योगी की तारीफ, बोले- दो कर्मयोगियों ने बदल दी काशी की तस्वीर
X

काशी एक बार फिर आस्था, संस्कृति और एकता के अद्भुत संगम की साक्षी बनी है। शुक्रवार को उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में श्री काशी नाटकोट्टाई संस्था के नए धर्मशाला भवन का उद्घाटन किया।

श्री काशी नाटकोट्टाई संस्था द्वारा 60 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस आधुनिक धर्मशाला भवन का लोकार्पण समारोह के संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि धर्म को कुछ समय के लिए संकट हो सकता है, लेकिन वह कभी स्थायी नहीं होता। आज धर्म की विजय हुई है, यह इमारत उसी की साक्षी है। उन्होंने कहा कि 25 वर्ष पूर्व जब मैं काशी आया था, तब मैं मांसाहारी था। गंगा स्नान के बाद जीवन में इतना परिवर्तन आया कि मैंने शाकाहार अपना लिया।

आज काशी पूरी तरह से बदल गई है- उपराष्ट्रपति

राधाकृष्णन ने कहा कि 25 साल पहले की काशी और आज की काशी में जमीन-आसमान का अंतर है। यह परिवर्तन केवल दो कर्मयोगियों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कारण संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि जहां नाटकोट्टाई समूह सक्रिय होता है, वहां सेवा, धर्म और प्रगति साथ-साथ चलती है। यह भवन उसी भावना का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह धर्मशाला केवल एक इमारत नहीं, बल्कि उत्तर और दक्षिण भारत के सांस्कृतिक बंधन का नया अध्याय है। उन्होंने कहा कि तमिल और काशी के बीच सदियों से चले आ रहे रिश्तों को यह भवन और मजबूत करेगा। तमिल पंडित, कवि, भक्त ज्ञान की जिज्ञासा में काशी आते रहे। कंवर गुरु, महाकवि सुब्रमण्य भारती यहां बसे। काशी तमिल संगमम ने इसे और मजबूत किया। काशी की पवित्रता पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि 72 हजार मंदिर, कण-कण में शिव, हवा में गूंजता मंत्र ओम नमः शिवाय काशी की पहचान है।

नाटकोट्टाई समूह पराए के लिए जीता है- उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति ने कहा कि 1863 में इस संस्था की स्थापना तमिलनाडु से काशी आने वाले भक्तों की सुविधा के लिए हुई थी और आज भी वही भावना जीवित है। 1942 के कर्फ्यू में भी 'शंभो' प्रणाली नहीं रुकी। ये कम नहीं, अधिक देने वाले लोग हैं। नाटकोट्टाई समूह पराए के लिए जीता है। यह सिंगापुर, बर्मा, काशी जहां भी जाता है अपनी छाप छोड़ता है।

उन्होंने अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति की वापसी और काशी-तमिल संगमम जैसे आयोजनों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में काशी का आध्यात्मिक पुनर्जागरण हो रहा है। आज हर ओर ‘हर हर महादेव’ और ‘गंगा मैया की जय’ की गूंज सुनाई दे रही है। उन्होंने कहा कि जो समाज केवल अपने लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए भी जीता है, वही सच्चे धर्म का पालन करता है। उन्होंने कहा कि धर्मशाला में 76 सोलर लैंप्स (1.5 करोड़) ग्रीन एनर्जी का प्रतीक, इससे सालाना 25 लाख रुपये की बचत होगी।

1 / 8
Your Score0/ 8
Shivam Srivastava

Shivam Srivastava

Mail ID - [email protected]

Shivam Srivastava is a multimedia journalist.

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!