आतंकवाद फैलाने को लेकर PAK ने अपने आका अमेरिका पर फोड़ा ठीकरा, कहा- दहशतगर्दी के लिये यूएस जिम्मेदार

पाकिस्तान ने आतंकवाद फैलाने के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है। बिलावल भुट्टो ने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी और वहां छोड़े गए हथियार अब आतंकियों के हाथों में हैं, जिससे पाकिस्तान को नुकसान हो रहा है और क्षेत्रीय सुरक्षा खतरे में है।

Shivam Srivastava
Published on: 10 Jun 2025 7:32 PM IST
Bilawal Bhutto
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Bilawal Bhutto (Photo: Social Media)

बिलावल भुट्टो जरदारी की अफगानिस्तान और आतंकवाद को लेकर की गई कड़ी टिप्पणियों ने पाकिस्तान और पड़ोसी देशों के बीच कूटनीतिक तनाव को फिर से हवा दे दी है। फिलहाल अमेरिका दौरे पर गए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी प्रमुख ने पाकिस्तान की सुरक्षा समस्याओं के लिए अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका और क्षेत्रीय हालातों को जिम्मेदार ठहराया है। बिलावल ने कहा कि अमेरिका की अफगानिस्तान से जल्दबाज़ी में की गई वापसी और वहां छोड़े गए सैन्य हथियारों का सीधा असर पाकिस्तान की सुरक्षा पर पड़ा है। उनका आरोप है कि ये हथियार अब आतंकवादी समूहों के हाथों में हैं। जिससे पाकिस्तान की सुरक्षा को गंभीर खतरा है।

अमेरिका पर क्या बोले बिलावल?

उन्होंने कहा कि आतंकवाद, अफगानिस्तान और इस जैसे कई मुद्दे लंबे समय से अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में अहम भूमिका निभा रहे हैं। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि पाकिस्तान खुद भी इन समस्याओं में किस हद तक शामिल रहा है। इसके बजाय उन्होंने क्षेत्रीय और वैश्विक सहयोग को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया ताकि आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।

बिलावल ने कहा, अफगानिस्तान से अमेरिकी वापसी के बाद हम जिस तरह के आतंकवाद से जूझ रहे हैं। उसके खिलाफ लड़ाई में हमें और अधिक क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय समर्थन चाहिए। अफगानिस्तान में छोड़े गए हथियार अब काले बाजार के ज़रिए आतंकवादियों के हाथ लग रहे हैं। कई बार ये हथियार हमारे सुरक्षा बलों के पास मौजूद हथियारों से कहीं ज़्यादा आधुनिक होते हैं।

पाकिस्तान की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं

बिलावल के बयानों पर पाकिस्तान सरकार की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं, अफगानिस्तान ने भले ही प्रत्यक्ष रूप से कुछ नहीं कहा हो। लेकिन, इस्लामाबाद को उकसाने वाले बयानों से बचने की चेतावनी जरूर दी है। जिससे दोनों देशों के पहले से ही तनावपूर्ण रिश्ते और बिगड़ सकते हैं।

राजनीतिक विश्लेषक मोहम्मद जलमई अफगान यार ने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि इस्लामाबाद क्षेत्रीय देशों पर दबाव डालने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या पाकिस्तान अफगानिस्तान के साथ आर्थिक सहयोग पर आधारित संबंध कायम रख सकता है या फिर वह अमेरिका के साथ मिलकर काबुल की सरकार के लिए और अधिक चुनौतियां खड़ी करेगा।

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