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पिता से मिली 50 लाख की प्रॉपर्टी - क्या इसे ITR में शामिल करना चाहिए?
जानिए पिता या दादा-नाना से मिली संपत्ति को ITR में शामिल करने के सही नियम और टैक्स बचाने के टिप्स।
Inheritance Property Tax Rules
Inheritance Property Tax Rules: कई लोग जीवन में कभी न कभी अपने माता-पिता या दादा-नाना से संपत्ति प्राप्त करते हैं। जून 2024 में एक व्यक्ति को अपने पिता से 50 लाख की हाउस प्रॉपर्टी मिली। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इसे इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में दिखाना जरूरी है। टैक्स नियमों के अनुसार, विरासत या वसीयत से मिली संपत्ति पर टैक्स नहीं लगता, लेकिन अगर इसे बेचकर मुनाफा कमाया जाए, तो कैपिटल गेन टैक्स देना पड़ सकता है। वित्त वर्ष 2024-25 में सालाना 1 करोड़ रुपये से अधिक इनकम वालों को अपनी संपत्ति की रिपोर्टिंग ITR-3 में करनी अनिवार्य है।
गिफ्ट और विरासत पर टैक्स नियम
टैक्स विशेषज्ञ बलवंत जैन के अनुसार, अगर संपत्ति विरासत या वसीयत के जरिए मिलती है, तो इसे इनकम नहीं माना जाता। इसका मतलब, आपको तुरंत टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं। हालांकि, अगर कोई व्यक्ति यह संपत्ति बाद में बेचता है और मुनाफा कमाता है, तब उसे कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। सेक्शन 56(2)(x) के अनुसार, किसी व्यक्ति को वित्त वर्ष में 50,000 रुपये से अधिक मूल्य के गिफ्ट मिलने पर इसे टैक्सेबल इनकम माना जाता है। लेकिन वसीयत या विरासत से मिली संपत्ति इस नियम से बाहर है।
कब ITR में डिसक्लोज़ करना जरूरी है?
यदि किसी व्यक्ति की सालाना इनकम 1 करोड़ रुपये से अधिक है, तो उसे अपने ITR में अपनी सभी चल और अचल संपत्तियों की जानकारी देना अनिवार्य है। ध्यान रहे कि FY 2023-24 तक यह लिमिट 50 लाख रुपये थी, जबकि FY 2024-25 में यह सीमा बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी गई है। उदाहरण के तौर पर, शुभम के पास पहले से एक घर है; अगर उनकी कुल इनकम 1 करोड़ रुपये से अधिक होती, तो उन्हें ITR-3 फॉर्म भरना पड़ता और सभी संपत्तियों का विवरण दाखिल करना होता, ताकि टैक्स विभाग के सामने उनके संपत्ति रिकॉर्ड पूर्ण और सही रूप में मौजूद रहे।
जरूरी बातें
विरासत में मिली संपत्ति पर आमतौर पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगता, इसलिए इसे सीधे ITR में रिपोर्ट करने की जरूरत नहीं होती। हालांकि, अगर यह संपत्ति बाद में बेची जाती है, तो उस पर कैपिटल गेन टैक्स लागू हो सकता है। वित्त वर्ष 2024-25 में, उन टैक्सपेयरों के लिए जिनकी कुल सालाना इनकम 1 करोड़ रुपये से अधिक है, अपनी चल और अचल संपत्ति की विस्तृत रिपोर्टिंग अनिवार्य कर दी गई है। इसके अलावा, अगर किसी के पास दो या अधिक हाउस प्रॉपर्टी हैं, तो उन्हें ITR-3 फॉर्म का उपयोग करके यह जानकारी दाखिल करनी होती है, ताकि टैक्स विभाग के सामने सभी संपत्तियों का सही रिकॉर्ड मौजूद रहे।
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