आंखों के सामने मासूम बच्चों को जलते देखा, 'बचाओ, बचाओ' की आवाजों से गूंजता स्कूल, ढाका विमान दुर्घटना का दर्दनाक मंजर – टीचर का दिल दहला देने वाला अनुभव

Dhaka Plane Crash: ढाका के माइलस्टोन स्कूल में हुए विमान दुर्घटना में एक टीचर का दिल दहला देने वाला अनुभव। अपनी आंखों के सामने जलते बच्चों और 'बचाओ, बचाओ' की आवाजें सुनकर स्कूल गूंज रहा था। इस दर्दनाक घटना में 27 लोगों की मौत, जानें इस हादसे की पूरी कहानी और शिक्षिका की भावनाओं को।

Harsh Sharma
Published on: 22 July 2025 10:33 AM IST
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Dhaka Plane Crash

Dhaka Plane Crash: पूर्णिमा दास एक अध्यापिका हैं। जैसे रोज़ वह बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल गई थीं, वैसे ही सोमवार को भी वह स्कूल गईं। अपनी क्लास खत्म करने के बाद, जब पूर्णिमा स्टाफ रूम में पहुंची, तो अचानक बाहर जोरदार धमाका सुनाई दिया। वह जल्दी से बाहर दौड़ीं, तभी उन्हें साथ में पढ़ाने वाले एक टीचर तेजी से उनकी तरफ आते हुए दिखाई दिए। उनका पूरा शरीर जल रहा था और वह चिल्ला रहे थे, "बचाओ-बचाओ!" इससे पहले कि पूर्णिमा कुछ समझ पाती, वह शख्स जमीन पर गिर पड़ा।


पूर्णिमा एक पल के लिए हड़बड़ी में खड़ी रह गईं। जैसे ही उन्होंने चारों ओर देखा, तो पाया कि स्कूल के पूरे कॉरिडोर में आग फैल चुकी थी। जिन बच्चों को वह अभी कुछ देर पहले पढ़ाकर आई थीं, वे अब आग से बचने के लिए इधर-उधर दौड़ रहे थे, और हर तरफ अराजकता का माहौल था। यह दर्दनाक घटना बांग्लादेश के ढाका स्थित माइलस्टोन स्कूल और कॉलेज की है। सोमवार को वायुसेना का एक विमान असंतुलित होकर स्कूल की बिल्डिंग पर गिर पड़ा। इस हादसे में 16 बच्चों समेत 19 लोगों की मौत हो गई थी, और 100 से ज्यादा लोग आग में बुरी तरह झुलस गए थे। अब, मृतकों की संख्या बढ़कर 27 हो गई है।

पूर्णिमा दास ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर करते हुए इस हादसे का आंखों देखा हाल बयान किया। उन्होंने लिखा:

"हादसे के बाद 80 प्रतिशत बच्चे घर जा चुके थे। पूरे स्कूल में डरावनी आवाजें गूंज रही थीं। छोटे-छोटे बच्चे मेरी आंखों के सामने जिंदा जल गए। कुछ बच्चों को बचाने के लिए मैंने वॉशरूम से पानी लाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पूरी बिल्डिंग में भीषण आग लग चुकी थी। फिर किसी ने मुझे खींचकर बाहर निकाला।"

शिक्षिका का दर्द:

पूर्णिमा दास ने कहा, "जब मैं 5 मिनट बाद वापस लौटी, तो चारों ओर जली हुई लाशें पड़ी थीं। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मुझे कोई खरोंच क्यों नहीं आई। मैं कुछ देर पहले ही उस क्लास से बाहर निकली थी। अब भी उन बच्चों के चेहरे मेरी आंखों के सामने घूम रहे हैं।" बताया गया कि बांग्लादेश वायुसेना का F-7BGI विमान, जो चीन के J-7 लड़ाकू विमान का एडवांस वर्शन था, ढाका से उड़ान भरने के बाद ट्रेनिंग के दौरान अचानक संतुलन खो बैठा और माइलस्टोन स्कूल की इमारत से टकरा गया। इस दुर्घटना में पायलट की भी मौत हो गई।

भविष्य के लिए सवाल और सुरक्षा की जरूरत

इस दुर्घटना ने न केवल ढाका बल्कि पूरे बांग्लादेश और दुनिया भर को यह सोचने पर मजबूर किया है कि क्या ऐसे हादसों को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं? स्कूलों और आबादी वाले क्षेत्रों के पास हवाई सुरक्षा मानकों को कड़ा करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके। पूर्णिमा दास और अन्य शिक्षकों का यह साहस हमें याद दिलाता है कि संकट के समय में भी इंसानियत और साहस की मिसाल पेश करना क्या होता है। यह हादसा न केवल ढाका बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक जख्म है, जिसे आसानी से नहीं भुलाया जा सकेगा।

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