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चीन को अब नहीं छोड़ेगा ताइवान! हरकतों से तंग आकर पूरे देश को बनाया मिलिट्री ज़ोन, सड़कों पर होगा खूनी शूटआउट

Taiwan ready to attack on China: ताइवान ने अब आधिकारिक रूप से युद्ध के लिए कमर कस ली है। चीन के सिर पर मंडराते साए के बीच ताइवान ने साफ कर दिया है – "अब हम सिर्फ बोलेंगे नहीं… गोलियां भी चलाएंगे!"

Harsh Srivastava
Published on: 2 July 2025 3:51 PM IST
चीन को अब नहीं छोड़ेगा ताइवान! हरकतों से तंग आकर पूरे देश को बनाया मिलिट्री ज़ोन, सड़कों पर होगा खूनी शूटआउट
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Taiwan ready to attack on China: क्या आपने कभी ऐसा देश देखा है, जहां एक हफ्ते में पूरी की पूरी आबादी युद्ध के लिए तैयार हो रही हो? जहां सड़कों पर टैंक दहाड़ रहे हों, आसमान में लड़ाकू विमान गरज रहे हों, और आम नागरिक बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर इमरजेंसी निकासी की ट्रेनिंग ले रहे हों? अगर नहीं देखा, तो तैयार हो जाइए – क्योंकि ताइवान ने अब आधिकारिक रूप से युद्ध के लिए कमर कस ली है। चीन के सिर पर मंडराते साए के बीच ताइवान ने साफ कर दिया है – "अब हम सिर्फ बोलेंगे नहीं… गोलियां भी चलाएंगे!" और इसकी शुरुआत हो चुकी है, एशिया के सबसे खतरनाक और रियलिस्टिक सैन्य ड्रिल – ‘हान कुआंग 41’ से।

युद्ध नहीं, अब 'जीवन' का सवाल बन चुका है हान कुआंग!

ताइवान का यह सैन्य अभ्यास कोई साधारण युद्धाभ्यास नहीं है। यह एक देश की उस हताशा, उस जिद और उस आखिरी उम्मीद का नाम है, जो अपनी आज़ादी को बचाए रखने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। ‘हान कुआंग 2025’ नाम का यह युद्ध अभ्यास 9 जुलाई से शुरू होकर 18 जुलाई तक चलेगा। लेकिन खास बात ये है कि इस बार सिर्फ सेना ही नहीं, पूरी ताइवानी जनता इस युद्ध का हिस्सा बनने जा रही है। शहरों में फायरिंग, सड़कों पर निकासी ड्रिल, स्कूलों और दफ्तरों में ब्लैकआउट अभ्यास, और बच्चों को भी सिखाया जा रहा है – बम गिरते समय कैसे बचना है। ये अब ड्रिल नहीं… बीजिंग के संभावित युद्ध का रिहर्सल बन चुका है।

जनता को बनाया गया 'सैनिक', शहरी इलाके बन रहे 'फ्रंटलाइन'

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है – इस बार की ड्रिल "Whole-of-Society Resilience" के सिद्धांत पर आधारित है। मतलब अब सिर्फ सैनिक नहीं, हर नागरिक एक फाइटर है। दुकानदार, शिक्षक, स्टूडेंट्स, डॉक्टर, ड्राइवर… हर कोई युद्ध के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।

शहरी अभ्यासों में शामिल है –

हवाई हमले की चेतावनी के बाद भागना

टनल और अंडरग्राउंड शेल्टर की ओर निकासी

सड़कों और पुलों की तत्काल सीलिंग

बिजली, पानी, इंटरनेट जैसे अहम ढांचों को दुश्मन से बचाने की योजना

सरकार का साफ कहना है – चीन सिर्फ सेना से नहीं, सिविल सिस्टम को तोड़कर भी हमला करेगा। और हम हर फ्रंट पर तैयार हैं।

चीन का डर… या युद्ध की दस्तक?

ताइवान की इस तैयारी के पीछे सबसे बड़ा डर है – चीन का बढ़ता हमला-भाव।

बीजिंग लगातार ताइवान के आस-पास अपने जहाज, मिसाइलें और फाइटर जेट्स तैनात कर रहा है।

हर हफ्ते चीन कोई न कोई नया सैन्य अभ्यास करता है, जो ताइवान की सीमाओं के बेहद करीब होता है।

चीन खुलकर कह चुका है – "ताइवान हमारा है, और हम जरूरत पड़ी तो बलपूर्वक इसे मिला लेंगे!" अब यही बयान ताइवान को अंदर तक झकझोर चुका है। उसका भरोसा अमेरिका और पश्चिमी देशों पर जरूर है, लेकिन ताइवान जानता है कि पहली गोली जब चलेगी, तब मैदान में सिर्फ वही खड़ा होगा।

शांति का भ्रम अब टूटा… ताइवान कह चुका है: 'अगर मारे जाएंगे, तो लड़ते हुए!'

ताइवान अब ये मान चुका है कि युद्ध बस एक संभावना नहीं, एक अपरिहार्य भविष्य है। वह अब चीन के साथ किसी शांति संधि या बातचीत के इंतज़ार में नहीं है। उसकी नई नीति है – “तैयारी ऐसी हो कि हमला करने वाला भी कांप उठे।”

इस बार की हान कुआंग ड्रिल यही संदेश दे रही है –

ताइवान अब सिर्फ बातों से नहीं, हथियारों से जवाब देगा।

हर घर में एक सिपाही है, हर गली एक किला है।

अगर चीन ने हमला किया, तो ये लड़ाई हर सड़क पर लड़ी जाएगी।

तो क्या आने वाला है एशिया का अगला महायुद्ध?

जो तस्वीरें ताइपे से आ रही हैं, वो किसी युद्ध फिल्म से कम नहीं। बख्तरबंद गाड़ियाँ सड़कों पर, सैनिकों की तैनाती हर चौराहे पर, हेलीकॉप्टर की निगरानी और सायरन की गूंज… अब सवाल ये नहीं कि ताइवान तैयार है या नहीं… सवाल ये है – क्या चीन अब हमला करेगा? और अगर हां, तो क्या ये युद्ध सिर्फ ताइवान तक सीमित रहेगा या पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लेगा?

एक चिंगारी काफी है… और ताइवान अब ज्वालामुखी के मुहाने पर खड़ा है!

ताइवान के लोगों ने अपनी नियति को समझ लिया है – उन्हें या तो अपने देश की रक्षा करनी है, या इतिहास के पन्नों में दब जाना है। ‘हान कुआंग’ अब अभ्यास नहीं, एक राष्ट्र की आत्मा की पुकार बन चुका है। बीजिंग सुन ले या न सुने… लेकिन दुनिया को समझ लेना चाहिए – ताइवान अब किसी की छाया नहीं, खुद में एक ज्वाला है और अगर ये जला… तो आग सिर्फ एशिया तक सीमित नहीं रहेगी!

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Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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