TRENDING TAGS :
ट्रंप की चापलूसी करना Pak को पड़ा भारी, चीन ने पाई-पाई का बना दिया मोहताज, 7 अरब डॉलर की रोकी फंडिंग
पाकिस्तान की ट्रंप की चापलूसी ने चीन को नाराज कर दिया, जिससे $7 अरब की परियोजनाओं की फंडिंग रोकी गई। चीन-पाक रिश्तों में नया संकट, पाक की अर्थव्यवस्था पर भारी असर पड़ने की आशंका।
China blocks Pakistan funding: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की एक बार फिर दोहरी चाल उसे भारी पड़ गई है। भारत को नीचा दिखाने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग करने के लिए वह एक भी मौका नहीं छोड़ता, लेकिन हर बार उसकी चाल नाकाम हो जाया करती है। इस बार तो पाकिस्तान ने 'सोने का अंडा' देने वाले अपने सदाबहार दोस्त चीन को ही नाराज कर दिया है। दरअसल, जब ट्रंप टैरिफ के मुद्दे पर भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में थोड़ी तल्खी आई, तो पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने इसे सुनहरा मौका समझा। पाकिस्तान ने फौरन अमेरिका की तरफ झुकते हुए डोनाल्ड ट्रंप की चापलूसी में कोई कसर नहीं छोड़ी, जिसका खामियाजा अब उसे चीन की नाराजगी के रूप में भुगतना पड़ रहा है।
ट्रंप को खुश करने की 'शहबाज-मुनीर' रणनीति
भारत को कमतर दिखाने की कोशिश में पाकिस्तान ने पिछले कुछ हफ्तों में अजीबोगरीब राजनीतिक पैंतरे अपनाए। पाकिस्तान के नेताओं ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार दिलाने के लिए उनकी तारीफों के पुल बाँधे और उन्हें शांति दूत बताया। मध्यस्थता की बात स्वीकारी: पाकिस्तान ने यहाँ तक कबूल किया कि मई के शुरुआती हफ्ते में हुए चार दिनों के सैन्य संघर्ष को रोकने में ट्रंप ने मध्यस्थता की थी, जबकि भारत इस दावे से साफ इनकार करता रहा है। पाकिस्तान ने अमेरिका से भारी मात्रा में हथियारों का जखीरा खरीदने का भी ऐलान कर दिया। इसके अलावा, पाकिस्तान ने अपने रेयर अर्थ मिनरल्स के खनन के लिए भी अमेरिका के दरवाजे खोल दिए, ताकि अमेरिका खुश होकर उन पर पैसों की बारिश कर दे। पाकिस्तान की इन हरकतों का एक ही मकसद था: अमेरिका को खुश करके भारत पर दबाव बनाना और बिगड़ती आर्थिक स्थिति में पश्चिमी देशों से मदद हासिल करना। लेकिन इस रणनीति से उसका सबसे बड़ा आर्थिक मददगार चीन बुरी तरह नाराज हो गया है।
चीन ने रोका 7 अरब डॉलर का 'रेलवे फंड'
ट्रंप की चापलूसी का सबसे बड़ा और करारा झटका पाकिस्तान को चीन से मिला है। चीन ने अब पाकिस्तानी परियोजनाओं में पैसा लगाने से साफ इनकार कर दिया है। भारत के पूर्व विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में दावा किया है कि चीन ने पाकिस्तान को बड़ा झटका देते हुए रेल प्रोजेक्ट में पैसे लगाने से इनकार कर दिया है। अकबर ने कहा, "चीन से मिलने वाले पैसे अब बंद हो रहे हैं। पाकिस्तान के लिए यह एक बड़ा संकट है। चीन ने लगभग 6-7 अरब डॉलर की रेलवे परियोजना के लिए धन देने से इनकार कर दिया है।" चीन की नाराजगी का कारण भी साफ है। अकबर के अनुसार, चीनी नेतृत्व को "भ्रष्टाचार और पैसे की बर्बादी दिखाई दे रही है।" उन्हें "पैसे वापस आने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।" अकबर ने कहा कि चीन अब पाकिस्तानी पैंतरों से सतर्क हो गया है। चीन का यह कदम पाकिस्तान के लिए दोहरी मार है। एक तरफ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से भी कर्ज की शर्तें कड़ी हैं, और दूसरी तरफ CPEC जैसी उसकी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में भी चीन ने अब हाथ खींचना शुरू कर दिया है।
पाकिस्तान एक 'विषैला जेली स्टेट'
पूर्व विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने पाकिस्तान की अस्थिर राजनीतिक और सामाजिक स्थिति पर भी गंभीर टिप्पणी की। अकबर ने कहा था कि पाकिस्तान एक "जेली स्टेट" है, क्योंकि उसने अपनी समृद्ध सिंधु घाटी सभ्यता को त्याग दिया है और एक कृत्रिम समाज बनाने की कोशिश कर रहा है, जिससे वह कमज़ोर होता जा रहा है। उन्होंने कहा, “जेली स्टेट वह होता है जो हमेशा अस्थिर रहता है। मक्खन पिघल जाएगा, जेली नहीं पिघलेगी। लेकिन जेली कभी स्थिर नहीं रहेगी। और क्योंकि यह एक परमाणु शक्ति है, यह एक विषैला जेली स्टेट होगा।”
चीन-पाक रिश्तों पर आया 'नया संकट'
चीन दशकों से पाकिस्तान का करीबी मित्र और आर्थिक मददगार रहा है। हाल ही में, चीन ने इस्लामाबाद को 3.4 अरब डॉलर का ऋण भी दिया था। इसके अलावा, CPEC प्रोजेक्ट में चीन ने अरबों डॉलर का निवेश किया है और 80% से अधिक सैन्य उपकरणों की सप्लाई भी पाकिस्तान को की है। लेकिन हाल के दिनों में जब से भारत और अमेरिका के रिश्तों में थोड़ी तनातनी बढ़ी है और चीन से भारत के रिश्ते सुधरे हैं, पाकिस्तान चीन से मिलने वाले मदद के मोर्चे पर नए संकट में फँसता जा रहा है। ट्रंप की चापलूसी में चीन को नाराज करना पाकिस्तान की सबसे बड़ी कूटनीतिक गलती मानी जा रही है, जिसका असर उसकी अर्थव्यवस्था की रीढ़ पर पड़ना तय है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!