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शुरू हो गया महाविनाश! अमेरिका ने सेकेंड्स में ईरान को किया धुआं-धुआं; रूस और चीन अब खेलेंगे 'मौत का खेल'
US Attack on Iran: इजरायल और ईरान के बीच चल रही संघर्ष की स्थिति अब और तीव्र हो सकती है और यह पूरे मध्य पूर्व को एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर खड़ा कर सकता है।
US Attack on Iran: जब पूरी दुनिया नींद में डूबी थी, उस समय अमेरिका ने एक बड़े सैन्य अभियान को अंजाम देते हुए ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर हवाई हमला किया। अमेरिकी वायुसेना ने फोर्डो, नतांज और इस्फहान स्थित परमाणु केंद्रों को B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स और GBU-57 ‘बंकर बस्टर’ बमों से निशाना बनाया।
अमेरिका का अब तक का सबसे घातक हमला
इस ऑपरेशन में विशेष रूप से B-2 स्पिरिट बॉम्बर्स और F-22 रैप्टर जेट्स का इस्तेमाल हुआ, जिन्हें रडार से बच निकलने की अपनी तकनीकी क्षमता के लिए जाना जाता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि सभी मिशन सफलतापूर्वक पूरे हुए और विमान सुरक्षित लौट आए। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई, दुनिया की कोई और सेना यह नहीं कर सकती थी। अब समय है शांति का।"
JDAM और ALCM का इस्तेमाल
जानकारी के अनुसार, इस हमले में JDAM (Joint Direct Attack Munition) जैसे जीपीएस-निर्देशित 'स्मार्ट बमों' का भी प्रयोग किया गया। शुरुआत में एयर लॉन्च्ड क्रूज मिसाइलों (ALCM) द्वारा ईरान की रडार प्रणाली और संचार केंद्रों को निष्क्रिय किया गया, जिसके बाद मुख्य ठिकानों पर सीधा हमला किया गया।
नौसेना ने भी निभाई बड़ी भूमिका
फारस की खाड़ी में तैनात यूएसएस आइजनहावर और यूएसएस फोर्ड जैसे अमेरिकी एयरक्राफ्ट करियर से उड़ान भरने वाले F/A-18 सुपर हॉरनेट जेट्स ने AGM-154 जैसी लंबी दूरी की प्रिसिशन स्ट्राइक हथियार प्रणाली का उपयोग किया। ये बम लक्ष्य को बिना दुश्मन क्षेत्र में प्रवेश किए ही निशाना बनाने में सक्षम हैं।
हूती विद्रोहियों की चेतावनी
ईरान समर्थित यमनी हूती गुट ने चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका इजरायल के सैन्य अभियान में शामिल रहा, तो वे लाल सागर में अमेरिकी जहाजों पर फिर से हमले शुरू करेंगे। अभी तक वे मई में अमेरिका के साथ हुए समझौते के तहत ऐसे हमलों से दूर रहे थे।
ईरान में भारी नुकसान, 400 से अधिक मृत
ईरानी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले नौ दिनों में इजरायली हमलों में 400 से अधिक ईरानी नागरिक और सैन्यकर्मी मारे गए हैं, जबकि 3,000 से ज्यादा घायल हुए हैं। इनमें से कई को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है।
इजरायल का जवाबी हमला और कमांडरों की मौत
13 जून को इजरायल ने ईरानी परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़े हमले किए थे, जिनमें कई वरिष्ठ सैन्य कमांडर और वैज्ञानिक मारे गए। जवाब में ईरान ने इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमलों के जरिए पलटवार किया। इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने बताया कि उन्होंने ईरान में तीन वरिष्ठ कमांडरों को मार गिराया है।
स्थिति बेहद तनावपूर्ण, युद्ध की आशंका बढ़ी
इस हमले के बाद क्षेत्रीय तनाव अपने चरम पर है। विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल और ईरान के बीच चल रही संघर्ष की स्थिति अब और तीव्र हो सकती है और यह पूरे मध्य पूर्व को एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर खड़ा कर सकता है।
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