उत्तराखंड सीएम ने की उत्तरकाशी आपदा नियंत्रण कक्ष से राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों एवं सेना के प्रतिनिधियों से ली जानकारी

Uttarakhand News: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा उत्तरकाशी आपदा नियंत्रण कक्ष से राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की गई।

Newstrack Desk
Published on: 6 Aug 2025 1:08 PM IST
CM Pushkar Singh Dhami
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CM Pushkar Singh Dhami

Uttarakhand News: उत्तरकाशी जनपद के धराली क्षेत्र में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के दृष्टिगत मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष से राहत एवं बचाव कार्यों की गहन समीक्षा की। मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों एवं सेना के प्रतिनिधियों से स्थिति की वस्तुनिष्ठ जानकारी प्राप्त की और उन्हें राहत कार्यों को तीव्र गति से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में रेस्क्यू एवं मेडिकल कैंप्स की स्थापना कर दी गई है तथा प्रभावितों के लिए भोजन एवं आवश्यक सामग्री की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।


राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर प्रारम्भ

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि, "राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर प्रारम्भ कर दिए गए हैं। भारतीय वायुसेना के चिनूक व एमआई-17 हेलीकॉप्टर पूरी तरह से तैयार स्थिति में हैं, ताकि आवश्यकतानुसार शीघ्रतम कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। प्रदेश सरकार राहत कार्यों को प्राथमिकता देते हुए प्रत्येक प्रभावित नागरिक तक सहायता पहुँचाने हेतु कटिबद्ध है।"



क्या हुआ उत्तरकाशी में?

उत्तरकाशी में स्थित धराली (Dharali) में अचानक भारी मात्रा में बारिश होने के कारण जल तबाही (Cloud Burst) आ गई। इस घटना में जान माल का काफी नुकसान हुआ है। सेना के कैंप भी प्रभावित हुए और हमारे कई जवान भी लापता हैं। यहां लोगों को बचाने और उन्हें सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के लिए राहत कार्य जारी हैं।

बादल फटने से धराली बाजार मलबे में तबदील

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के बीच खीर गंगा क्षेत्र में बादल फटने की बड़ी घटना का भयानक मंजर देख लोग दहल गये हैं। धराली में बादल फटने के बाद बाजार मलबे में तब्दील हो गया। गंगा घाटी के खीर गंगा क्षेत्र में हालात बेहद भयावह हैं और जिला प्रशासन राहत-बचाव कार्य में जुट गया है। इस हादसे में कई लोगों के बहने की आशंका है। धराली बाजार तेज बहाव और मलबे की चपेट में आ गया है, जिससे पूरा क्षेत्र तबाही की तस्वीर में बदल गया है।

इसलिए हुई इतनी भयंकर तबाही

इस घटना से प्रभावित पूरे इलाके में हाल के दिनों में लगातार बारिश के कारण जमीन पहले से ही पानी से भरी थी और मिट्टी पहले ही कमजोर हो चुकी थी। तेज बारिश ने कमजोर ढलानों को तोड़ दिया, जिससे अचानक कीचड़ और मलबे का बहाव हुआ। इसका मतलब यह नहीं है कि तबाही कम थी, बल्कि यह एक वैज्ञानिक वर्गीकरण है ताकि मौसम और आपदा प्रबंधन विभाग ठीक-ठीक मॉनिटरिंग और अलर्ट सिस्टम तैयार कर सकें।

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Sonal Verma

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