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अब शुरू होगी खुली जंग? दमिश्क से भागे सीरिया के राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री! मिडिल ईस्ट की सबसे बड़ी सियासी भगदड़
Israel Syria War: दमिश्क से भागे सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल शरा और उनके परिवार की खबर ने पूरे मिडिल ईस्ट में हलचल मचा दी है। इज़राइल की खुली धमकी के बाद सत्ता का सबसे बड़ा पलायन, तुर्की सीमा पर शरण, और अब एक खुली जंग की आशंका!
Israel Syria War: मध्य पूर्व की सियासी ज़मीन एक बार फिर जल उठी है। गोलियों की गूंज, मिसाइलों की चमक और सत्ता की कुर्सियों पर पसरा डर यह वो तस्वीर है जो आज सीरिया की राजधानी दमिश्क में हर तरफ दिखाई दे रही है। लेकिन इस बार मामला सिर्फ सीरिया की सड़कों तक सीमित नहीं है , इस बार भगदड़ है सत्ता के शिखर से। वो शख्स जिसे कल तक सीरिया का तारणहार कहा जा रहा था, आज अपने ही देश की राजधानी से रातों-रात फरार हो गया है। सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल शरा, उनकी पत्नी और पूरा परिवार दमिश्क छोड़ चुका है। साथ ही सीरिया के रक्षा मंत्री के भी गायब होने की खबरें सामने आ रही हैं। और ये सब उस वक्त हो रहा है जब इज़राइल खुलेआम कह चुका है – हम अल शरा को हमास कमांडर की तरह खत्म करेंगे।
दमिश्क में डर और इदलीब में शरण – कहां हैं राष्ट्रपति?
अरबी न्यूज़ आउटलेट अल मायादीन ने सरकारी सूत्रों के हवाले से सनसनीखेज दावा किया है कि अहमद अल शरा अपने पूरे परिवार के साथ इदलीब भाग गए हैं, जो तुर्की सीमा के बिल्कुल करीब है। इदलीब, एक ऐसा इलाका जहां सीरियाई सत्ता का पकड़ हमेशा कमजोर रही है, लेकिन आज वही उनका सबसे सुरक्षित अड्डा बन गया है। इस खबर के आने के बाद पूरे मिडिल ईस्ट में हलचल मच गई है। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति भवन अब एक खाली किला बन चुका है, और सीरिया की सत्ता एक अनदेखे तूफान की ओर बढ़ रही है।
तुर्की ने पहले ही दी थी भागने की सलाह
16 जुलाई को जब इज़राइल ने दमिश्क में रक्षा मंत्रालय और सेना मुख्यालय पर हमला किया था, उसी दिन तुर्की की इंटेलिजेंस ने अल शरा को राष्ट्रपति भवन खाली करने की सलाह दी थी। ये सलाह मामूली नहीं थी, बल्कि सीधे तौर पर टारगेट किलिंग की चेतावनी थी। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन और अल शरा के रिश्ते पहले से बेहद करीबी माने जाते हैं। तुर्की ने खुलेआम कहा है कि वो सीरिया की एकता और अखंडता के लिए कुछ भी करने को तैयार है। यहां तक कि उसने हथियार देने की पेशकश भी की है।हम अल शरा को ज़िंदा नहीं छोड़ेंगे – इज़राइल की खुली धमकी
इज़राइल की आक्रामक रणनीति किसी से छिपी नहीं है। टारगेट किलिंग में इज़राइल का नाम वैश्विक स्तर पर सबसे ऊपर गिना जाता है। पिछले एक साल में मोसाद और इज़राइली सेना ने हमास, हिज़्बुल्लाह और यहां तक कि ईरान के टॉप साइंटिस्ट्स तक को एक-एक कर निशाना बनाया है। इज़राइली आंतरिक सुरक्षा मंत्री ने सीधे कैमरे पर यह कहा है कि अहमद अल शरा अब उनके टारगेट पर हैं, और उन्हें हमास के कमांडरों की तरह खत्म कर दिया जाएगा। यानी राष्ट्रपति भवन पर मिसाइल अटैक सिर्फ एक वार्निंग शॉट था। असली निशाना अब भी बाक़ी है।
क्यों मचा सीरिया में ये राजनीतिक बवाल?
हालात ऐसे नहीं थे कि अचानक राष्ट्रपति को भागना पड़े। इसके पीछे एक पूरी कहानी है, जो दिखने में छोटी लगती है लेकिन जलती हुई आग को हवा देने का काम करती है। यह सब एक सब्ज़ीवाले की शिकायत से शुरू हुआ था। टेलीग्राफ (ब्रिटेन) के मुताबिक, एक आम दुकानदार ने पुलिस में शिकायत की थी कि कुछ बडौईन मिलिशिया के लोगों ने उसकी पिटाई कर 45 हजार रुपए छीन लिए। यह मामूली मामला था, लेकिन जल्द ही यह ड्रूज बनाम बडौइन संघर्ष में बदल गया। ड्रूज समुदाय, जो कि सीरिया में एक अल्पसंख्यक है और मुख्य रूप से सुवेदा शहर और उसके आसपास बसा है, बडौईन बहुसंख्यक सत्ता के सामने खड़ा हो गया। तनाव बढ़ा तो सरकार ने सेना तैनात कर दी। यहीं से इज़राइल ने मौका लपका। सुवेदा में सीरियाई सेना की उपस्थिति को बहाना बनाकर इज़राइल ने अटैक किया, और जब हालात काबू से बाहर हुए तो सीधे दमिश्क पर हमला कर दिया।
अब क्या इज़राइल करेगा राष्ट्रपति को खत्म?
इज़राइल ने साफ कर दिया है कि उसे सीरिया की सफाई करनी है , वो भी ऊपर से नीचे तक। अगर अहमद अल शरा कहीं भी दिखाई दिए, तो वो अगले हमास कमांडर की तरह खत्म कर दिए जाएंगे। अभी इज़राइल 48 घंटे के वेट एंड वॉच मोड में है, लेकिन सूत्रों की मानें तो मोसाद और इज़राइली एयरफोर्स ने ऑपरेशन की पूरी योजना तैयार कर ली है। अल शरा अगर तुर्की सीमा के अंदर भी होते हैं, तो इज़राइल उन्हें वहीं जाकर खत्म कर सकता है।
तुर्की बनाम इज़राइल – अब शुरू होगी खुली जंग?
अगर इज़राइल ने तुर्की सीमा के पास किसी ऑपरेशन को अंजाम दिया, तो यह सिर्फ सीरिया-इज़राइल युद्ध नहीं रहेगा, यह पूरे मिडिल ईस्ट को अपनी चपेट में ले लेगा। तुर्की ने पहले ही साफ कर दिया है कि सीरिया पर हमले को वो अपनी सुरक्षा पर हमला मानेगा। एर्दोआन पहले भी कई बार इज़राइल को बिना लगाम का घोड़ा कह चुके हैं। इस बार अगर उनके करीबी अल शरा को निशाना बनाया गया, तो तुर्की की प्रतिक्रिया भी सैन्य हो सकती है।
अब अगला धमाका सिर्फ वक्त का इंतज़ार कर रहा है
दमिश्क से राष्ट्रपति का भाग जाना मिडिल ईस्ट में सत्ता की सबसे बड़ी भगदड़ है। ये सिर्फ एक व्यक्ति की सुरक्षा का मामला नहीं, ये पूरे क्षेत्र की स्थिरता पर खतरा बन चुका है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं , क्या इज़राइल अल शरा को खत्म करेगा? क्या तुर्की सीधी जंग में कूदेगा? और क्या मिडिल ईस्ट एक बार फिर खून के समंदर में डूबेगा?
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