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Uttarakhand News: उत्तराखंड ने रचा इतिहास, बना देश का पहला राज्य
Uttarakhand News: उत्तराखंड ने रचा इतिहास, सीएम धामी ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण से की ऐतिहासिक घोषणा
Uttarakhand News: 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तराखंड ने एक नया इतिहास रच दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में राज्य की पहली योग नीति 2025 का ऐलान किया। यह नीति लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है।
उत्तराखंड बना वेलनेस डेस्टिनेशन
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह नीति राज्य को वैश्विक वेलनेस डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस अवसर पर आठ मित्र देशों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को योग और अध्यात्म की वैश्विक राजधानी बनाने का संकल्प लिया गया है।
योग और वेलनेस केंद्रों को मिलेगी सब्सिडी
सीएम धामी ने घोषणा की कि इस नीति के तहत राज्य में योग और वेलनेस केंद्रों की स्थापना पर 20 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। साथ ही योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शोध कार्यों के लिए 10 लाख रुपये तक की ग्रांट का भी प्रावधान किया गया है।
2030 तक बनेंगे पांच नए योग हब
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2030 तक उत्तराखंड में पांच नए योग हब स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही मार्च 2026 तक राज्य के सभी आयुष स्वास्थ्य एवं वेलनेस केंद्रों में योग सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
दो आध्यात्मिक शहर, स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन
सीएम धामी ने ऐलान किया कि कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों में एक-एक आध्यात्मिक शहर विकसित किए जाएंगे। इन शहरों को योग, आयुर्वेद और अध्यात्म का केंद्र बनाया जाएगा, जिससे राज्य की वैश्विक पहचान स्थापित हो सके। इसके अतिरिक्त दोनों क्षेत्रों में एक-एक स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन भी स्थापित किया जाएगा, ताकि आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, योग और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।
शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक संतुलन का माध्यम
सीएम धामी ने योग को प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली बताते हुए कहा कि यह मन, आत्मा और शरीर के बीच पूर्ण संतुलन स्थापित करता है। योग से न केवल शरीर स्वस्थ रहता है, बल्कि मानसिक शांति, आत्मिक स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा भी प्राप्त होती है।
'एक वृक्ष, योग के नाम' अभियान
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विधान सभा परिसर, भराड़ीसैंण में एक सेब का पौधा भी लगाया। यह पौधरोपण 'एक वृक्ष, योग के नाम' कार्यक्रम के तहत किया गया, जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और योग के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना है।
विदेशी प्रतिनिधियों की उपस्थिति, सामूहिक योग
इस अवसर पर मेक्सिको के भारत में राजदूत फेडरिको सालास, आर्थिक मामलों के प्रमुख रिकार्डो डैनियल डेलगाडो, और कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम में आठ मित्र देशों के प्रतिनिधियों के साथ सामूहिक योगाभ्यास किया गया, जिसे मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड को योग और अध्यात्म की वैश्विक राजधानी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।
सीएम धामी ने स्थानीय लोगों से संवाद करते हुए उन्हें योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाने का संदेश भी दिया और कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए योग का कोई विकल्प नहीं।
उत्तराखंड सरकार की यह ऐतिहासिक पहल न केवल राज्य की पहचान को वैश्विक स्तर पर सुदृढ़ करेगी, बल्कि योग और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में रोजगार, पर्यटन और शोध को भी एक नई दिशा देगी।
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