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इस जगह पर रखा दीपक जगाएगा सौभाग्य,सुख, समृद्धि और शांति के लिए गुरु पूर्णिमा पर कर ले ये सारे उपाय
Guru Purnima ke Upay: गुरु पूर्णिमा के दिन समृद्धि के लिए कुछ धार्मिक उपाय करने से मां लक्ष्मी सदैव वास करती है। इसदिन घर और आसपास कई जगहों पर दीपक जलाया जाये तो उसका लाभ मिलता है।
Guru Purnima ke Upay : हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा पर गुरु पूर्णिमा मनायी जाती है। यह दिन गुरु पूर्णिमा केवल गुरु को समर्पित पर्व नहीं, बल्कि यह दिन आध्यात्मिक ऊर्जा और दिव्य आशीर्वाद है। इस दिन धार्मिक उपाय करने से जीवन में बरकत आती है। जीवन में समृद्धि बनी रही,मां लक्ष्मी का घर में वास रहे इसके लिए गुरु पूर्णिमा पर स्थान दान के साथ दीपक और कुछ और भी उपाय करने चाहिए जिससे लक्ष्मी जी का आशीर्वाद जीवन भर बना रहे।
गुरु पूर्णिमा उपाय
गुरु पूर्णिमा के दिन दीपक जलाना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा को घर और जीवन में भरती है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन कुछ जगह पर दीप जलाने से, तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपने भक्तों को अपार सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
गुरु पूर्णिमा पर इन जगहों को करें रौशन
तुलसी को धन और पवित्रता की प्रतीक माना गया है। गुरु पूर्णिमा की शाम को तुलसी के पास दीपक जलाने से घर में लक्ष्मी का स्थायी वास होता है। यह न केवल आर्थिक समृद्धि का द्वार खोलता है, बल्कि पारिवारिक तनाव और दरिद्रता भी दूर होती है।
माना जाता है कि घर की देहरी से ही देवी लक्ष्मी प्रवेश करती हैं। ऐसे में गुरु पूर्णिमा की रात्रि में मुख्य द्वार के दोनों ओर दीपक लगाएं। इससे आपके जीवन में सौभाग्य, सफलता और शांति प्रवेश करती है।
गुरु पूर्णिमा पर किसी पवित्र नदी, तालाब या सरोवर में दीप प्रवाहित करना न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से फलदायी है, बल्कि पूर्वजों की आत्मा को शांति देने का श्रेष्ठ उपाय भी है। यह कर्म पितृदोष से छुटकारा दिलाकर कुल में सुख-शांति लाता है।
उत्तर दिशा धन के देवता कुबेर और माता लक्ष्मी से संबंधित मानी जाती है। इस दिशा में दीपक जलाने से आय के नए स्रोत बनते हैं और व्यवसाय में वृद्धि होती है। खासकर अगर आप कर्ज या रुकावटों से परेशान हैं, तो यह उपाय चमत्कारी परिणाम देता है।
यदि आप किसी कारणवश अन्य स्थानों प दीपक नहीं जला पा रहे हैं, तो कम से कम अपने घर के पूजा स्थान पर एक घी या तिल के तेल का दीपक जरूर जलाएं। इससे घर में पवित्रता बढ़ती है और सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद बना रहता है।
जहां आप ध्यान या मंत्र जाप करते हैं, वहां दीपक लगाने से मानसिक शांति और एकाग्रता बढ़ती है। यह आपको आत्मिक स्तर पर मजबूत बनाता है और लक्ष्मी कृपा के साथ आध्यात्मिक उन्नति भी देता है।
दीपक में तिल का तेल या गाय के घी का उपयोग सबसे शुभ होता है।दीप जलाते समय “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जप करें।दीपक पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके रखें।
गुरु पूर्णिमा के अन्य उपाय
गुरु पूर्णिमा की सुबह ब्रह्ममुहूर्त में स्नान कर में ध्यान करें और 'ॐ गुरुवे नमः' या 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप करें। इससे अध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है।
अगर आपके गुरु नहीं है तो इस दिन वेद, गीता, रामायण या किसी पवित्र ग्रंथ को भी गुरु मानकर पूजा कर सकते हैं। गुरु चरणों में पुष्प, वस्त्र, फल और यथा शक्ति दक्षिणा अर्पित करें।इस दिन 'श्रीमद्भगवद्गीता', 'गुरु गीता', 'रामचरितमानस' का पाठ करना पुण्यदायी होता है। यह न केवल आत्मा को शुद्ध करता है।
गुरु पूर्णिमा पर परिवार सहित शांति पाठ, विष्णु सहस्त्रनाम या सत्यनारायण व्रत कथा का आयोजन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और सभी सदस्यों पर दिव्य शक्तियों की कृपा बनी रहती है।
गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
इस साल आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 10 जुलाई को रात 01 . 36 मिनट से होगी और अगले दिन यानी 11 जुलाई रात को 02 .06 मिनट पर तिथि खत्म होगी।
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ - 10 जुलाई को रात 01 . 36 मिनट से होगी
पूर्णिमा तिथि समाप्त - 11 जुलाई रात को 02 .06 मिनट पर तिथि खत्म होगी
अभिजीत मुहूर्त - 12:07 PMसे 12:59 PM
अमृत काल - - 02:16 PM – 03:52 PM
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 . 10 मिनट से 04 . 50 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 .45 मिनट से 03 . 40 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - रात 07 .21 मिनट से 07 . 41 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात 12 . 06 मिनट से 12 . 47 मिनट तक । आषाढ़ के पूर्णिमा के दिन वेदों के ज्ञाता और महाकाव्य महाभारत के रचियेता वेदव्यास जी का प्राक्ट्य दिवस भी मानते है और उनकी जन्म दिवस को गुरु पूर्णिमा के रुप में मनाते हैं।
नोट : ये जानकारियां धार्मिक आस्था और मान्यताओं पर आधारित हैं। Newstrack.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।इसे सामान्य रुचि को ध्यान में रखकर लिखा गया है
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