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BRICS मंच पर PM मोदी की दमदार एंट्री, जिनपिंग और पुतिन ने बनाई दूरी, भारत का मास्टरस्ट्रोक
PM Modi BRICS 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में BRICS 2025 सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। वहीं इस बार चीन और रूस इस सम्मेलन में शामिल नहीं हो रहे हैं।
PM Modi BRICS 2025
PM Modi BRICS 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्जेंटीना से ब्राजील के रियो डी जेनेरियो पहुंच चुके हैं, जहां वह 17वें BRICS सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह पीएम मोदी की ब्राजील की चौथी यात्रा है और इस दौरान वह राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे। बैठक के दौरान दोनों के बीच व्यापार, रक्षा, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष, तकनीक जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। इसी के साथ दोनों देश अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मुकाबला करने और रक्षा उत्पादनों के लिए संवेदनशील जानकारी भी शेयर करने के लिए समझौता कर सकते हैं। ऐसे में कई मायनों में पीएम मोदी का ब्राजील दौरान काफी अहम है, जिस पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
BRICS 2025 सम्मेलन के बारे में
BRICS एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय समूह है, जिसमें दुनिया की प्रमुख उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं एक साथ जुड़ी हैं। इसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया ईरान और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जैसे देशों की भागीदारी है। इसकी नींव साल 2009 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने मिलकर रखी थी। इसके एक साल बाद, यानी 2010 में दक्षिण अफ्रीका और 2024 में मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया ईरान और संयुक्त अरब अमीरात इस समूह का हिस्सा बने, जिससे इसकी वैश्विक स्थिति और मजबूत हो गई है। समय के साथ BRICS का दायरा और प्रभाव दोनों बढ़े हैं। आज BRICS दुनिया की लगभग 49.5% आबादी, वैश्विक GDP का 40% और अंतरराष्ट्रीय व्यापार का 26% हिस्सा प्रतिनिधित्व करता है। यानी यह समूह न सिर्फ आर्थिक रूप से मजबूत है, बल्कि दुनिया के शक्ति संतुलन को भी नई दिशा देने की क्षमता रखता है।
इस बार ब्रिक्स सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जलवायु परिवर्तन, शांति- सुरक्षा, आर्थिक और वित्तीय मामलों सहित वैश्विक शासन जैसे बड़े मुद्दों पर चर्चा होगी। BRICS 2025 सम्मेलन की थीम "ग्लोबल साउथ के सहयोग को और मजबूत करना" है।
BRICS में रूस और चीन नहीं होंगे शामिल
ब्रिक्स सम्मेलन में इस बार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नहीं आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि जिनपिंग मोदी को मिले विशेष भोज के निमंत्रण से नाराज हैं, इसलिए वह खुद आने के बजाय अपनी जगह प्रीमियर ली कियांग को भेज रहे हैं, जो बीजिंग का प्रतिनिधित्व करेंगे।
वहीं रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी इस बार ब्रिक्स में हिस्सा नहीं लेंगे, जिसकी वजह उनके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के गरिफ्तारी वारंट बताया जा रहा है। दरअसल, मेजबान देश ब्राजील ICC कानून पर हस्ताक्षरकर्ता है, लेकिन उसने वारंट पर कार्रवाई करने का संकेत नहीं दिया है। आपको बता दें कि ICC ने पुतिन पर यूक्रेनी बच्चों के जबरन निर्वासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया है, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंचों से और भी अलग-थलग कर दिया है।
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