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BJP के सब नेता चिंटू हैं’! तेजस्वी की हुंकार से कांपी बीजेपी!" – बिहार को स्कॉटलैंड बनाने का एलान, खुद को बताया CM फेस
Bihar Politics: तेजस्वी यादव ने साफ किया कि INDIA गठबंधन में सहमति बन चुकी है – अगर महागठबंधन बहुमत में आता है, तो मुख्यमंत्री आरजेडी से ही होगा। तेजस्वी ने दावा किया, “जिसके पास ज़्यादा विधायक होंगे, सीएम उसी का होगा… और वो आरजेडी होगी।
Bihar Politics: आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने आज जो ऐलान किया है, वो महज़ राजनीतिक बयान नहीं, बिहार की राजनीति में क्रांति की दस्तक है। तेजस्वी ने साफ शब्दों में कह दिया – “मुख्यमंत्री का चेहरा मैं ही हूं, इसमें अब कोई भ्रम नहीं रहना चाहिए।” तीखे तेवर, बुलंद लहजा और पूरी तरह आक्रामक अंदाज़ में तेजस्वी ने ना सिर्फ खुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया, बल्कि बीजेपी, एनडीए और खुद अपने भाई तक पर शब्दों के बाण दाग दिए।
अबकी बार तेजस्वी सरकार?
तेजस्वी यादव ने साफ किया कि INDIA गठबंधन में सहमति बन चुकी है – अगर महागठबंधन बहुमत में आता है, तो मुख्यमंत्री आरजेडी से ही होगा। तेजस्वी ने दावा किया, “जिसके पास ज़्यादा विधायक होंगे, सीएम उसी का होगा… और वो आरजेडी होगी।” इस बयान के साथ ही महागठबंधन ने अब बीजेपी के खिलाफ बिहार की जंग में तेजस्वी को फ्रंटलाइन योद्धा बना दिया है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार को स्कॉटलैंड बना देंगे – यानी विकास का नया मॉडल, तकनीक और शिक्षा का केंद्र, आधुनिकता के साथ सामाजिक न्याय की मिशाल।
“बीजेपी के नेता सब चिंटू हैं!” – आग उगलता बयान
तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, “ये नमाज़वाद और मौलाना स्क्रिप्ट की राजनीति करते हैं। बिहार में धर्म और जाति की राजनीति अब नहीं चलने देंगे।” उन्होंने सुधांशु त्रिवेदी का नाम लेकर कहा – “वो अपनी दम पर नेता नहीं बने, उन्हें उठाकर लाया गया है।“ इतना ही नहीं, अपने भाई तेजप्रताप यादव की हरकतों पर भी नाराज़गी जताते हुए तेजस्वी बोले – “जो तेजप्रताप ने किया, वह मुझे पसंद नहीं है।” यह बयान बताता है कि तेजस्वी अब ना केवल राजनीतिक परिपक्वता दिखा रहे हैं, बल्कि परिवारवाद से भी ऊपर उठकर गठबंधन और पार्टी की छवि को आगे रख रहे हैं।
वक्फ अधिनियम को 'कूड़ेदान' में फेंकने की चेतावनी
तेजस्वी ने चुनाव से पहले बड़ा मुस्लिम कार्ड भी खेल दिया है। उन्होंने एलान किया कि अगर उनकी सरकार बनी, तो वक्फ अधिनियम को कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव ने साफ कर दिया है कि आरजेडी इस कानून का विरोध करती है। हमने कोर्ट में चुनौती दी है और मुस्लिम भाइयों को यकीन दिलाना चाहता हूं – एनडीए जा रही है, गरीबों की सरकार आ रही है।” ये सीधा संदेश है उन मतदाताओं के लिए जो संवेदनशील मुद्दों पर अपना निर्णय लेते हैं – और आरजेडी इस दांव से अपने पारंपरिक वोट बैंक को एकजुट करने की रणनीति पर काम कर रही है।
“देश किसी के बाप की प्रॉपर्टी नहीं” – बीजेपी को सीधी ललकार
तेजस्वी ने कहा, “हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई – सबके बलिदान से देश आज़ाद हुआ है। कोई ये ना समझे कि ये देश उसके पिता की प्रॉपर्टी है।” यह बयान सीधा केंद्र सरकार और आरएसएस की विचारधारा पर कटाक्ष और चेतावनी दोनों है। तेजस्वी ने बीजेपी पर मतदाता सूची में गड़बड़ी और गहन पुनरीक्षण के बहाने वोटों को काटने की साजिश का भी आरोप लगाया और जनता को जागरूक रहने का आह्वान किया।
बिहार की सियासत में उठता तूफान!
तेजस्वी यादव का यह बयान सिर्फ मीडिया हेडलाइन नहीं है, बल्कि 2025 के चुनावी युद्ध का बिगुल है। उन्होंने ना सिर्फ खुद को फ्रेम में लाया, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया कि इस बार महागठबंधन की रणनीति केवल बचाव नहीं, आक्रामक हमले की होगी।भाजपा के लिए ये संकेत है कि बिहार में विपक्ष अब एकजुट और निर्णायक होता जा रहा है, और अगर समय रहते जवाबी रणनीति नहीं बनी, तो इस बार की लड़ाई आसान नहीं होगी। अब सवाल ये नहीं कि बिहार में चुनाव कब होगा, सवाल ये है – क्या 2025 में सत्ता में 'स्कॉटलैंड मॉडल' लाने वाले तेजस्वी यादव होंगे? या फिर बीजेपी इस उभरते तूफान को रोक पाएगी? जवाब जनता के पास है, लेकिन तेजस्वी ने शतरंज की सबसे बड़ी चाल अभी चल दी है!
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