अमेरिका-चीन 'ट्रेड वॉर' का नया धमाका! रूस के तेल ने भड़काया विवाद, भारत पर भी 50% टैरिफ का 'ट्रंप अटैक'? टैरिफ की पूरी कहानी जानें!

अमेरिका-चीन व्यापारिक तनाव में नया मोड़, रूस से तेल खरीदने को लेकर विवाद बढ़ा। ट्रंप ने चीन पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए, वहीं भारत पर 50% टैरिफ का हमला। जानें पूरी कहानी और वैश्विक व्यापार पर असर।

Harsh Sharma
Published on: 18 Oct 2025 8:06 AM IST (Updated on: 18 Oct 2025 8:06 AM IST)
अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर का नया धमाका! रूस के तेल ने भड़काया विवाद, भारत पर भी 50% टैरिफ का ट्रंप अटैक? टैरिफ की पूरी कहानी जानें!
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US-China Trade: अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है, खासकर जब से रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर आर्थिक प्रतिबंधों की घोषणा की है, और अब अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने चेतावनी दी है कि अमेरिका चीन पर रूसी तेल खरीदने के कारण टैरिफ लगा सकता है। यह कदम रूस के समर्थन में चीन द्वारा की जा रही गतिविधियों के कारण उठाया जा रहा है।

वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट का बयान: चीन ने रूस को युद्ध में मदद की

वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध में चीन ने रूस को मदद प्रदान की है, और इसका स्पष्ट उदाहरण यह है कि यूक्रेन में चलने वाले रूसी ड्रोन में चीनी पुर्जों का इस्तेमाल किया जा रहा है। अमेरिका इस मुद्दे पर यूरोप और अन्य सहयोगियों से भी कार्रवाई करने की उम्मीद कर रहा है। उन्होंने कहा कि रूस के तेल की खरीद चीन के लिए रूस की युद्ध मशीनों को ईंधन देने जैसा है, क्योंकि चीन रूसी ऊर्जा का 60% हिस्सा खरीदता है। वहीं, ईरानी तेल का 90% भी चीन खरीदता है।

डोनाल्ड ट्रंप का चीन पर आरोप: व्यापार में आक्रामक रुख

डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस बात का विरोध करते हुए कहा था कि चीन ने व्यापार के मामले में बहुत आक्रामक रुख अपनाया है, और वह अमेरिका पर आर्थिक हमले कर रहा है। उन्होंने चीन के द्वारा उत्पादों पर लागू निर्यात प्रतिबंधों को भी नैतिक अपमान करार दिया। इसके जवाब में चीन ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है, और कहा है कि वह अमेरिका से लड़ाई नहीं चाहता, लेकिन अगर जरूरी हुआ तो वह जवाबी कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हटेगा। भारत भी इस विवाद से अछूता नहीं है। अमेरिका ने पहले भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया था, और फिर इसे बढ़ाकर 50% कर दिया। इसके पीछे यह तर्क था कि भारत रूस से तेल खरीद रहा है, जो रूस की आर्थिक मदद करने जैसा है। अमेरिका का आरोप था कि भारत इस तरीके से रूस के साथ व्यापार कर रहा है, जो अमेरिका के साथ उसके रिश्तों के लिए खतरनाक हो सकता है।

अमेरिका का दबाव: रूस के समर्थन से दूर रहने की चेतावनी

इस ताजे टैरिफ विवाद ने यह साफ कर दिया है कि अमेरिका दुनिया भर के देशों को रूस के समर्थन से दूर रहने के लिए दबाव बना रहा है, खासकर उन देशों को जो रूस से तेल और गैस खरीद रहे हैं। चीन और भारत जैसे बड़े देश इस मुद्दे पर अब दोहरे दबाव में हैं, और यह देखना होगा कि इन टैरिफों के चलते वैश्विक व्यापार पर क्या असर पड़ता है।

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