TRENDING TAGS :
“मुझे मारना चाहता था मोसाद!” – ईरान के नए राष्ट्रपति का चौंकाने वाला दावा, कहा- मीटिंग रूम पर बरसाए गए बम
Mossad attack on Iran new president: पूरे पश्चिमी एशिया में सनसनी मच गई है, क्योंकि ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने एक बेहद चौंकाने वाला और सनसनीखेज दावा किया है।
Mossad attack on Iran new president: पूरे पश्चिमी एशिया में सनसनी मच गई है, क्योंकि ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने एक बेहद चौंकाने वाला और सनसनीखेज दावा किया है। उनका कहना है कि इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने उन्हें मारने की साजिश रची थी, और इस प्रयास के तहत उनकी मीटिंग के स्थान पर बमबारी तक की गई। ये खुलासा ऐसे समय आया है जब ईरान और इजराइल के बीच सीजफायर लागू है, और दुनिया को उम्मीद थी कि पश्चिम एशिया में तनाव कुछ कम होगा। लेकिन मसूद पेजेश्कियान के इस दावे ने न सिर्फ इस संघर्ष को और जटिल बना दिया है, बल्कि अमेरिका और इजराइल के रिश्तों को लेकर भी नए संदेह खड़े कर दिए हैं।
बिल्कुल निशाना मैं ही था
ये बयान उन्होंने अमेरिका के चर्चित पत्रकार टकर कार्लसन को दिए एक इंटरव्यू में दिया, जो कि सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। जब कार्लसन ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें लगता है कि इजराइल ने उन्हें जान से मारने की कोशिश की, तो पेजेश्कियान का जवाब था — “हां, उन्होंने कोशिश की... और इसमें कोई शक नहीं कि मुझे ही निशाना बनाया गया था। हम जहां बैठक कर रहे थे, वहां ऊपर से बम गिराए गए। मैं जानता हूं कि वो सिर्फ संयोग नहीं था।”
इसमें अमेरिका का नहीं, मोसाद का हाथ था
मसूद ने साफ कहा कि इस हमले में अमेरिका का प्रत्यक्ष हाथ नहीं था, लेकिन इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने उन पर सीधा हमला किया। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह हमला हाल ही की जंग के दौरान हुआ या उससे पहले, लेकिन इतना ज़रूर कहा कि बमबारी उन स्थानों पर हुई जहां वे मीटिंग कर रहे थे। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह दावा सच है, तो यह इजराइल द्वारा एक सीधे-सीधे राज्य प्रमुख की हत्या की कोशिश मानी जाएगी — जो अंतरराष्ट्रीय कानून और कूटनीति दोनों के लिहाज से बेहद खतरनाक मिसाल हो सकती है।
हम अमेरिका से बात करने को तैयार हैं, लेकिन...
अपने इंटरव्यू में ईरानी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि परमाणु वार्ता फिर से शुरू की जा सकती है, लेकिन उसकी एक शर्त है — भरोसा। उन्होंने कहा — “हम वार्ता से पीछे नहीं हटते। लेकिन सवाल यह है कि हम फिर से अमेरिका पर भरोसा कैसे करें? जब हमारे नेताओं को निशाना बनाया जाता है, हमारी सीमाओं के भीतर बम गिराए जाते हैं, तब आपसी विश्वास कहां बचता है?” यह बयान सीधे तौर पर जो बाइडन प्रशासन पर दबाव बनाता है, जो पहले ही इजराइल के साथ सैन्य गठबंधन को लेकर दुनिया भर में आलोचनाओं का सामना कर रहा है।
ईरान ने की यमन पर इजराइली हमले की निंदा
इस बीच, ईरान ने यमन पर इजराइली एयरस्ट्राइक को लेकर भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने इसे “गंभीर अपराध” करार देते हुए कहा — “इजराइल को अमेरिका और पश्चिमी देशों का समर्थन प्राप्त है, तभी वो इस तरह के युद्ध अपराध कर रहा है। फिलिस्तीन में जो हो रहा है, वह समूची मानवता के लिए चुनौती है।” ईरान ने स्पष्ट रूप से कहा कि अब केवल इजराइल नहीं, बल्कि जो देश इस हमले में उसका साथ दे रहे हैं, उन्हें भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
क्या अब मोसाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय जांच होगी?
पेजेश्कियान के बयान के बाद सवाल उठने लगे हैं —
क्या इस मामले की अंतरराष्ट्रीय जांच होनी चाहिए?
क्या इजराइल ने वास्तव में एक राष्ट्र प्रमुख की हत्या की कोशिश की?
और अगर ऐसा है, तो क्या अमेरिका इस योजना में शामिल था या उसे इसकी जानकारी थी?
इन सवालों के जवाब अभी भविष्य के गर्भ में हैं। लेकिन इतना तय है कि मसूद पेजेश्कियान का यह बयान ईरान-इजराइल संघर्ष को एक नए मोड़ पर ले आया है — एक ऐसा मोड़ जहां सिर्फ युद्ध नहीं, बल्कि कूटनीति, जासूसी और हत्या की साजिशें आमने-सामने आ चुकी हैं। अब दुनिया की नजरें इस पर टिकी हैं कि अगला धमाका कहाँ होगा — सीमा पर या कूटनीति की मेज़ पर।
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge