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अल-अक्सा मस्जिद पहुंचे इजराइली मंत्री, आगबबूला हुए हूती, दाग दी ताबड़तोड़ मिसाइलें
Al Aqsa Mosque controversy: यरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद में इजराइली मंत्री बेन ग्वीर की यहूदी रीति से पूजा के बाद यमन के हूती विद्रोहियों ने इजराइल पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए।
Al Aqsa Mosque Controversy
Al Aqsa Mosque controversy: मिडिल ईस्ट एक बार फिर से तनाव के साये में है। इस बार विवाद की जड़ बनी है यरुशलम की ऐतिहासिक अल-अक्सा मस्जिद। इजराइल के आंतरिक सुरक्षा मंत्री इतेमार बेन ग्वीर हाल ही में जब इस मस्जिद में पहुंचे, तो वहां यहूदी परंपराओं के अनुसार प्रार्थना करते दिखाई दिए। इस घटना के बाद से इजराइल के खिलाफ मुस्लिम देशों में नाराजगी तेज हो गई। सऊदी अरब, जॉर्डन और कई अन्य इस्लामी देशों ने इस कदम की कड़ी निंदा की है। वहीं, यमन के हूती विद्रोहियों ने इसे सिर्फ नाराजगी तक सीमित नहीं रखा, बल्कि सीधे कार्रवाई करते हुए इजराइल पर मिसाइल और ड्रोन हमले कर दिए।
हूती विद्रोहियों ने इजराइल पर किया मिसाइल और ड्रोन हमला
बेन ग्वीर के अल-अक्सा दौरे के तुरंत बाद यमन के हूती विद्रोहियों ने इजराइल पर तीन मिसाइलें दागीं। रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे ही उन्हें मंत्री के दौरे की खबर मिली, उन्होंने तुरंत हमले की योजना बनाई और उस पर अमल किया। इसके बाद कुछ ड्रोन इजराइल की ओर भेजे गए।
हूती प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याह्या सारी ने बताया कि मिसाइलें जाफा, अश्केलोन और फिलिस्तीनी तटीय क्षेत्र की ओर दागी गईं। हालांकि, इजराइली सेना ने दावा किया है कि ड्रोन को हवा में ही मार गिराया गया और मिसाइलों से होने वाले नुकसान की अभी जांच जारी है।
हूती बोले- अपमान का जवाब जरूर मिलेगा
हूती प्रवक्ता का कहना है कि यमन मुसलमानों पर हो रहे हर अपमान का जवाब देगा। जब तक गाजा में इजराइल की नीतियां नहीं बदलतीं, हम हमले करते रहेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले दिनों में ऐसे हमलों की संख्या और तीव्रता दोनों बढ़ेंगी।
इजराइल पर बढ़ा दबाव, प्रधानमंत्री ने साधी चुप्पी
इजराइल के इस कदम के बाद वह वैश्विक मंच पर बैकफुट पर नजर आ रहा है। सऊदी अरब, तुर्की और जॉर्डन जैसे देशों ने इसे उकसाने वाला कृत्य कहा है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है, हालांकि प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि अल-अक्सा में यथास्थिति बनी रहेगी और वहां केवल नमाज की अनुमति होगी।
अल-अक्सा मस्जिद का विवाद क्या है?
अल-अक्सा मस्जिद यरुशलम में स्थित है और इसे इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। 1967 से पहले यह मस्जिद जॉर्डन के नियंत्रण में थी, लेकिन छह-दिवसीय युद्ध के बाद इजराइल ने इसे अपने कब्जे में ले लिया। एक समझौते के तहत जॉर्डन को इसका संरक्षक घोषित किया गया, लेकिन प्रशासनिक नियंत्रण आज भी इजराइल के पास है। यहूदी इसे टेंपल माउंट मानते हैं, जबकि मुसलमान इसे अपनी आस्था का प्रतीक मानते हैं और यही विवाद की जड़ है।
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