मातृ नवमी श्राद्ध पितृ पक्ष में कब होगा?, जानिए क्यों, कैसे करें और मातृ नवमी के विशेष उपाय

Matri Navami 2025: आश्विन मास में मातृ नवमी श्राद्ध कब होगा। जानें शुभ मुहूर्त, विधि, तर्पण, पितृ पूजन और मातृ नवमी के विशेष उपाय जिनसे पितरों की आत्मा को शांति और परिवार में सुख-समृद्धि मिलती है।

Suman  Mishra
Published on: 9 Sept 2025 9:37 AM IST
मातृ नवमी श्राद्ध पितृ पक्ष में कब होगा?, जानिए क्यों, कैसे करें और मातृ नवमी के विशेष उपाय
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Matra Navami Shradh 2025: भाद्रपद की पूर्णिमा , आश्विन मास के कृष्णपक्ष की प्रतिपदा से अमावस्या तक का समय पितृपक्ष है इस पक्ष में पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है। हिन्दू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व होता है। पितृ पक्ष में पूरे 15 दिनों तक पितरों का पिंडदान किया जाता है और उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है। ऐसी मान्यता है इस दिन विधि पूर्वक पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है।

इस दौरान में मातृ नवमी श्राद्ध भी किया जाता है। मान्यता है कि मातृ नवमी श्राद्ध करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन मातृ नवमी का श्राद्ध करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है इसलिए जिस घर की महिला इस दिन पूजा-पाठ और व्रत रखें तो उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है।


कब है मातृ नवमी का श्राद्ध

हिंदी पंचांग के अनुसार मातृ नवमी आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को है। जो साल 2025 में मातृ नवमी श्राद्ध पूजा 15 सितम्बर दिन सोमवार को मनाई जाएगी।

अपराह्न काल पूजा का शुभ मुहूर्त – दोपहर 01.30 मिनट से लेकर शाम 03. 58 मिनट तक रहेगा।

पूजा की कुल अवधि होगी – 02 घण्टे 28 मिनट

रोहिणी नक्षत्र में पूजा का शुभ मुहूर्त है – दोपहर 12 .41 मिनट से लेकर दोपहर 01.30 मिनट तक रहेगा।

पूजा की कुल अवधि है – केवल 00:49 मिनट

नवमी तिथि प्रारम्भ होगी – 15 सितम्बर 2025 को सुबह 03. 06 मिनट पर

नवमी तिथि समाप्त होगी – 16 सितम्बर 2025 को सुबह 01.31 मिनट पर


मातृ नवमी श्राद्ध विधि

मातृ नवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर सफेद साफ वस्त्र पहनकर व्रत का संकल्प ले। मातृ नवमी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं। फिर वस्त्र धारण कर पितरों के श्राद्ध कर्म की तैयारी करें। इस दिन विधि-विधान से पितरों के श्राद्ध पूजन के लिए सबसे पहले सफेद मेज या चौकी पर दिवंगत महिला की तस्वीर स्थापित करें। अगर उनकी तस्वीर ना हो तो पूजा स्थल पर एक सुपारी रख दें। इस पर गंगाजल, तुलसी, सफेद फूल अर्पित करें. साथ ही इस स्थान पर तिल के दीपक और धूपबत्ती जलाएं। श्राद्ध पूजन के बाद अगर संभव हो तो गजेंद्र मोश्र, गरुड़ पुराण या फिर भागवत गीता के 9वें अध्याय का पाठ करें. इसके बाद श्राद्ध का भोजन दक्षिण दिशा में रखें और ब्राह्मणों को भोजन करा कर उन्हें सामर्थ्य अनुसार दान-दक्षिणा दें। इस दिन इस बात का ध्यान करना चाहिए कि तांबे के लोटे से जल और काले तिल के साथ तर्पण किया जाता है।

मातृ नवमी उपाय

पितृ पक्ष में मातृ नवमी श्राद्ध का महत्व है। जो पितरो की आत्मा की शांति के लिए और उनको प्रसन्न करने का उत्तम है। इस दिन किये जाने वाले उपाय खास उपाय जरूर करे –

मातृ नवमी श्राद्ध के दिन सुबह सूर्योदय से पहते उठकर स्नान के बाद सूर्यदेव को जल का अर्ध्य देना चाहिए। इसके बाद किसी पवित्र नदी में तर्पण करना चाहिए इससे पितृ प्रसन्न होते है।

पितृ पक्ष के दौरान सात्विक भोजन बनाकर सबसे पहले पितरों को धूप दान करे। इसके बाद दोनों हाथ जोड़कर उनसे सुख-समृद्धि की कामना करे इसके बाद उन्हें भोजन का भोग लगाए।

इसके बाद मातृ नवमी के दिन बनाये गए भोजन में से कुत्ते, कौवे और गाय को खिलाये ऐसा करने से पितरो की आत्मा को शांति मिलती है। इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं और अपनी श्रद्धा अनुसार दान-दक्षिणा देनी चाहिए।

मातृ नवमी के दिन सुबह माता तुलसी की पूजा करे और उन्हें धूप दीप जलाये।मातृ नवमी के दिन किसी भी गरीब और जरूरतमंद सुहागिन महिला को सुहाग का सामान जैसे – लाल साडी, कुमकुम, सिंदूर, चूडियां अनाज, जूते चप्पल आदि का दान जरूर करें।


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Suman  Mishra

Suman Mishra

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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