अनिल अंबानी को ED का समन: 10,000 करोड़ की लोन हेराफेरी का मामला

ED Summons Anil Ambani: कैसे 10,000 करोड़ से अधिक की लोन हेराफेरी में ED ने तेज़ की कार्रवाई, क्या सामने आई 'C कंपनी' की भूमिका?

Sonal Girhepunje
Published on: 1 Aug 2025 10:40 AM IST
ED Summons Anil Ambani
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Anil Ambani Loan Case: एक बड़े वित्तीय घोटाले की जांच में तेजी लाते हुए ED ने मशहूर उद्योगपति अनिल अंबानी को 5 अगस्त को पूछताछ के लिए तलब किया है। यह समन Yes Bank द्वारा दिए गए कथित फर्जी ऋण और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जारी किया गया है। 66 वर्षीय अंबानी को दिल्ली स्थित ED मुख्यालय में हाज़िर होने के लिए कहा गया है। यह केस दिल्ली में दर्ज किया गया है और जांच एजेंसी उनके बयान को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत दर्ज करेगी।

क्या है पूरा मामला? :

ED अनिल अंबानी की कंपनियों द्वारा लिए गए लगभग ₹3,000 करोड़ के लोन में गड़बड़ियों की जांच कर रहा है। यह लोन Yes Bank द्वारा 2017 से 2019 के बीच दिया गया था। शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह राशि कई समूह कंपनियों और शेल कंपनियों को ट्रांसफर की गई। इसमें बैंक की आंतरिक नीतियों और नियमों की बड़े स्तर पर अनदेखी की गई थी।

इस पूरे मामले की शुरुआत दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा दर्ज किए गए केस से हुई थी, जिसे 11 नवंबर 2024 को दर्ज किया गया था। इस आधार पर ED ने अपना ECIR (Enforcement Case Information Report) तैयार किया।

35 ठिकानों पर छापेमारी और हजारों करोड़ का सवाल :

ED ने हाल ही में मुंबई, भुवनेश्वर और कोलकाता समेत देशभर के 35 से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इसमें 50 कंपनियों और 25 से ज्यादा व्यक्तियों के परिसरों की तलाशी ली गई। इस दौरान कई अहम दस्तावेज़ और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए हैं, जिनसे पता चलता है कि यह मामला ₹20,000 करोड़ से ₹30,000 करोड़ की सार्वजनिक राशि से जुड़ा हो सकता है। यह रकम कथित रूप से विदेशों में छुपाए गए खातों और अघोषित संपत्तियों के ज़रिए बाहर भेजी गई है।

इस लोन घोटाले में केवल Yes Bank ही नहीं, बल्कि SBI और अन्य सार्वजनिक बैंकों तथा म्यूचुअल फंड्स से भी बड़ा निवेश हुआ था। जांच में सामने आया है कि अनिल अंबानी के रिलायंस ADA समूह की कंपनियों को बिना उचित जांच के लोन दिए गए, और फिर उन्हें शेल कंपनियों में ट्रांसफर किया गया।

'C कंपनी' और संदिग्ध लेनदेन :

जांच में एक रहस्यमयी कंपनी का नाम भी सामने आया है, जिसे 'C कंपनी' कहा जा रहा है। इस कंपनी का नाम पहले किसी दस्तावेज़ में सामने नहीं आया था, लेकिन अब यह कई संदिग्ध लेनदेन में शामिल पाई गई है। सूत्रों के अनुसार, यह कंपनी रिलायंस समूह से जुड़ी अन्य कंपनियों के साथ 'रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन' में भी शामिल रही है।

अन्य एजेंसियों से मिले इनपुट :

इस पूरे मामले में ED को राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB), SEBI, नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA), और बैंक ऑफ बड़ौदा से महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त हुई हैं। अधिकारियों का कहना है कि Yes Bank ने 'RAAGA' कंपनियों को लोन देने के दौरान ज़रूरी जांच नहीं की। पुराने तारीखों में बनाए गए अप्रूवल डॉक्युमेंट, कमजोर वित्तीय स्थिति वाली कंपनियों को लोन, एक जैसे पते और निदेशक, तथा डॉक्युमेंटेशन में खामी जैसे कई गंभीर बिंदु सामने आए हैं।

SEBI ने भी RHFL (रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड) से जुड़ी अपनी जांच के नतीजे ED के साथ साझा किए हैं, जिससे इस घोटाले की परतें और खुलती जा रही हैं।

अनिल अंबानी से पूछताछ के बाद इस घोटाले की कई और परतें उजागर होने की संभावना है। ED अब यह पता लगाने में जुटा है कि यह धन देश से बाहर कैसे गया, किन-किन खातों में जमा हुआ और क्या इससे जुड़े और लोग या संस्थाएं हैं।

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