सुशीला कार्की के हाथों में होगी नेपाल की सत्ता, बालेन शाह को पीछे छोड़ बनी Gen-Z की पहली पसंद

नेपाल में Gen-Z ने सुशीला कार्की को पीएम पद के लिए चुना, बालेन शाह पीछे रहे, युवाओं ने ईमानदार और नए नेतृत्व को सबसे ज्यादा समर्थन दिया।

Harsh Srivastava
Published on: 10 Sept 2025 6:04 PM IST (Updated on: 10 Sept 2025 6:07 PM IST)
सुशीला कार्की के हाथों में होगी नेपाल की सत्ता, बालेन शाह को पीछे छोड़ बनी Gen-Z की पहली पसंद
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Sushila Karki Nepal New PM: नेपाल में मचे सियासी भूचाल के बीच, अब सत्ता का बागडोर किसके हाथ में होगी, यह सवाल गहराता जा रहा है। हिंसक विरोध प्रदर्शनों और प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद, देश का भविष्य तय करने के लिए Gen-Z आंदोलनकारियों ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। युवाओं ने एक ऑनलाइन बैठक बुलाई, जिसमें 5,000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया। इस बैठक का नतीजा चौंकाने वाला रहा, अब तक युवाओं के पोस्टर लीडर माने जा रहे काठमांडू के मेयर बालेन शाह को पीछे छोड़ते हुए, पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे ज्यादा समर्थन मिला है। यह घटना नेपाल की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत है, जहां पारंपरिक राजनीति के बजाय 'नया चेहरा' और 'ईमानदारी' सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर बन गए हैं।

बालेन शाह ने छोड़ा मैदान खाली, सुशीला कार्की ने भरी हुंकार

जब युवाओं ने सत्ता के खालीपन को भरने के लिए ऑनलाइन बैठक बुलाई, तो सभी की निगाहें बालेन शाह पर थीं। लेकिन, एक प्रतिनिधि ने बताया कि बालेन शाह ने युवाओं की कॉल का कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद, चर्चा अन्य नामों पर चली गई, और सबसे ज्यादा समर्थन सुशीला कार्की को मिला। कार्की ने पहले ही शर्त रखी थी कि वे पीएम पद के लिए तभी विचार करेंगी जब उन्हें कम से कम 1,000 लिखित हस्ताक्षर का समर्थन मिलेगा। सूत्रों के मुताबिक, अब तक उन्हें 2,500 से अधिक समर्थन पत्र मिल चुके हैं।

कौन हैं सुशीला कार्की? नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश

सुशीला कार्की कोई आम चेहरा नहीं हैं। वे नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रही हैं, जिन्होंने 2016 में यह पद संभाला। वे अपने साहसिक और निडर फैसलों के लिए जानी जाती हैं, खासकर भ्रष्टाचार के मामलों में। कार्की ने अपने करियर की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में की थी और बाद में न्यायपालिका में शामिल हुईं। उन्होंने भारत के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है। उनकी नियुक्ति को नेपाल में महिलाओं के लिए समानता और संवैधानिक अधिकारों की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना गया था।

अन्य नाम भी दौड़ में, पर कार्की की दावेदारी सबसे मजबूत

युवाओं की ऑनलाइन बैठक में कुछ और नामों पर भी चर्चा हुई, जिनमें कुलमान घिसिंग, सागर ढकाल और हर्का सम्पांग जैसे लोकप्रिय चेहरे शामिल थे। यहां तक कि यूट्यूबर Random Nepali को भी वोट मिले, लेकिन उन्होंने साफ कर दिया कि वे तभी कोई भूमिका निभाएंगे जब बाकी सभी इनकार कर दें। यह घटनाक्रम दिखाता है कि नेपाल के युवा अब पारंपरिक राजनेताओं से निराश हो चुके हैं। वे ऐसे नेतृत्व की तलाश में हैं जो ईमानदार हो, पारदर्शी हो और देश को भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर निकाल सके। अगर सुशीला कार्की यह प्रस्ताव स्वीकार करती हैं, तो माना जा रहा है कि वे पहले सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल से मुलाकात करेंगी, जिसके बाद राष्ट्रपति की औपचारिक मंजूरी जरूरी होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नेपाल की जनता को एक ऐसी सरकार मिल पाएगी जो उनकी आकांक्षाओं पर खरी उतरे।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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