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DM-SP की कुर्सी अब टॉपर्स के नाम! CM धामी ने किया ऐलान, सोशल मीडिया पर तहलका
Uttarakhand: उत्तराखंड सरकार ने शिक्षा और पर्यावरण के क्षेत्र में दो बड़ी और महत्वपूर्ण पहलों की घोषणा की है।
Uttarakhand (photo credit: social media)
Uttarakhand: उत्तराखंड सरकार ने शिक्षा और पर्यावरण के क्षेत्र में दो बड़ी और महत्वपूर्ण पहलों की घोषणा की है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के 10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षा में टॉप करने वाले छात्रों को एक दिन के लिए उनके जनपद का जिलाधिकारी (DM) और पुलिस अधीक्षक (SP) बनाए जाने की योजना को मंजूरी दी है। इसके साथ ही राज्य की प्रमुख नदियों के संरक्षण को लेकर ‘नदी उत्सव’ शुरू करने के आदेश भी दिए गए हैं।
टॉपर्स को मिलेगा नया अनुभव
मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को उनके जिलों में एक दिन का DM और SP बनाया जाएगा। इसका उद्देश्य ये है कि इन मेधावी छात्रों को प्रशासनिक कार्य प्रणाली का गहनता से अनुभव कराया जाए, जिससे उनके आत्मविश्वास में वृद्धि हो सके और वे भविष्य में बड़े लक्ष्यों को हासिल करने के लिए पूरी तरह से तैयार हो सकें।
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि इस योजना को लेकर सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेज दिया जाये और जल्द ही इसकी कार्ययोजना बनाई जाए। यह योजना छात्रों के लिए सम्मान कर गौरव का प्रतीक तो होगी ही, साथ ही युवा पीढ़ी को सरकारी तंत्र की बेहतर समझ भी देगी।
‘नदी उत्सव’ से जुड़ेगी जनता
मुख्यमंत्री ने दूसरी बड़ी घोषणा ‘नदी उत्सव’ को लेकर की है। राज्य की प्रमुख नदियों के नाम पर यह उत्सव आयोजित किया जाएगा, जिसमें स्थानीय जनता की हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाएगी। इस उत्सव का उद्देश्य नदियों की स्वछता, पुनर्जीवन और संरक्षण को लेकर जनजागरूकता फैलाना है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड की नदियां केवल जलस्रोत नहीं हैं, बल्कि हमारी संस्कृति और जीवनशैली की बड़ी पहचान हैं। ‘नदी उत्सव’ के माध्यम से नदियों को बचाने के लिए जनसहभागिता को बढ़ावा दिया जाएगा और स्वच्छता व जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाई जाएगी।
शिक्षा और पर्यावरण पर फोकस
विशेषज्ञों के मुताबिक, मुख्यमंत्री धामी की ये दोनों पहलें युवाओं और जनमानस को सकारात्मक मार्ग की ओर प्रेरित करेंगी। जहां एक तरफ मेधावी छात्रों को प्रशासनिक अनुभव देकर उनकी क्षमता और आत्मबल में वृद्धि किया जाएगी, वहीं दूसरी तरफ ‘नदी उत्सव’ जैसे आयोजनों से समाज में पर्यावरण संरक्षण की भावना प्रबल होगी।
बता दे, राज्य सरकार की यह दोहरी रणनीति आने वाले वक़्त में न सिर्फ छात्रों को सशक्त बनाएगी, बल्कि राज्य की प्राकृतिक धरोहरों की सुरक्षा में भी मील का पत्थर साबित हो सकती है।
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