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कौन हैं माता बदल तिवारी? जिन्हें अपना दल (एस) ने बनाया उपाध्यक्ष, आशीष पटेल से भी ऊपर रखा गया नाम
UP Politics: अनुप्रिया पटेल ने दो दिन पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन कर दिया है। नई कार्यकारिणी में सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि आशीष पटेल का डिमोशन हुआ है।
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UP Politics: अपना दल (एस) में इन दिनों घमासान मचा हुआ है। पार्टी में मचे घमासान के बीच अनुप्रिया पटेल ने दो दिन पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन कर दिया है। नई कार्यकारिणी में सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि आशीष पटेल का डिमोशन हुआ है। कैबिनेट मंत्री और अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष से अब उपाध्यक्ष बनाया गया है।
यहीं नहीं पार्टी में दो उपाध्यक्ष नामित किये गये हैं। जिनमें आशीष पटेल के साथ माता बदल तिवारी का नाम भी शामिल है। गौर करने वाली बात यह है कि पदाधिकारियों की सूची में माता बदल पटेल का नाम ऊपर रखा गया है वहीं आशीष पटेल का नाम नीच है। ऐसे में माता बदल तिवारी के नाम को लेकर सुर्खियां तेज हो गयी हैं।
कौन हैं उपाध्यक्ष माता बदल तिवारी
माता बदल तिवारी जौनपुर के बरसठी ब्लॉक के मलाई गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बीए एलएलबी की पढ़ाई पूरी करने के बाद हाईकोर्ट में अधिवक्ता के रूप में प्रैक्टिस की है। अपना दल में आने से पहले माता बदल तिवारी भारतीय जनता पार्टी में काफी लंबे समय तक रहे। उन्होंने भाजपा के बरसठी में मंडल उपाध्यक्ष का पदभार भी संभाल है। इसी दौरान उनकी मुलाकात अपना दल संस्थापक सोनेलाल पटेल से हुई और वह भाजपा को छोड़ उनके साथ आ गए।
उनका दावा है कि वह अपना दल में शामिल होने वाले पहले ब्राह्मण नेता हैं। 2007 के चुनाव के दौरान माता बदल ने बरसठी सीट से टिकट मांगा। लेकिन गठबंधन होने के कारण वह सीट भाजपा के पाले में चली गयी। हालांकि सोनेलाल ने उन्हें मड़ियाहू सीट पर टिकट देने की बात कहीं। लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। इसके बाद सोनेलाल ने उन्हें यूपी का प्रदेश प्रभारी बनाकर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी। साल 2009 में सोनेलाल पटेल के निधन के बाद कृष्णा पटेल पार्टी की अध्यक्ष और अनुप्रिया पटेल महासचिव बनीं। इसके बाद पार्टी में गुटबाजी होने लगी। साल 2012 में बरसठी सीट मड़ियाहू में शामिल हो गयी। तब भी माता बदल ने चुनाव लड़ने के लिए टिकट की मांग की। लेकिन उस समय भी उनकी जगह माफिया मुन्ना बजरंगी को टिकट दे दिया गया।
पार्टी के दो फाड़ होने के बाद भी माता बदल अनुप्रिया पटेल के ही साथ रहे। तब उन्हें यूपी का महासचिव नामित किया गया। 2017 में भी वह चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उस समय भी टिकट लीना तिवारी को दे दिया गया। इसके बाद कई नेताओं ने अपना दल छोड़कर नई पार्टी अपना दल बलिहारी बना ली। माता बदल भी उसी दल में चले गये।
इसके बाद माता बदल को पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट देकर मैदान में उतरने का ऑफर दिया गया। लेकिन तब उन्होंने इनकार कर दिया। हालांकि वह फिर से अपना दल (एस) में शामिल हो गये। पार्टी में शामिल होने के बाद अनुप्रिया पटेल ने उन्हें राष्ट्रीय सचिव का पदभार सौंपा। अब उनका कद और बढ़ा दिया गया है। अब उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया है।
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