×

म्यांमार में चीन ने खोला मौत का कारखाना!" – खजाने की तलाश में जिंदा लोगों को कब्र में झोंक रहा है ड्रैगन

China Myanmar rare earth mining: कभी हरे-भरे पहाड़ों और सांस्कृतिक विरासत से लबालब रहा म्यांमार अब ऐसा नरक बन चुका है, जहां इंसानों की कीमत मिट्टी से भी कम है। बीते चार साल से गृहयुद्ध की आग में झुलसता म्यांमार अब चीन के लालच का कब्रिस्तान बन चुका है।

Harsh Srivastava
Published on: 30 Jun 2025 4:47 PM IST
म्यांमार में चीन ने खोला मौत का कारखाना! – खजाने की तलाश में जिंदा लोगों को कब्र में झोंक रहा है ड्रैगन
X

China Myanmar rare earth mining: कभी हरे-भरे पहाड़ों और सांस्कृतिक विरासत से लबालब रहा म्यांमार अब ऐसा नरक बन चुका है, जहां इंसानों की कीमत मिट्टी से भी कम है। बीते चार साल से गृहयुद्ध की आग में झुलसता म्यांमार अब चीन के लालच का कब्रिस्तान बन चुका है। यह कोई अतिशयोक्ति नहीं, बल्कि एक खौफनाक सच्चाई है – चीन ने म्यांमार की धरती के नीचे छिपे दुर्लभ मृदा तत्वों (Rare Earth Elements) की दौलत को लूटने के लिए वहां इंसानों को जिंदा जलाने जैसा कारोबार शुरू कर दिया है। और सबसे डरावनी बात यह है कि पूरी दुनिया इस नरक की तरफ आंखें मूंदे बैठी है।

मौत की खान, ज़हर की नदियां और दम घोंटती हवा

जिस धरती से एक देश उठ खड़ा होता है, उसी धरती को चीन ने अब जहर बना दिया है। म्यांमार के पहाड़ जो कभी जीवन का स्रोत थे, अब खनन के नाम पर काले गड्ढों में तब्दील हो चुके हैं। म्यांमार की पर्यावरण कार्यकर्ता लाहटाव काई ने जर्मन मीडिया DW को जो बताया, वह सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं – “यहां सांस लेना भी नामुमकिन है। मजदूरों से ज़हर भरे माहौल में काम करवाया जा रहा है – न दस्ताने, न मास्क, न सुरक्षा। जब वे बीमार पड़ते हैं, तो बाहर फेंक दिए जाते हैं… और उनकी जगह नए मजदूर लाए जाते हैं – जैसे इंसान नहीं, कोई औजार हो।” यह कोई एक जगह की कहानी नहीं, बल्कि म्यांमार के उत्तरी हिस्सों में फैली सैकड़ों चीनी खनन साइट्स का हाल है, जहां मजदूरों को रसायनों के जहरीले तालाबों में उतारकर उनसे ‘रेयर अर्थ’ निकाला जाता है… और फिर उन्हें बीमार छोड़ दिया जाता है।

रेड रिवर ऑफ डेथ – खनन के लिए नदियों में उड़ेला गया ज़हर, गांवों में फैली लाशों की बदबू!

थाईलैंड के मानवाधिकार कार्यकर्ता सेंग ली का दावा और भी भयावह है। उन्होंने बताया कि जब तक खनन नहीं हुआ था, तब तक “पहाड़ हरे और नदियां साफ थीं। लेकिन अब नदियां लाल हो चुकी हैं – खून की तरह।” खनन के लिए इस्तेमाल होने वाले रसायन सीधे नदियों में डाल दिए जा रहे हैं, जिससे न सिर्फ मछलियां मर चुकी हैं, बल्कि पीने का पानी भी जहर बन गया है। गांवों में कैंसर, फेफड़े की बीमारियां और अजीब संक्रमण तेजी से फैल रहे हैं, और सरकार पूरी तरह चुप है – क्योंकि खनन चीन का है, मौत म्यांमार की है।

डिवाइसेज़, ड्रोन, टैंक, मिसाइल, यहां तक कि मोबाइल फोन तक, सब इन्हीं तत्वों पर निर्भर हैं

चीन ने बड़ी चतुराई से अपने देश में खनन को कम कर दिया है ताकि अपनी मिट्टी को बचा सके, लेकिन उसके बाद उसने म्यांमार को खनन का ‘गुलाम देश’ बना दिया। ग्लोबल विटनेस की रिपोर्ट बताती है कि 2021 में चीन ने म्यांमार से 18,500 टन रेयर अर्थ एलिमेंट्स आयात किए थे, जो 2023 में दोगुना होकर 41,700 टन पहुंच गए! ये आंकड़े बताते हैं कि म्यांमार की हर गहराई अब चीन की मशीनों के पंजों में है।

अमेरिका से प्रेरणा लेकर चीन कर रहा है म्यांमार की कब्रगाह तैयार

डेलावेयर यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर जूलीक क्लिंगर का खुलासा और भी चौंकाने वाला है – वह मानती हैं कि चीन की ये रणनीति अमेरिका से प्रेरित है। जिस तरह वॉशिंगटन ने अपने यूरेनियम भंडार को भविष्य के लिए बचाने के लिए खनन को सीमित कर दिया, वैसे ही चीन ने अपने रेयर अर्थ भंडार को सुरक्षित रखने के लिए म्यांमार का दोहन शुरू कर दिया है। इसका मतलब साफ है – जब दुनिया युद्ध के लिए तैयार होगी, तो चीन के पास अपने खजाने की ताकत होगी… और म्यांमार तब तक सिर्फ एक ‘रेड ज़ोन’ रह जाएगा – एक ऐसा ज़ोन, जहां इंसानों की आत्माएं रसायनों के साथ उड़ जाएंगी।

दुनिया क्या कर रही है? – चुप, अंधी और शायद दोषी भी!

सबसे बड़ा सवाल यही है – जब चीन एक देश को मौत की खदान में तब्दील कर रहा है, तो संयुक्त राष्ट्र क्यों चुप है? पर्यावरण संगठन कहां हैं? मानवाधिकार आयोग क्यों नहीं बोल रहा? क्या रेयर अर्थ की चमक ने दुनिया की आंखें बंद कर दी हैं? या म्यांमार का मरना अब अंतरराष्ट्रीय राजनीति के लिए ‘कोलैटरल डैमेज’ बन चुका है?

भारत के लिए चेतावनी! चीन की नजरें सिर्फ म्यांमार तक सीमित नहीं!

भारत को यह नहीं भूलना चाहिए कि म्यांमार उसकी पूर्वी सीमा पर है। जिस दिन म्यांमार पूरी तरह चीन के कंट्रोल में चला गया, वह दिन भारत की सुरक्षा नीति के लिए काली रात बन सकता है। इस वक्त अगर भारत और दुनिया ने म्यांमार की तरफ पीठ घुमा ली, तो भविष्य में हथियार, जहर और तकनीक – सब चीन के हाथ में होगा… और वो उन्हें भारत के खिलाफ भी इस्तेमाल कर सकता है। अब सवाल ये नहीं कि म्यांमार मर रहा है… सवाल ये है कि हम कब जागेंगे? क्योंकि अगली कब्र शायद हमारी ज़मीन पर भी हो सकती है…

Start Quiz

This Quiz helps us to increase our knowledge

Harsh Srivastava

Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!