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कब खत्म होता है 84 लाख योनियों का सफर? प्रेमानंद महाराज ने बड़ी सरलता से बताया जिंदगी का रहस्य
Premanand Ji Maharaj: भक्त ने प्रेमानंद महाराज से सवाल पूछा कि 84 लाख योनियों का सफर कब खत्म होता है? भक्त के सवाल को सुनते ही प्रेमानंद के चेहरे पर एक मुस्कान छा गयी।
premanand ji maharaj
Premanand Ji Maharaj: वृंदावन के मशहूर संत प्रेमानंद जी महाराज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। उनसे भेंट करने के लिए दूर-दूर से भक्त उनके आश्रम पहुंचते हैं। महाराज भी बड़े सहज भाव से भक्तों से मुलाकात करते हैं और उनकी मन की सभी शंकाओं को दूर भी करते हैं। स्टार क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा भी प्रेमानंद जी महाराज से समय-समय पर भेंट करने के लिए उनके आश्रम जाते हैं।
रोजाना कई भक्त अपनी समस्याओं को लेकर प्रेमानंद जी महाराज के समक्ष खड़ होते हैं और वह बड़ी ही सरलता के साथ भक्तों का मार्गदर्शन करते हैं। ऐसे ही एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से सवाल पूछा कि 84 लाख योनियों का सफर कब खत्म होता है? भक्त के सवाल को सुनते ही प्रेमानंद के चेहरे पर एक मुस्कान छा गयी।
84 लाख योनियों के सफर का बताया सच
प्रेमानंद महाराज ने भक्त की बातें सुनकर कहा कि 84 लाख योनियों के सफर का ऐसा कोई भी रिकॉर्ड नहीं है। यह भगवान की माया का खेल है। ऐसी भी योनियां भी हैं जिसमें एक योनि में दस-दस हजार साल में जन्म हो। उन्होंने इसका उदाहरण भी दिया कि जिस तरह सर्प योनी है। सर्प योनि में कोबरा और अजगर है। अगर सर्प योनि में जन्म मिले तो लाखों वर्ष इस योनि में बिताने पड़ेंगे। फिर इसके बाद और भी कई योनियां है।
उन्होंने भक्तों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि 84 लाख योनियों को पार करने के बारे में मत सोचो। इसी जन्म में सारे काम बना लो। मनुष्य जन्म मिला है तो भगवान का भजन करो ताकि 84 लाख योनियों में न जाना पड़े। भगवान का पूजन करें ताकि उनका आश्रय मिल जाए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर दूसरा जन्म भी मिले तो वह मनुष्य का हो ताकि हम फिर से भगवान का भजन कर सकें और समाज की सेवा कर सकें। उन्होंने कहा कि अन्य सभी योनियां बड़ी ही दुखदायी हैं। जीवों को बहुत सारे कष्ट झेलने पड़ते हैं।
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