यूक्रेन ने एक बार में ही रूस के उड़ा दिए चीथड़े! एक मिसाइल में ही तबाही-तबाही, बौखलाए पुतिन अब क्या करेंगे

Russia Ukraine War: युद्ध के तीसरे वर्ष में प्रवेश के साथ ही यह स्पष्ट होता जा रहा है कि संघर्ष अब केवल सैन्य नहीं, बल्कि राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर भी निर्णायक दौर में पहुंच चुका है।

Snigdha Singh
Published on: 30 Jun 2025 12:22 PM IST
यूक्रेन ने एक बार में ही रूस के उड़ा दिए चीथड़े! एक मिसाइल में ही तबाही-तबाही, बौखलाए पुतिन अब क्या करेंगे
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Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने तीन साल का आंकड़ा पार कर लिया है और दोनों देशों के बीच टकराव अब और अधिक तीव्र और रणनीतिक होता जा रहा है। हाल ही में शनिवार और रविवार की रात रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया, जिसमें ड्रोन, मिसाइल और बमवर्षक विमानों का इस्तेमाल हुआ। इस हमले में रूस ने यूक्रेन के एक F-16 फाइटर जेट को मार गिराया।

लेकिन इस हमले का मुंहतोड़ जवाब यूक्रेन ने तुरंत दिया। यूक्रेनी ड्रोन ने क्रीमिया स्थित किरोवस्के मिलिट्री एयरबेस पर हमला कर रूस के तीन अत्याधुनिक सैन्य हेलिकॉप्टरों – Mi-8, Mi-26 और Mi-28 – को पूरी तरह नष्ट कर दिया। इसके अलावा एक पैंटसिर-एस1 एयर डिफेंस सिस्टम को भी इस हमले में तबाह कर दिया गया। यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) के मुताबिक, यह कार्रवाई रातभर चली और इसमें रूसी ड्रोन्स की भंडारण इकाई, हथियार डिपो और एयर डिफेंस अड्डों को भी निशाना बनाया गया। यह जवाबी हमला उस यूक्रेनी पायलट मेजर मैकसिम उस्तिमेन्को की शहादत का प्रतिशोध था, जिन्होंने F-16 को बचाने के लिए सात दुश्मन टारगेट गिराए लेकिन अंततः खुद अपने विमान सहित गिर गए। उनकी वीरता को सम्मानित करते हुए राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने उन्हें मरणोपरांत ‘हीरो ऑफ यूक्रेन’ की उपाधि दी है।

वोल्गोग्राद एयरबेस पर भी यूक्रेनी वार

इससे पहले 27 जून को भी यूक्रेनी ड्रोनों ने रूस के वोल्गोग्राद ओब्लास्ट में स्थित मारिनोवका एयरबेस पर हमला किया था, जिसमें चार रूसी Su-34 फाइटर जेट को निशाना बनाया गया। इनमें से दो विमानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए। यूक्रेन का दावा है कि युद्ध की शुरुआत से अब तक रूस ने 420 विमान और 337 हेलिकॉप्टर खो दिए हैं, हालांकि इन आंकड़ों की स्वतंत्र पुष्टि अभी नहीं हो सकी है।

राजनीतिक मोर्चे पर भी हलचल

इधर अमेरिका और यूरोपीय संघ रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहे हैं, जबकि रूस ने चेतावनी दी है कि ऐसे कदमों का आर्थिक असर यूरोप पर कहीं अधिक पड़ेगा। इसी बीच रूस और अमेरिका के खुफिया प्रमुखों के बीच वार्ता शुरू होने की खबरें सामने आई हैं, जिससे संकेत मिल रहा है कि बैकडोर डिप्लोमेसी एक बार फिर सक्रिय हो रही है। युद्ध के तीसरे वर्ष में प्रवेश के साथ ही यह स्पष्ट होता जा रहा है कि संघर्ष अब केवल सैन्य नहीं, बल्कि राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर भी निर्णायक दौर में पहुंच चुका है।

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