ताइवान ने चीन को दी खुली चुनौती! 'T-Dome' एयर डिफेंस का अनावरण, क्या अब रुकेंगे चीनी मिसाइल हमले?

ताइवान ने अपने नए मल्टीलेयर एयर डिफेंस सिस्टम 'टी-डोम' का अनावरण किया है, जो चीन से संभावित हवाई और मिसाइल हमलों के खिलाफ ताइवान की रक्षा क्षमता को मजबूत करेगा। जानें, इस सिस्टम की खासियतें, उसके प्रभाव और चीन पर इसके संभावित असर के बारे में।

Harsh Sharma
Published on: 18 Oct 2025 9:37 AM IST
ताइवान ने चीन को दी खुली चुनौती! T-Dome एयर डिफेंस का अनावरण, क्या अब रुकेंगे चीनी मिसाइल हमले?
X

Taiwan T-Dome- ताइवान ने अपने नए बहु-स्तरीय एयर डिफेंस सिस्टम 'टी-डोम' (T-Dome) का अनावरण कर दिया है। राष्ट्रपति लाई चिंग‑ते ने कहा है कि यह प्रणाली मुख्य रूप से चीन से संभावित हवाई और मिसाइल हमलों के खिलाफ देश की सुरक्षा बढ़ाने के लिए तैयार की गई है। हाल की वैश्विक और क्षेत्रीय परिस्थितियों को देखते हुए यह कदम ताइवान की रक्षा रणनीति में एक बड़ा परिवर्तन माना जा रहा है।

टी-डोम का काम करने का तरीका और खासियतें

टी-डोम को कई अलग‑अलग परतों वाली सुरक्षा प्रणाली के रूप में डिजाइन किया गया है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह एक ही समय में बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज़ मिसाइल और छोटे‑मोटे फ्लाइंग टारगेट, यहाँ तक कि स्टील्थ तकनीक वाले लड़ाकू विमानों — को भी पहचान कर नष्ट करने की क्षमता रखता है। सिस्टम का “सेंसर‑टू‑शूटर” तंत्र इसकी प्रमुख खूबियों में से एक है: जैसे ही कोई खतरा उस क्षेत्र में प्रवेश करेगा, सेंसर तत्क्षण उसे पहचानते हैं और सीधे शूटर यूनिट (हिट करने वाले हथियार) को निर्देश भेज देते हैं। इसका मतलब रडार‑डेटा और हथियारों के बीच प्रतिक्रिया का समय बेहद घट जाता है, जिससे जवाबी कार्रवाई तेज और प्रभावी हो पाती है।

रक्षा बलों को मिलने वाले फायदे

टी-डोम से ताइवान की सेना को न सिर्फ रक्षा करने की बढ़ी हुई क्षमता मिलेगी, बल्कि दुश्मन के ठिकानों पर तुरंत प्रभावी जवाब देने के भी अधिक मौके मिलेंगे। रक्षा मंत्री वेलिंगटन कू ने स्पष्ट किया कि यह प्रणाली मौजूदा प्रणालियों के साथ इंटरकनेक्टेड तरीके से काम करेगी — यानी पास के रडार, मिसाइल बैटरियों और कमांड‑कंट्रोल नेटवर्क एक साथ मिलकर बेहतर साझेदारी करेंगे। इससे संसाधनों का कुशल उपयोग होगा और मिसाइल इंटरसेप्शन की सफलता दर बेहतर हो सकती है।

पहले से मौजूद प्रणालियाँ और नई जोड़ियाँ

ताइवान के पास पहले से अमेरिकी पैट्रियट मिसाइल सिस्टम, घरेलू रूप से विकसित स्काई बो (Sky Bow) मिसाइलें और स्टिंगर जैसी मोबाइल एयर‑डिफेंस मिसाइलें मौजूद हैं। इसके अलावा देश अपनी चियांग‑कांग नामक मिसाइल पर भी काम कर रहा है, जिसे उच्च ऊँचाई पर आने वाली मिसाइलों को मात देने के लिए विकसित किया जा रहा है। टी‑डोम को इन मौजूदा प्रणालियों के साथ समन्वय में काम कराने की योजना है। ताइवान को उम्मीद है कि भविष्य में अमेरिका से THAAD जैसे उच्च-स्तरीय सिस्टम मिलने की संभावना पर भी बातचीत हो सकती है, हालांकि उसकी लागत बहुत अधिक बताई जा रही है।

चीन पर संभावित असर और क्षेत्रीय तनाव

टी‑डोम के बहुपरतियाने से चीन के लिए ताइवान पर सैन्य कार्रवाई की लागत बढ़ सकती है। चीन लगातार ताइवान को अपना हिस्सा बताता आया है और किसी भी पृथक कदम को स्वीकार नहीं करता। ऐसे में ताइवान का यह नया कदम चीनी रणनीति पर दबाव डाल सकता है और प्रत्यक्ष मुकाबले की सम्भावना को जटिल बना देगा। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि मल्टीलेयर सिस्टम किसी भी हमले की सफलता‑संभावना को कम कर देता है क्योंकि एक परत में चूक होने पर अगली परत उसे पकड़ लेती है।

कठिनाइयाँ और प्रश्नचिह्न

यह भी सही है कि स्टील्थ विमान‑जैसे जटिल लक्ष्यों को पकड़ना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है और केवल दावे पर भरोसा नहीं किया जा सकता; असल में प्रदर्शन को फील्ड‑टेस्ट और ऑपरेशनल परिदृश्यों में परखना जरूरी होगा। इसके अलावा टी‑डोम की निरंतरता बनाए रखने, रखरखाव और अपग्रेड के लिए बढ़ा हुआ बजट और तकनीकी सहयोग की आवश्यकता रहेगी, यही कारण है कि सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए विशेष बजट की बात कही है।

1 / 5
Your Score0/ 5
Harsh Sharma

Harsh Sharma

Mail ID - [email protected]

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!