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Bihar Begusarai Murder: मर्डर पे मर्डर! बिहार में कानून व्यवस्था की उठ रही अर्थिया, बेगूसराय में 3 लोगों पर हुई गोलियों की बरसात,1 की मौत
Bihar Begusarai Murder: लोहिया नगर थाना क्षेत्र स्थित बाघा रेलवे गुमटी के पास सोमवार की सुबह कुछ ऐसा हुआ, जिसे सुनकर दिल कांप उठे।
Bihar Begusarai Murder: सुबह की धूप अभी ठीक से फैली भी नहीं थी कि बेगूसराय की सड़कों पर खून की बारिश हो गई। लोग चाय की चुस्कियों में डूबे थे, तो कोई रेलवे लाइन पार करने की जल्दी में था। तभी अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट गूंजने लगी, और देखते ही देखते रेलवे गुमटी पर खून से सनी लाशें बिछ गईं। एक चीख दो घायल और एक की मौके पर ही मौत। बिहार के बेगूसराय में हुई ये वारदात कोई मामूली झगड़ा नहीं, बल्कि 'शहर के सीने' पर की गई एक सुनियोजित आतंकी स्टाइल साजिश जैसी लग रही है, जिसने लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए हैं।
सुबह-सुबह गोलियों की बरसात, बाघा गुमटी पर मचा तांडव
लोहिया नगर थाना क्षेत्र स्थित बाघा रेलवे गुमटी के पास सोमवार की सुबह कुछ ऐसा हुआ, जिसे सुनकर दिल कांप उठे। यहां बैरियर पर काम करने वाले तीन युवक – अमित कुमार, और दो अन्य, हमेशा की तरह छोटी गाड़ियों से बैरियर शुल्क वसूलने के लिए मौजूद थे। रोज़ का काम, रोज़ की दिनचर्या… लेकिन किसी को क्या पता था कि इस सुबह की चाय उनकी ज़िंदगी की आख़िरी होगी। तभी दो बाइकों पर सवार छह युवक आए, चेहरे नकाब में छिपे हुए, लेकिन इरादे मौत से भी ज्यादा खौफनाक। बिना एक शब्द बोले, उन्होंने ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दी। गोलियों की आवाज़ से इलाका दहल उठा। अमित कुमार की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल होकर खून से लथपथ वहीं गिर पड़े।
'बैरियर' बना 'मौत का जाल', इलाके में फैली दहशत
जिस बैरियर पर हर दिन आम लोग अपने वाहन रोकते हैं, वहीं पर अब खून की धार बह रही थी। स्वर्गीय छोटू महतो के बेटे अमित कुमार की लाश देख हर आंख नम हो गई। मोहल्ले का सीधा-सादा लड़का, जो रोज़ अपनी रोज़ी के लिए रेलवे गुमटी पर ड्यूटी करता था, उस पर मौत ने इस बेरहमी से वार किया, मानो उसकी कोई गलती हो। इलाके में हाहाकार मच गया। लोग घरों में दुबक गए। दुकानों के शटर गिरने लगे। महिलाएं बच्चों को लेकर भागने लगीं। यह हमला केवल एक हत्या नहीं, बल्कि पूरे बेगूसराय को चेतावनी थी – “यहां कानून से ज़्यादा गोलियों की चलती है!”
मौके पर पहुंची पुलिस, लेकिन हत्यारे 'गायब'
जैसे ही सूचना फैली, लोहिया नगर थाना की पुलिस टीम मौके पर पहुंची। घायलों को फौरन सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने अमित को मृत घोषित कर दिया। बाकी दो की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने बताया कि हत्यारे दो बाइक पर सवार थे और पूरी तैयारी के साथ आए थे। उनकी हरकतें CCTV में कैद हुई हैं, लेकिन अब तक वे फरार हैं। पुलिस दावा कर रही है कि बहुत जल्द हत्यारों को पकड़ लिया जाएगा, मगर बेगूसराय के लोग इस वादे को पहले भी कई बार सुन चुके हैं।
'बदमाशों का बोलबाला' या 'प्रशासन की नाकामी'?
यह कोई पहली घटना नहीं है जब बेगूसराय की सड़कों पर दिनदहाड़े खून बहाया गया हो। बदमाशों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि सुबह-सुबह सरेआम तीन लोगों को गोली मारना उनके लिए 'नॉर्मल ऑपरेशन' बन चुका है। सवाल यह है कि आखिर कब तक बेगूसराय के लोग यूं ही गोलियों की आवाज़ में अपने सपनों को मरते देखेंगे? स्थानीय लोगों में रोष है। लोग कह रहे हैं कि बैरियर की आड़ में चल रहा यह 'माफिया खेल' अब खूनी मोड़ पर पहुंच गया है। किसी गैंगवार का हिस्सा था यह हमला? या फिर पुराने पैसे का विवाद? या कोई निजी रंजिश? पुलिस को जवाब देना होगा, लेकिन सबसे बड़ा सवाल – कब मिलेगा इंसाफ़?
बेटा गया, बाप का सपना टूटा… मां की चीखों से कांपा बेगूसराय
अमित की मौत के बाद उसके घर का जो मंजर है, वह शब्दों में नहीं बयां किया जा सकता। एक मां जो हर सुबह बेटे को टिफिन देकर विदा करती थी, अब उसी बेटे की लाश से लिपटकर चीख रही है – "मेरे लाल को क्यों मार दिया रे भगवान!" पिता छोटू महतो पहले ही दुनिया छोड़ चुके थे, और अब इकलौता सहारा भी चला गया। मोहल्ले में मातम पसरा है, और एक अनकहा डर हर चेहरे पर साफ झलक रहा है।
बेगूसराय कब बनेगा 'गोलियों से आज़ाद'?
बेगूसराय का नाम कभी 'छोटे कोलकाता' जैसा हुआ करता था। आज वही शहर 'छोटा सिसिलीयन' बनता जा रहा है, जहां अपराधी कानून से नहीं, अपने 'गुर्गों' से डराते हैं। क्या अब भी सरकार और पुलिस सोती रहेगी? या इस बार किसी मासूम की लाश देखकर सच्चे मायने में जागेगी व्यवस्था? क्योंकि अब सवाल सिर्फ अमित की मौत का नहीं, बल्कि पूरे बेगूसराय की सांसों का है… और जवाब ज़रूरी है, वरना अगली गोली किसके सीने में उतरेगी ये कोई नहीं जानता।
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