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Mathura Flood Alert: यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील
Mathura Flood Alert: हथिनीकुंड से छोड़ा गया पानी 4-6 सितंबर को मथुरा पहुँचेगा, बाढ़ का खतरा बढ़ा।
Mathura Flood Alert:Mathura News : हथिनीकुंड से अधिक मात्रा में छोड़े गए पानी के बाद सोमवार को जिलाधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह ने आपातकालीन बैठक बुलाई। सभी अधिकारियों से अलर्ट रहने और बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में की जाने वाली विभिन्न व्यवस्थाओं के संबंध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।
पानी 4 से 5 सितंबर तक मथुरा में पहुंचेगा। इससे यमुना का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच जाएगा। आपको बता दें कि डीएम ने जिले के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों सहित सभी उप-जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गांव-गांव में जाकर बैठक करें। ग्राम स्तर पर टीम बनाई जाए, जिसमें पंचायती राज विभाग, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, पशुपालन विभाग, विद्युत विभाग, विकास विभाग आदि के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को तैनात किया जाए। सभी बाढ़ प्रभावित ग्रामों को चिन्हित करते हुए वहां पर टीम लगाई जाएं।
समय पर बैरियर एवं बैरीकेडिंग की जाए
सीएसओ को बाढ़ क्षेत्र में एंबुलेंस व मेडिकल टीम को तैनात करने के निर्देश हैं। जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए परिवारों एवं पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की व्यवस्था करें। सभी के खाने, रहने, और व्यापक व्यवस्थाएं सुनिश्ति करें। ताकि हालात बेकाबू होने के बाद भी किसी को कोई परेशानी न हो सके। साथ ही उन्होने ने कहा कि शेल्टर होम में सभी मूल-भूत सुविधाएं होनी चाहिए और सभी उप जिलाधिकारी स्वयं जाकर बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण करेंगे। वहीं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने कहा कि नाव व स्टीमर में बेसिक सेफ्टी इक्विपमेंट अवश्य होने चाहिए। पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों एवं सड़कों पर समय पर बैरियर एवं बैरीकेडिंग की जाए। वाहनों का आवागमन रोका जाए। इस दौरान एडीएम डॉ. पंकज कुमार वर्मा, अमरेश कुमार, सभी एसडीएम, सीएमओ, सीवीओ समेत सभी अधिकारी मौजूद रहे।
एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में
सीमाओं को लांघ चुकी यमुना की धारा अब लोगों पर भारी पड़ रही है। बाढ़ के चलते घर का सामान बर्बाद होने के कारण लोगों की आंखों से भी अश्रुधारा बह रही है। पहले से ही खतरे के निशान के ऊपर बह रही यमुना का जलस्तर सोमवार को पांच सेंटीमीटर और बढ़कर 166.26 मीटर तक पहुंच गया। वहीं हथिनीकुंड बैराज से 3.29 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से हालात और बिगड़ सकते हैं। ऊपर से छोड़ा जा रहा पानी यमुना के रौद्र रूप को शांत नहीं होने दे रहा है। हालात इतने खराब हैं कि वृंदावन के खादर क्षेत्र, जयसिंहपुरा के साथ ही शेरगढ़ और नौहझील क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं। कई गांवों में तो हालात इतने खराब हैं कि घरों तक में पानी भर गया है। हर दिन लोगों को यही उम्मीद रहती है कि शायद अब यमुना का जलस्तर घट जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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