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सावधान कार मालिकों: स्टाइल के चक्कर में नुकसान, ये मॉडिफिकेशन खत्म कर सकते हैं आपकी नई कार की वारंटी
New Car Warranty Policy: आइए जानते हैं, कौन-कौन से कार मॉडिफिकेशन आपकी वारंटी को खत्म कर सकते हैं, इसके पीछे का तकनीकी कारण क्या है, और आपको क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
New Car Warranty Policy Modifications (Image Credit-Social Media)
New Car Warranty Policy: अगर आपने हाल ही में एक नई कार खरीदी है या खरीदने का मन बना रहे हैं, तो यह जानना आपके लिए बेहद जरूरी है कि कार के साथ मिलने वाली वारंटी किन शर्तों पर आधारित होती है। अक्सर लोग अपनी कार को बेहतर बनाने या उसे अपनी पसंद के हिसाब से कस्टमाइज़ करने के लिए कई तरह के मॉडिफिकेशन करवाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ खास तरह के मॉडिफिकेशन आपकी कार की वारंटी को पूरी तरह रद्द कर सकते हैं? इसका मतलब है कि वारंटी पीरियड के दौरान गाड़ी में कोई खराबी आने पर कंपनी आपकी मदद नहीं करेगी और आपको पूरा खर्च अपनी जेब से उठाना पड़ेगा। आइए जानते हैं, कौन-कौन से कार मॉडिफिकेशन आपकी वारंटी को खत्म कर सकते हैं, इसके पीछे का तकनीकी कारण क्या है, और आपको क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
क्या होती है कार वारंटी और क्यों है यह जरूरी?
नई कार के साथ निर्माता कंपनी एक तय अवधि या किलोमीटर (जैसे 3 साल या 1 लाख किलोमीटर) की वारंटी देती है। इस दौरान यदि गाड़ी में कोई तकनीकी गड़बड़ी आती है, तो कंपनी उसे बिना कोई शुल्क लिए ठीक करती है। यह वारंटी कंपनी की उस गारंटी का प्रतीक होती है कि उनके द्वारा बेची गई गाड़ी गुणवत्ता और सुरक्षा के मानकों पर खरी उतरती है। लेकिन इस वारंटी के साथ कुछ शर्तें जुड़ी होती हैं। यदि आप इन शर्तों का उल्लंघन करते हैं, तो कंपनी को यह अधिकार होता है कि वह आपकी वारंटी रद्द कर दे।
ये मॉडिफिकेशन रद्द कर सकते हैं आपकी कार की वारंटी
बाहरी वायरिंग या इलेक्ट्रिकल मॉडिफिकेशन
यदि आप आफ्टरमार्केट लाइट, साउंड सिस्टम, रियर कैमरा, एम्बिएंट लाइटिंग या अलार्म सिस्टम जैसी चीजें लगवाने के लिए बाहरी वायरिंग करवाते हैं और वह कार की मौजूदा इलेक्ट्रिकल यूनिट से छेड़छाड़ करती है, तो यह वारंटी रद्द होने का कारण बन सकता है।
खराब क्वालिटी की वायरिंग शॉर्ट सर्किट या बैटरी फेल होने का कारण बन सकती है। खासकर इंजन से जुड़ी वायरिंग या ECU से छेड़छाड़, इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकती है।
आफ्टरमार्केट एग्जॉस्ट लगवाना
कई युवा कार को स्पोर्टी लुक देने के लिए भारी आवाज वाले आफ्टरमार्केट एग्जॉस्ट सिस्टम लगवाते हैं।
यह इंजन बैक-प्रेशर को प्रभावित करता है जिससे इंजन पर ज्यादा लोड पड़ता है और नुकसान की आशंका बढ़ जाती है। अगर इससे इंजन में कोई भी गड़बड़ी हुई, तो कंपनी आपकी इंजन वारंटी को अमान्य घोषित कर सकती है।
चेसिस या बॉडी में बदलाव
चेसिस में किया गया कोई भी परिवर्तन, जैसे सस्पेंशन में बदलाव, बहुत बड़े टायर लगवाना या ग्राउंड क्लीयरेंस बढ़ाना जैसे बदलाव कार की संरचनात्मक स्थिरता को बिगाड़ सकता है।
ऐसे मॉडिफिकेशन से दुर्घटना के समय सुरक्षा फीचर्स (जैसे एयरबैग्स) ठीक से काम नहीं कर सकते। कुछ लोग सनरूफ फिट करवाते हैं लेकिन इससे बॉडी में छेड़छाड़ होती है, जो वारंटी समाप्त कर सकती है।
इंजन मॉडिफिकेशन या ECU रीमैपिंग
कार की परफॉर्मेंस बढ़ाने के लिए कुछ लोग ECU (Engine Control Unit) को रीमैप कराते हैं या टर्बोचार्जर या नाइट्रस जैसी चीजें इंस्टॉल कराते हैं।
यह इंजन के मूल डिजाइन और उसकी सीमाओं से छेड़छाड़ करता है। जिससे इंजन की कार्यक्षमता और लाइफ पर असर पड़ता है।
कंपनियां ऐसे किसी भी बदलाव को गैर-अनुमोदित मानकर इंजन या ट्रांसमिशन की वारंटी खत्म कर देती हैं।
CNG या LPG किट का इंस्टॉल कराना
यदि आपने पेट्रोल कार में आफ्टरमार्केट CNG या LPG किट लगवाई है और वह कंपनी द्वारा अनुमोदित नहीं है, तो आपकी इंजन वारंटी समाप्त मानी जा सकती है। इससे इंजन वाल्व और पिस्टन पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
बॉडी रैप्स या पेंटिंग मॉडिफिकेशन
कुछ लोग गाड़ी का कलर बदलवाते हैं या बॉडी पर रैपिंग कराते हैं। इससे कुछ हद तक वारंटी पर असर पड़ सकता है, खासकर अगर कलर कंपनी की ओर से अप्रूव्ड नहीं है।
इसके अलावा, रैपिंग से पेंट वारंटी समाप्त हो सकती है।
क्या कहती हैं कंपनियां?
लगभग सभी ऑटो कंपनियां अपने वारंटी बुकलेट में साफ तौर पर इस बात की पुष्टि करती हैं कि, कोई भी ऐसा परिवर्तन जो गाड़ी के मूल डिजाइन से छेड़छाड़ करता हो, वारंटी को रद्द करने का कारण बन सकता है।
यदि आफ्टरमार्केट पार्ट्स के कारण कोई खराबी आती है, तो उस विशेष हिस्से से संबंधित वारंटी अमान्य मानी जाएगी।
किन मॉडिफिकेशन से नहीं पड़ता वारंटी पर असर?
कुछ बदलाव कंपनी-मान्य (OEM approved) होते हैं, जिनसे वारंटी प्रभावित नहीं होती जैसे -
- कंपनी-प्रमाणित एक्सेसरीज जैसे कि फ्लोर मैट्स, सीट कवर, डोर वाइजर आदि।
- डीलरशिप द्वारा इंस्टॉल किए गए रिवर्स कैमरा, इन्फोटेनमेंट सिस्टम (अगर वे कंपनी से अप्रूव्ड हैं)।
- टायर अपग्रेड भी सीमित रेंज तक (जैसे 1 इंच तक) किया जाए तो वारंटी पर असर नहीं पड़ता।
वारंटी बचाने के लिए क्या सावधानी रखें?
कंपनी की सर्विस बुक जरूर पढ़ें। उसमें लिखा होता है कि कौन-कौन सी चीजें वारंटी को प्रभावित कर सकती हैं।
कस्टमाइज़ेशन से पहले डीलर से लिखित अनुमोदन लें। सभी एक्सेसरीज अधिकृत डीलरशिप से लगवाएं। बिल और इंस्टॉलेशन प्रूफ हमेशा सुरक्षित रखें।
अगर जरूरी हो तो गाड़ी कंपनी की मान्यता प्राप्त वर्कशॉप में ही मॉडिफिकेशन करवाएं। कार को मॉडिफाई करना कई बार हमारे शौक या जरूरत का हिस्सा हो सकता है, लेकिन ऐसा कोई भी कदम उठाने से पहले यह जान लेना बेहद जरूरी है कि यह आपकी गाड़ी की वारंटी को कैसे प्रभावित करेगा। थोड़े से स्टाइल या परफॉर्मेंस के लिए भविष्य की भारी मरम्मत लागत को आमंत्रित करना समझदारी नहीं है। अगर आप चाहें तो कंपनी की अप्रूव्ड एक्सेसरीज़ से अपनी गाड़ी को अपग्रेड कर सकते हैं, जिससे गाड़ी की वारंटी भी बनी रहे और उसका लुक और आराम भी बेहतर हो।
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