चुनाव लड़ सकती है Sheikh Hasina! यूनुस की बड़ी चाल या दरियादिली? बांग्लादेश में नई साजिश का पर्दाफाश

Bangladesh political crisis: बांग्लादेश में सत्ता पलटने के बाद पहली बार यूनुस ने बीबीसी से खुलकर बातचीत की है और इस इंटरव्यू ने सबको चौंका दिया है। उन्होंने कहा है कि शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर जो अस्थाई बैन लगाया गया है, वह स्थायी नहीं है।

Harsh Srivastava
Published on: 23 Jun 2025 8:02 PM IST
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Bangladesh political crisis: बांग्लादेश की सियासत में इस वक्त भूचाल मचा हुआ है। तख्तापलट के बाद देश की कमान संभाल रहे चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस ने अब वो बयान दे दिया है जिसने पूरे खेल को उलझा दिया है। अब तक जिस शेख हसीना और उसकी पार्टी अवामी लीग को लोकतंत्र का दुश्मन बता रहे थे, उसी को लेकर यूनुस ने नया पैंतरा खेला है। और ये कोई मामूली बयान नहीं, बल्कि पूरी अंतरराष्ट्रीय साजिश की एक झलक है, जिसकी जड़ें लंदन से लेकर ढाका तक फैली हैं।

बांग्लादेश में सत्ता पलटने के बाद पहली बार यूनुस ने बीबीसी से खुलकर बातचीत की है और इस इंटरव्यू ने सबको चौंका दिया है। उन्होंने कहा है कि शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर जो अस्थाई बैन लगाया गया है, वह स्थायी नहीं है। यूनुस ने यह भी कह दिया कि अगर चुनाव आयोग चाहे तो अवामी लीग 2026 के चुनाव में हिस्सा ले सकती है। सीधे शब्दों में कहें तो जिस पार्टी को लोकतंत्र के लिए खतरा बताकर सत्ता छीनी गई, उसी को अब ‘फेयर चांस’ देने की बात हो रही है। लेकिन असली खेल तो पर्दे के पीछे चल रहा है।

हसीना भागीं तो माफ कर दिया… लेकिन अब भारत से एक्टिव हो गईं!

यूनुस ने इंटरव्यू में चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा कि जब शेख हसीना बांग्लादेश छोड़कर भाग गईं, तो हमने सोचा कि पुरानी बातों को भुलाकर आगे बढ़ना चाहिए। लेकिन मामला तब बिगड़ गया जब हसीना भारत पहुंच कर फिर से सक्रिय हो गईं। यही नहीं, यूनुस ने यह भी कहा कि बांग्लादेशी जनता हसीना की भारत से हो रही गतिविधियों पर नाराज है। यूनुस का साफ संकेत था कि हसीना का भारत से समर्थन जुटाना बांग्लादेश के अंदर गुस्से की आग को और भड़का रहा है।

यह पहली बार नहीं है जब शेख हसीना पर भारत से मिली मदद के आरोप लगे हों। लेकिन अब जबकि बांग्लादेश में सत्ता पर फौजी हुकूमत जैसी यूनुस की अंतरिम सरकार बैठी है, ऐसे में भारत से हसीना का एक्टिव होना सीधे-सीधे यूनुस सरकार की ताकत को चुनौती देने जैसा है। यूनुस ने एक और बड़ा हमला करते हुए कहा कि शेख हसीना पर बांग्लादेश में गंभीर आरोप हैं। उन पर भ्रष्टाचार, चुनावी लूट और यहां तक कि नरसंहार जैसे गंभीर आरोप दर्ज हैं। यूनुस ने साफ कर दिया कि अगर हसीना इसी तरह सक्रिय रहीं, तो देश में अस्थिरता और बढ़ सकती है।

लंदन डील का पर्दाफाश – असली खेल कुछ और है!

यूनुस के इस यूटर्न का असली कारण बांग्लादेश के भीतर नहीं, बल्कि लंदन में छिपा हुआ है। यूनुस के लंदन दौरे के दौरान उनकी मुलाकात बांग्लादेश नेशनल पार्टी (BNP) के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान से हुई। इस मुलाकात में बांग्लादेश की सत्ता को लेकर एक गुप्त डील होने की खबरें जोर पकड़ रही हैं। इस डील के मुताबिक यूनुस फरवरी 2026 में आम चुनाव कराएंगे और फिर मार्च से पहले सत्ता तारिक रहमान के हाथों सौंप देंगे।

ये वही तारिक रहमान हैं जो खुद लंदन में निर्वासन में हैं और जिन पर बांग्लादेश में भ्रष्टाचार से लेकर हत्या तक के गंभीर आरोप हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि यूनुस अब तारिक को सत्ता में लाने की तैयारियों में जुट चुके हैं। तो शेख हसीना पर अचानक नरमी क्यों? असल में यूनुस जान चुके हैं कि अवामी लीग पर बैन लगाकर वो खुद पर पक्षपात के आरोप झेल रहे हैं। अब चुनाव में लीग को ‘लड़ने की आजादी’ देकर वो अपनी साख बचाना चाहते हैं, ताकि दुनिया को दिखा सकें कि चुनाव निष्पक्ष होंगे। लेकिन पर्दे के पीछे पूरा खेल तारिक रहमान को सत्ता दिलाने का ही है।

बांग्लादेश में बगावत की आहट, यूनुस सरकार पर चारों तरफ से हमला

यूनुस का ये यूटर्न अब उनके अपने लोगों के गले नहीं उतर रहा। अवामी लीग पर बैन लगाने की मांग करने वाले युवा नेता नाहिद इस्लाम समेत कई प्रभावशाली चेहरे यूनुस के खिलाफ खुलकर बोलने लगे हैं। नाहिद का कहना है कि जिस पार्टी ने हजारों बांग्लादेशियों का खून बहाया, उसे चुनाव लड़ने देने का मतलब है शहीदों के खून से गद्दारी करना। बांग्लादेश की सड़कों पर भी माहौल बदल रहा है। सोशल मीडिया पर ‘#NoDealWithHaseena’ ट्रेंड कर रहा है। विपक्ष ही नहीं, खुद यूनुस सरकार के सहयोगी भी अब सवाल पूछ रहे हैं – क्या यह सारा खेल सिर्फ एक भ्रष्ट नेता को बचाने का षड्यंत्र है?

क्या बांग्लादेश फिर से आग में झोंका जाएगा?

यूनुस का यह बयान सिर्फ एक इंटरव्यू नहीं था, बल्कि आने वाले महीनों के लिए बांग्लादेश के भविष्य की पटकथा का ट्रेलर था। अवामी लीग का चुनाव लड़ना या न लड़ना अब सिर्फ एक राजनीतिक बहस नहीं, बल्कि पूरे बांग्लादेश की स्थिरता का सवाल बन चुका है। शेख हसीना की सक्रियता, भारत से उनका संपर्क और लंदन में की गई डील – सब मिलकर बांग्लादेश को एक बार फिर गृहयुद्ध जैसी स्थिति में धकेल सकते हैं। सवाल यही है — क्या बांग्लादेश के लोकतंत्र के साथ फिर से खेल होगा? या जनता इस बार पूरी साजिश को ध्वस्त कर देगी?

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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