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परमाणु पनडुब्बियों की रेस में कौन है नंबर 1? देखें अमेरिका और रूस की असली ताकत
Nuclear Submarines: अमेरिका ने रूस की सीमा के पास दो परमाणु पनडुब्बियां तैनात की हैं, जिससे वैश्विक तनाव बढ़ गया है। जानें अमेरिका और रूस के पास कितनी और कितनी खतरनाक परमाणु पनडुब्बियां हैं, और कौन है इस रेस में सबसे आगे।
Nuclear Submarines: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ दिन पहले ही रूस की सीमा के नजदीक दो परमाणु पनडुब्बियों को तैनात करने का आदेश दिया है। इसकी वजह पूर्व रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव का उकसाने और भड़काऊ वाला बयान बताया गया है। ट्रंप का साफ कहना है कि अमेरिका किसी भी परमाणु खतरे का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। वहीं, रूस की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है। एक रूसी सांसद ने कहा कि रूस के पास ऐसे हालात से निपटने के लिए पर्याप्त हथियार हैं। ऐसे में आइये समझते हैं कि परमाणु पनडुब्बी क्या है और ये किस देश के पास सबसे ज्यादा और खतरनाक हैं।
परमाणु पनडुब्बी क्या होती है?
परमाणु पनडुब्बी वह खास किस्म की पनडुब्बी होती है, जो न्यूक्लियर ऊर्जा से चलती है। इसका मतलब है कि इसे बार-बार ईंधन भरने या सतह पर आने की जरूरत नहीं पड़ती। ये समुद्र की गहराई में महीनों तक छिपकर काम कर सकती हैं। इनमें परमाणु हथियार हो सकते हैं या सिर्फ उन्हें ले जाने की क्षमता भी होती है। यह किसी भी देश की रक्षा रणनीति का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा होती हैं।
रूस के पास कितनी और कैसी परमाणु पनडुब्बियां हैं?
रूस के पास कुल 64 पनडुब्बियां हैं, जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी पनडुब्बी सेनाओं में शामिल करती हैं। इनमें 16 बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां (SSBN), 14 परमाणु हमलावर पनडुब्बियां (SSN), 11 क्रूज मिसाइल पनडुब्बियां (SSGN) और 23 डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां (SSK) हैं।
ये हैं प्रमुख रूसी पनडुब्बियां
रूस के पास 8 बोरी-श्रेणी की SSBN है। इनमें 16 मिसाइलें और 6 टॉरपीडो ट्यूब होती हैं। इसके साथ 6 डेल्टा IV-श्रेणी की पनडुब्बी हैं, जो बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस हैं। इसके अलावा 4 यासेन-श्रेणी की पनडुब्बी है, जो क्रूज मिसाइलों से लैस हैं।
अमेरिका के पास कितनी परमाणु पनडुब्बियां हैं?
अमेरिका के पास कुल 71 परमाणु पनडुब्बियां हैं। इन्हें दो मुख्य वर्गों में बांटा गया है। तीव्र-आक्रमण पनडुब्बियां और बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां।
ये हैं प्रमुख अमेरिकी पनडुब्बियां
ओहायो-श्रेणी की SSBN: इनमें से 14 अभी सेवा में हैं। ये 20 ट्राइडेंट D5 मिसाइलें ले जा सकती हैं, जिनकी रेंज करीब 7400 किलोमीटर तक है।
वर्जीनिया, सीवुल्फ और लॉस एंजिल्स-श्रेणी: ये हमलावर पनडुब्बियां टोमहॉक और हार्पून मिसाइलों से लैस हैं और दुश्मन के इलाकों में निगरानी व हमला कर सकती हैं।
अमेरिका बनाम रूस: किसके पास ज्यादा ताकत?
अगर आंकड़ों की बात करें तो दोनों देशों के पास मजबूत पनडुब्बी बेड़े हैं। रूस की पनडुब्बियां भारी और मिसाइल ले जाने की ज्यादा क्षमता रखती हैं, जबकि अमेरिका की पनडुब्बियां ज्यादा चुपचाप और तकनीकी रूप से उन्नत मानी जाती हैं। ये दोनों ही देश कभी भी पूरी दुनिया में कहीं भी परमाणु हमला करने की क्षमता रखते हैं। दुनिया में परमाणु पनडुब्बियां अब सिर्फ ताकत दिखाने का नहीं, बल्कि रणनीतिक दबाव बनाने का बड़ा हथियार बन चुकी हैं। अमेरिका और रूस के बीच बढ़ता तनाव इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में यह होड़ और तेज हो सकती है।
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