अब कभी नहीं जा पाएंगे नेपाल से चीन! 'मैत्री ब्रिज' बाढ़ में बहा, 16 लोग लापता... सरकार बेबस

Nepal-China Miteri bridge collapses: यह ब्रिज चीन और नेपाल के बीच का एकमात्र सक्रिय व्यापारिक नाका था, जहां से प्रतिदिन लाखों रुपयों का आयात-निर्यात होता था।

Priya Singh Bisen
Published on: 8 July 2025 1:44 PM IST
Nepal-China Miteri bridge collapses
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Nepal-China Miteri bridge collapses (photo credit: social media)

Nepal-China border flood: नेपाल और चीन को जोड़ने वाला एकमात्र व्यापारिक पुल 'मैत्री ब्रिज' बीती रात आयी भयंकर बाढ़ में बह गया। यह ब्रिज नेपाल के रसुवागढ़ी बॉर्डर को चीन के तिब्बती क्षेत्र से जोड़ता था। लगभग 3 बजकर 15 मिनट पर भोटेकोशी नदी में आई तेज बाढ़ के कारण यह पुल ढह गया, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार पूरी तरह ठप हो गया है।

करोड़ों का व्यापार पर पड़ेगा असर

यह ब्रिज चीन और नेपाल के बीच का एकमात्र सक्रिय व्यापारिक नाका था, जहां से प्रतिदिन लाखों रुपयों का आयात-निर्यात होता था। इस पुल के बह जाने से दर्जनों कंटेनर, ट्रक और चीन से भेजी गई सैकड़ों इलेक्ट्रिक गाड़ियां बाढ़ की चपेट में आ गईं। इन वाहनों में लदा माल भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।

16 लोग लापता, रेस्क्यू जारी

रसुवागढ़ी जिला प्रशासन द्वारा जारी जानकारी के मुताबिक, इस भीषण बाढ़ में अब तक नेपाल के लगभग 16 लोगों के लापता होने की जानकारी सामने आयी है। लापता लोगों में नेपाल पुलिस के 3 जवान, 3 ट्रक ड्राइवर, 6 नेपाली कामगार और 4 चीनी कर्मचारी शामिल हैं। नेपाली सेना और पुलिस की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं। अब तक हेलीकॉप्टर की मदद से 9 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है।

मानवीय क्षति की आशंका

जिला प्रशासन और डिजास्टर मैनेजमेंट विभाग का ये भी मानना है कि मानवीय क्षति और अधिक बढ़ सकती है। प्रभावित इलाकों में तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है। बाढ़ के कारण संपर्क मार्ग पूरी तरह कट गए हैं, जिससे राहत कार्यों में रुकावट आ रही है।

भोटेकोशी नदी बनी बड़ी तबाही का कारण

भोटेकोशी नदी चीन के हिमालयी क्षेत्र से होते हुए नेपाल में प्रवेश करती है। हाल के दिनों में चीन की सीमा में तेज बारिश हुई, जिसके कारण नदी एकाएक उफान पर आ गई और उसने नेपाल के सीमा क्षेत्र में तबाही मचा दी।

नेपाल में आपात स्थिति जैसे हालात

पुल के टूटने से रसुवागढ़ी बॉर्डर पर आपात स्थिति जैसी स्थिति बन गई है। व्यापारिक गतिविधियां पोरीं तरह से ठप हो गई हैं और स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों के किनारे न जाएं। नेपाल सरकार ने नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है और चीन से संपर्क कर आपदा प्रबंधन में सहयोग मांगा है।

बता दे, नेपाल-चीन सीमा पर आई यह प्राकृतिक आपदा न सिर्फ मानवीय जीवन के लिए संकट बनी है, बल्कि दोनों देशों के आर्थिक संबंधों पर भी बुरा प्रभाव डालेगी। फिलहाल राहत और बचाव कार्य चलाया जा है, लेकिन आने वाले दिनों में इस क्षति की भरपाई करना बड़ी चुनौती होगी।

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