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Bihar में क्रिकेट, दोस्ती और क्राइम का खूनी खेल! किस बिमारी का इलाज करा रहा था Chandan Mishra? कौन है शुरू सिंह? यहां जाने सब कुछ
Bihar Chandan Mishra Murder: पटना के पारस हॉस्पिटल में इलाज कराने आये कैदी चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस मामले में चंदन मिश्रा के पुराने दोस्त शेरू सिंह का नाम सामने आ रहा है।
Bihar Chandan Mishra Murder
Bihar Chandan Mishra Murder: अपराध की दुनिया में कोई किसी का अपना नहीं होता है। यहां दो जिगरी दोस्त पल में ही आपस में दुश्मन बन जाते हैं और एक दुसरे को मौत के घाट उतारने से भी नहीं चूकते। चंदन मिश्रा और शेरू सिंह (Chandan Mishra Sheru Singh Gang War) की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। पटना के पारस अस्पताल का कमरा नंबर 209 गैंगवार का गवाह बन गया। अस्पताल में हुए इस अपराध का वीडियो दुनिया देख रही है। पारस अस्पताल दूसरी मंजिल पर मरीजों के लिए बने वीवीआईपी कमरे में पिस्टल में गोलियां लोड करते एक साथ पांच लोग दाखिल हुए और फिर काम तमाम करके ही बाहर निकले। पहले से गर्म बिहार का सियासी माहौल इस घटना के बाद से उबलने लगा। जिसे गोलियां मारी गई हैं वह कोई आम आदमी नहीं बल्कि बक्सर का खूंखार अपराधी चंदन मिश्रा था। वह अपने माथे पर दर्जनों हत्याओं का आरोप लिए उम्रकैद की सजा काट रहा था।
चंदन की हत्या के मामले में उसके दोस्त शेरु सिंह का नाम सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि चंदन और शेरू कभी जिगरी दोस्ता हुआ करते थे। लेकिन जुर्म के साझीदार जब एक-दूसरे का साथ छोड़ते हैं तो खून के प्यासे हो जाते हैं।
ऐसे हुई चंदन और शेरू की दोस्ती
बताया जाता है कि शेरू और चंदन की दोस्ती क्रिकेट खेलने के दौरान हुई थी। शेरू सिंह बिहार के बक्सर जिले के सिमरी गांव का रहने वाला है। शेरू का असली नाम ओंकार नाथ सिंह है। सिमरी के बगल के गांव सोनबरसा का चंदन मिश्रा रहने वाला था। दोनों का शौक क्रिकेट रहा। क्रिकेट खेलने के दौरान ही दोनों की दोस्ती भी हुई। समय के साथ दोस्ती गाढ़ी होती चली गई। साल 2009 में क्रिकेट खेलते के दौरान अनिल सिंह नाम के एक शख्स से इनका विवाद हो गया। शेरू और चंदन पर हत्या के आरोप लगे। नाबालिग होने के चलते दोनों को बाल सुधार गृह भेज दिया गया।
'एक ठो आरा का शेरुआ है जो मर्डर करवाया'
चंदन और शेरू दोनों साथ-साथ जुर्म को अंजाम देते थे। उनकी दोस्ती की मिसालें दी जाती थी। जब दोनों के बीच मामला खटका तो वह एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए। इनकी दोस्ती अब दुश्मनी में बदल गई थी। इस बात का अंदाजा सांसद पप्पू यादव की बातों से भी लगाया जा सकता है। पप्पू यादव ने कहा, 'एक ठो आरा का शेरुआ है जो मर्डर करवाया। हमको फोन करवाया है, पप्पू यादव को कह दीजिए इस मर्डर में हाथ ना डालें।' पप्पू यादव ने आगे बताया कि कानून के कारण वो चुप हैं नहीं तो उनका साम्राज्य मिटाते देर नहीं लगेगी। इसी दरम्यान उन्होंने किसी सुबोध नाम के शख्स का नाम लिया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि गोपाल खेमका का एक नेता ने जमीन की वजह से मर्डर कराया। वैशाली जिले के गोरौल थाना क्षेत्र अंतर्गत पीरापुर गांव में पप्पू यादव ने ये बयान दिया।
तारीख बता कर करता था मर्डर
खुखार अपराधी चंदन लोगों का मर्डर तारीख बता कर करता था। जानकारी के मुताबिक, चूना कारोबारी राजेंद्र केसरी ने रंगदारी देने से इंकार कर दिया था जिस कारण 21 अगस्त 2011 को उसकी हत्या कर दी गई थी। राजेंद्र केसरी की हत्या से एक दिन पहले इसका ऐलान किया गया था। 20 अगस्त को चंदन ने कह दिया था कि राजेंद्र केसरी को कल मारूंगा और चंदन ने ऐसा कर भी दिया। चंदन और शेरू ने मिलकर वारदात को अंजाम दिया। मगर, पाप का घड़ा भर चुका था, इस मर्डर के बाद दोनों दोस्तों के बीच पैसे को लेकर खटपट हो गई। दोनों ने अलग-अलग गैंग बना लिया। राजेंद्र केसरी मर्डर केस में शेरू और चंदन गिरफ्तारी कोलकाता से हुई। बक्सर में इनकी कोर्ट में पेशी हुई। भागलपुर और पटना के बेऊर जेल शिफ्ट किया गया। बताया जाता है कि जेल से ही दोनों अपने-अपने गैंग को ऑपरेट करते रहे। राजेंद्र केसरी हत्याकांड में शेरू को फांसी और चंदन को उम्रकैद की सजा हुई।
पारस अस्पताल में इस बिमारी का इलाज करा रहा था चंदन
चंदन इलाज के लिए पेरोल पर जेल से बाहर आया था। उसे पाइल्स (बवासीर) था, जिसका ऑपरेशन पटना के पारस अस्पताल में हुआ था। 18 जुलाई को उसकी पेरोल की आखिरी तारीख थी, उससे एक दिन पहले ही उसकी अस्पताल में हत्या कर दी गई।
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