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अपनों से ही खतरा! दो गुट में बंट गई चीन की ताकत, सेना में 'सर्जिकल स्ट्राइक'; नेवी और न्यूक्लियर अफसरों पर बरसे जिनपिंग
China: सवाल उठना लाज़मी है क्या शी की पकड़ ढीली हो रही है? या यह एक बड़े सैन्य पुनर्गठन की तैयारी है?
China: चीन की सर्वोच्च सैन्य संस्था सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (CMC) में हालिया फेरबदल से यह सवाल उठने लगा है कि क्या राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में अंदरूनी विद्रोह या असहमति पनप रही है? इस बदलाव के तहत PLA के सबसे वरिष्ठ नौसेना अधिकारी एडमिरल मियाओ हुआ को उनके पद से हटा दिया गया है। इसके अलावा राष्ट्रीय परमाणु निगम (CNNC) के डिप्टी चीफ इंजीनियर लियू शिपेंग को भी नेशनल पीपल्स कांग्रेस (NPC) से निष्कासित कर दिया गया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब चीन साउथ चाइना सी में अपनी सैन्य मौजूदगी तेजी से बढ़ा रहा है। मियाओ की बर्खास्तगी को चीन की सेना में हाल के वर्षों की सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है।
‘अनुशासन उल्लंघन’ की आड़ में कार्रवाई
सरकारी बयान में कहा गया है कि मियाओ को "अनुशासन के गंभीर उल्लंघन" के चलते पहले निलंबित किया गया था और अब NPC से बाहर कर दिया गया है। चीन की राजनीतिक शब्दावली में यह वाक्य आमतौर पर भ्रष्टाचार के मामलों को ढकने के लिए इस्तेमाल होता है। CMC के राजनीतिक कार्य विभाग के प्रमुख के रूप में मियाओ का दायित्व था सेना में विचारधारा और राष्ट्रपति शी के प्रति वफादारी सुनिश्चित करना।
यह विडंबना ही है कि जिन अफसरों को शी जिनपिंग ने खुद चुना था, अब वही उनकी "एंटी करप्शन ड्राइव" के तहत निशाने पर आ रहे हैं। मियाओ ऐसे आठवें वरिष्ठ अधिकारी हैं जिन्हें शी के कार्यकाल में हटाया गया है।
शी की टीम में दरारें?
शी जिनपिंग की आंतरिक टीम में उठापटक से यह संकेत मिल रहे हैं कि चीन का सैन्य ढांचा भीतर से अस्थिरता का सामना कर रहा है। जहां चीन विश्व मंच पर स्थिरता और सख्त नेतृत्व की छवि बनाए रखना चाहता है, वहीं बार-बार बदलते सैन्य चेहरे उसकी नीतिगत मजबूती पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
अमेरिका और चीन के बीच पहले से ही सीमित सैन्य बातचीत और भी कमजोर हो सकती है। हाल ही में अमेरिकी रक्षा अधिकारी शंघाई पहुंचे थे, लेकिन कोई सार्वजनिक उच्चस्तरीय वार्ता नहीं हुई। सिंगापुर में हुए शांगरी-ला डायलॉग में भी चीन ने केवल एक जूनियर प्रतिनिधिमंडल भेजा, जो इसकी गंभीरता पर सवाल उठाता है।
बड़े-बड़े नामों की गिरावट
पिछले दो वर्षों में चीन ने अपने दो रक्षा मंत्रियों को हटाया है। PLA की रॉकेट फोर्स के दोनों शीर्ष अधिकारियों को भी पद से हटाया गया है, साथ ही कई रक्षा उद्योग से जुड़े अधिकारियों को भी जांच के घेरे में लाया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सारे मामले सेना के उपकरणों की खरीद में व्यापक भ्रष्टाचार से जुड़े हो सकते हैं।
हटाए गए रक्षा मंत्री ली शांगफू, इससे पहले PLA के इक्विपमेंट प्रोक्योरमेंट विभाग के प्रमुख रह चुके हैं और अब उन्हीं विभागों से जुड़े अधिकारियों की धड़ाधड़ बर्खास्तगी यह संकेत देती है कि सेना के भीतर असंतोष और अविश्वास की जड़ें गहराई तक फैल चुकी हैं।
सैन्य शक्ति के केंद्र में उथल-पुथल
शी जिनपिंग की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम ने एक बार फिर चीन की सेना के उच्च स्तर पर हलचल पैदा कर दी है। लेकिन जब एक-एक कर वही अधिकारी हटाए जा रहे हैं जिन्हें उन्होंने खुद चुना था, तो सवाल उठना लाज़मी है क्या शी की पकड़ ढीली हो रही है? या यह एक बड़े सैन्य पुनर्गठन की तैयारी है? जहां चीन बाहरी दुनिया के लिए खुद को एक मजबूत और एकजुट राष्ट्र के रूप में पेश कर रहा है, वहीं भीतर से सैन्य और राजनीतिक ढांचे में गंभीर तनाव और अंदरूनी दरारें नजर आने लगी हैं।
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