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हिल गई दुनिया! ट्रंप ने हटाया सबसे खतरनाक आतंकी संगठन का तमगा – इजरायल में मचा हड़कंप, सीरिया से दोस्ती की ओर अमेरिका?
Trump removes HTS terror tag: डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने वो किया, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था — अमेरिका ने सीरिया के खूंखार आतंकी संगठन ‘हयात तहरीर अल-शाम’ (HTS) को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) की सूची से बाहर कर दिया है।
Trump removes HTS terror tag: जब दुनिया के तमाम देश आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ाई की बात करते हैं, तभी अमेरिका ने एक ऐसा कदम उठा लिया जिसने इजरायल, यूरोप और पश्चिम एशिया की नींदें उड़ा दी हैं। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने वो किया, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था — अमेरिका ने सीरिया के खूंखार आतंकी संगठन ‘हयात तहरीर अल-शाम’ (HTS) को विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) की सूची से बाहर कर दिया है। यह फैसला न सिर्फ मध्य-पूर्व की राजनीति को हिला देने वाला है, बल्कि इससे अमेरिका और इजराइल के संबंधों में भी एक नया तनाव उभरता दिखाई दे रहा है। सवाल उठ रहे हैं — क्या अमेरिका अब सीरिया का दोस्त बनने की तैयारी में है? क्या ट्रंप ने आतंकवाद को नजरअंदाज कर भू-राजनीति को चुना है? और क्या इससे इजराइल की सुरक्षा को खतरा बढ़ेगा?
हयात तहरीर अल-शाम: जिसे कभी ‘अल-कायदा का बेटा’ कहा गया
हयात तहरीर अल-शाम को पहले अल-नुसरा फ्रंट के नाम से जाना जाता था, जो अल-कायदा की सीरियाई शाखा थी। बाद में नाम बदला गया, और संगठन ने अल-कायदा से खुद को ‘अलग’ बताया, लेकिन ज़हर को चाहे जो नाम दो, उसकी तबाही नहीं बदलती। इजराइल समेत दुनिया के कई देश HTS को प्रत्यक्ष आतंकवादी संगठन मानते रहे हैं, जो सीरिया में अस्थिरता और हिंसा के लिए ज़िम्मेदार रहा है। लेकिन अब अमेरिका ने इसे आतंकवादी संगठन मानने से इनकार कर दिया है, वो भी तब जब इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू खुद अमेरिका दौरे पर हैं।
ट्रंप ने निभाया वादा, अमेरिका ने बदला रुख
ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ डिप्लोमैट मार्को रुबियो ने सोमवार को बयान जारी करते हुए कहा कि 13 मई को ट्रंप ने जो वादा किया था, उसे अब पूरा कर दिया गया है। अब HTS को आधिकारिक रूप से FTO (Foreign Terrorist Organization) की सूची से हटा दिया गया है। 8 जुलाई से यह आदेश लागू हो जाएगा। रूबियो ने कहा कि यह निर्णय सीरिया की अंतरिम सरकार के सकारात्मक कदमों का परिणाम है। उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रपति अहमद अल-शरा की नई सरकार ने HTS को भंग करने की प्रक्रिया शुरू की है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ने का वादा किया है। लेकिन सवाल यह है — क्या केवल बयानबाज़ी से एक खूनी संगठन की असलियत बदल सकती है? क्या अब वो संगठन, जिसने हजारों लोगों का खून बहाया है, एक झटके में "वैध" और "साफ" हो गया?
नेतन्याहू सकते में, ट्रंप की दुविधा से इजराइल चिंतित
इस फैसले ने इजराइली खुफिया एजेंसियों को चौंका दिया है। प्रधानमंत्री नेतन्याहू जो पहले HTS को इजराइल की सुरक्षा के लिए एक "सीधा खतरा" बता चुके हैं, अब खुद इस कदम पर चुप हैं, लेकिन भीतर ही भीतर इजराइल के सत्ता गलियारों में गुस्सा और चिंता साफ दिख रही है। यह भी रिपोर्ट्स में सामने आया है कि ट्रंप ने यह फैसला कई देशों की "अपील" पर लिया, जिनमें नेतन्याहू का भी नाम लिया गया है — हालांकि यह बात इजराइल ने खुलकर स्वीकार नहीं की। ट्रंप ने खुद कहा है कि “सीरिया को FTO की लिस्ट से हटाना एक रणनीतिक कदम है, जिससे मध्य-पूर्व में स्थिरता आएगी।” लेकिन इस कदम से अस्थिरता और अधिक फैलने की आशंका जताई जा रही है।
क्या सीरिया से दोस्ती की तैयारी कर रहा है अमेरिका?
इस पूरे घटनाक्रम के पीछे एक बड़ा संदेश छिपा है — अमेरिका सीरिया की नई सरकार से रिश्ते सुधारने की तैयारी में है। सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा को अब वाशिंगटन से अप्रत्यक्ष समर्थन मिलना शुरू हो गया है। अमेरिका ने संकेत दिया है कि अब वो दमिश्क में एक ‘नया चैप्टर’ खोलने के लिए तैयार है। नेतन्याहू ने भी इशारों-इशारों में कहा है कि "ईरान और उसके सहयोगियों की कमजोरी से अब क्षेत्र में शांति और स्थिरता का एक नया अवसर बना है", और साथ ही उन्होंने ट्रंप की “राजनयिक दूरदर्शिता” की सराहना की।
क्या ये शुरुआत है नए वेस्ट एशिया की?
HTS को आतंकवाद की लिस्ट से हटाना सिर्फ एक प्रशासनिक निर्णय नहीं है — यह एक रणनीतिक तख्तापलट है। अब अमेरिका, जो कभी सीरिया के खिलाफ सख्त रहा करता था, अब उसी सीरिया के साथ "संभव सहयोग" की बात कर रहा है। और सबसे अहम बात — यह फैसला उस वक्त आया है जब इजराइल लगातार गाजा में अभियान चला रहा है और अमेरिका खुद को उससे दूर रखने की कोशिश कर रहा है। तो क्या अब ट्रंप प्रशासन ने इजराइल को अकेला छोड़कर सीरिया की ओर हाथ बढ़ा दिया है? क्या यह मध्य-पूर्व में शक्ति संतुलन का नया अध्याय है?
यह सिर्फ एक घोषणा नहीं, भूचाल है
ट्रंप ने हयात तहरीर अल-शाम को आतंकवादी सूची से हटाकर एक ऐसा कदम उठाया है, जो न सिर्फ अमेरिका की विदेश नीति का नया चेहरा पेश करता है, बल्कि मध्य-पूर्व की राजनीति को नए सिरे से परिभाषित करने वाला साबित हो सकता है। इजराइल सकते में है, सीरिया मुस्कुरा रहा है — और दुनिया पूछ रही है, "क्या अब आतंकवादी भी सर्टिफिकेट से 'सुधर' जाते हैं?"
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