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Gen Z की नई थैरेपी: अब परफ्यूम नहीं, खुशबू के साथ मिल रही है थैरेपी और सुकून

Perfume Therapy: आज की युवा पीढ़ी अब परफ्यूम को सिर्फ महकने तक सीमित नहीं मानती। उनकी नजर में खुशबू अब भावनाओं को संतुलित करने और दिनभर के रूटीन का हिस्सा बन गई है।

Ragini Sinha
Published on: 3 July 2025 6:31 PM IST
Perfume Therapy
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Perfume Therapy (SOCIAL MEDIA) 

Perfume Therapy: आज की युवा पीढ़ी अब परफ्यूम को सिर्फ महकने तक सीमित नहीं मानती। उनकी नजर में खुशबू अब भावनाओं को संतुलित करने और दिनभर के रूटीन का हिस्सा बन गई है। इसी सोच के चलते 'मूड मिस्ट्स' का चलन तेजी से बढ़ा है। जानिए क्यों ये हल्की बॉडी स्प्रे आजकल इतने पॉपुलर हो रहे हैं।

खुशबू और मानसिक स्वास्थ्य साथ-साथ

Gen Z मानसिक स्वास्थ्य को लेकर काफी सजग है। मूड मिस्ट्स में लैवेंडर, यूकलिप्टस और सिट्रस जैसे essential oils होते हैं, जो तनाव कम करने और मूड बेहतर करने में मदद करते हैं। एक हल्का सा स्प्रे आपको फ्रेश, शांत या एक्टिव फील करा सकता है।


परफ्यूम का सॉफ्ट वर्जन

परंपरागत परफ्यूम कई बार बहुत तेज होते हैं, जबकि मूड मिस्ट्स हल्के और फ्रेश होते हैं। इन्हें दिन में कई बार लगाया जा सकता है। ये सस्ते भी होते हैं, जिससे अलग-अलग खुशबुओं के साथ एक्सपेरिमेंट करना आसान हो जाता है।

ब्यूटी से पहले फील-गुड रिचुअल

Gen Z के लिए ब्यूटी सिर्फ दिखने की बात नहीं, बल्कि महसूस करने की चीज है। मूड मिस्ट्स को दिन की शुरुआत, जर्नलिंग, मेडिटेशन या सोने से पहले एक सेल्फ केयर रिचुअल के रूप में अपनाया जा रहा है।


नेचुरल और माइक्रोप्लास्टिक-फ्री

आज के युवा इको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स को पसंद करते हैं। ज्यादातर मूड मिस्ट्स अब बिना एल्कोहल, पैराबेन्स और माइक्रोप्लास्टिक के बनते हैं।

स्टाइलिश और ट्रेंडी

Sleepy girl spray, Clean girl cloud जैसे नामों ने सोशल मीडिया पर इन्हें एक ट्रेंड बना दिया है। ये बोतलें जितनी फंक्शनल हैं, उतनी ही एस्थेटिक भी।


हर मूड के लिए अलग मिस्ट

स्टडी के समय एक मिस्ट, सोते समय दूसरा मूड मिस्ट्स। हर मूड के हिसाब से आसानी से इस्तेमाल किए जा सकते हैं। पॉकेट में फिट होने वाले ये स्प्रे हर जगह साथ ले जाने लायक होते हैं।

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