ट्रंप की टैरिफ वाली धमकी के बीच भारत ने अमेरिका से बढ़ाया तेल आयात, 51% की लगाई छलांग

ट्रंप की टैरिफ धमकियों के बीच भारत ने अमेरिका से कच्चे तेल के आयात में 51% की वृद्धि की है।

Shivam Srivastava
Published on: 3 Aug 2025 10:03 AM IST
ट्रंप की टैरिफ वाली धमकी के बीच भारत ने अमेरिका से बढ़ाया तेल आयात, 51% की लगाई छलांग
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भारत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के लिए व्हाइट हाउस लौटने के बाद से अमेरिका से अपने कच्चे तेल के आयात में भारी वृद्धि की है। यह बढ़ोतरी भारत की ऊर्जा खरीद रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाती है जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में कच्चे तेल के आयात में 50 प्रतिशत से अधिक का इजाफा हुआ है।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय ऊर्जा व्यापार में इस वृद्धि का पैमाना विशेष रूप से बढ़ा है। जनवरी से लेकर 25 जून तक भारत ने अमेरिका से कच्चे तेल का औसत आयात 51 प्रतिशत बढ़ा दिया। पिछले साल के इसी अवधि में भारत ने 0.18 मिलियन बैरल प्रति दिन (mb/d) आयात किया था जो अब बढ़कर 0.27 mb/d हो गया है।

यह प्रवृत्ति विशेष रूप से हाल के महीनों में और भी ज्यादा स्पष्ट हुई है। अप्रैल-जून 2025 की तिमाही में 2024 के इसी अवधि की तुलना में 114 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इन आयातों का वित्तीय मूल्य भी दोगुना से अधिक हो गया है, जो 2024-25 की पहली तिमाही में 1.73 अरब डॉलर से बढ़कर 2025-26 की समान अवधि में 3.7 अरब डॉलर हो गया है।

150% तक बढ़ेगा सालाना आयात

सूत्रों ने बताया कि गर्मी के महीनों में भी यह वृद्धि जारी रही। जुलाई में भारत ने जून के मुकाबले अमेरिका से 23 प्रतिशत अधिक कच्चा तेल आयात किया। भारत के कुल कच्चे तेल आयात में पहले अमेरिका का हिस्सा सिर्फ 3 प्रतिशत था वह जुलाई में बढ़कर 8 प्रतिशत हो गया। इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2025-26 में भारतीय कंपनियाँ अपने कच्चे तेल आयात में 150 प्रतिशत की बढ़ोतरी करेंगी।

सिर्फ कच्चे तेल में नहीं, LNG और LPG में भी दिखी उछाल

यह बढ़ती व्यापार वृद्धि केवल कच्चे तेल तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य ऊर्जा उत्पादों में भी इसकी वृद्धि देखने को मिली है। अमेरिका से भारत के एलपीजी (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) और एलएनजी (लिक्विफाइड नेचुरल गैस) आयात में भी जबरदस्त वृद्धि हुई है। एलएनजी आयात 2024-25 के वित्तीय वर्ष में 2.46 अरब डॉलर तक पहुँच गए हैं जो पिछले वर्ष के 1.41 अरब डॉलर से लगभग दोगुना हो गए हैं, यानी करीब 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

सूत्रों का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है, और लंबी अवधि के लिए एलएनजी की आपूर्ति के लिए एक प्रमुख समझौता होने की संभावना है जिसकी कीमत अरबों डॉलर तक हो सकती है।

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Shivam Srivastava is a multimedia journalist with over 4 years of experience, having worked with ANI (Asian News International) and India Today Group. He holds a strong interest in politics, sports and Indian history.

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