ITR Filing 2025: इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़े 6 आम मिथक

Common 6 ITR Filing Myths: जानें ITR फाइलिंग से जुड़े 6 आम गलतफहमियां और सही बातें, ताकि टैक्स और रिफंड का पूरा फायदा उठा सकें।

Sonal Girhepunje
Published on: 19 Aug 2025 6:34 PM IST
Common 6 ITR Filing Myths
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Common 6 ITR Filing Myths

Common 6 ITR Filing Myths: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना अक्सर लोगों के लिए डर या उलझन का कारण बनता है। कई बार लोग बिना सही जानकारी के टैक्स से जुड़े myths पर भरोसा कर लेते हैं। कुछ सोचते हैं कि टैक्स सिर्फ अमीरों को देना पड़ता है, तो कुछ मानते हैं कि परिवार से मिले गिफ्ट पर हमेशा टैक्स लगता है। ऐसी गलतफहमियां न सिर्फ परेशानी बढ़ाती हैं, बल्कि जरूरी टैक्स बचत और रिफंड के अवसर भी खो देती हैं। हम 2025 के ITR फाइलिंग से जुड़े 6 आम मिथक और उनकी सच्चाई बताएंगे। इसे पढ़कर आप समझ पाएंगे कि कौन-सी बातें सच हैं और कौन-सी myths सिर्फ भ्रम फैलाती हैं। सही जानकारी के साथ आप समय पर ITR फाइल कर सकते हैं और अपनी वित्तीय स्थिति मजबूत बना सकते हैं।

सिर्फ अमीरों को टैक्स देना पड़ता है

कई लोगों का मानना है कि सिर्फ अमीर लोगों या बड़े बिजनेस पर टैक्स लगता है। लेकिन वास्तव में, उन लोगों पर लागू होता है जिनकी सालाना आय छूट सीमा से अधिक है। इसमें काम करने वाले, फ्रीलांसर, छोटे व्यापारी और निवेश करने वाले सभी शामिल हैं। इसलिए टैक्स केवल अमीर लोगों तक नहीं सीमित है।

परिवार से मिला हर गिफ्ट टैक्सेबल होता है

एक और आम गलतफहमी यह है कि परिवार से मिले हर गिफ्ट पर टैक्स लगता है। सच यह है कि माता-पिता, भाई-बहन और जीवनसाथी से मिले गिफ्ट पर कोई टैक्स नहीं लगता। वहीं, गैर-रिश्तेदार से मिले गिफ्ट 50,000 रुपये तक टैक्स-फ्री होते हैं। अगर इससे ज्यादा मिलता है, तो पूरा अमाउंट टैक्स के दायरे में आता है।

टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट करना जरूरी नहीं

बहुत से लोगों का मानना है कि टैक्स बचाने के लिए निवेश करना आवश्यक नहीं है। लेकिन सेक्शन 80C के तहत निवेश नहीं करने पर अधिक कर देना पड़ सकता है। LIC, PPF और ELSS जैसे निवेश विकल्प आपकी टैक्सेबल आय को कम कर सकते हैं। सही योजना से आप प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये बच सकते हैं।

डेडलाइन मिस होने पर ITR नहीं फाइल कर सकते

बहुत से लोग सोचते हैं कि अगर तारीख निकल गई तो ITR फाइल नहीं हो सकता। लेकिन आप दिसंबर 31 तक लेट रिटर्न फाइल कर सकते हैं। हां, इसमें पेनल्टी और ब्याज लग सकता है। इसलिए बेहतर यही है कि जितनी जल्दी हो सके रिटर्न फाइल कर दी जाए।

TDS कटने के बावजूद ITR फाइल करने की जरूरत नहीं

कई लोग मानते हैं कि अगर TDS कट गया है तो ITR फाइल करने की जरूरत नहीं। लेकिन TDS केवल एडवांस टैक्स का तरीका है। अगर आपकी आय बेसिक छूट सीमा से ऊपर है, तो ITR फाइल करना आपकी जिम्मेदारी है। इससे आप रिफंड क्लेम कर सकते हैं और लॉस को अगले साल्स में भी कैरी फॉरवर्ड कर सकते हैं।

टैक्स के दायरे में नहीं आने पर ITR फाइल करने की जरूरत नहीं

एक आम धारणा यह भी है कि अगर आपकी इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती, तो ITR फाइल करने की जरूरत नहीं। लेकिन जीरो ITR फाइल करना भी फायदेमंद है। इससे लोन या वीजा मिलने में आसानी होती है और आपकी वित्तीय रिकॉर्ड भी बनती रहती है।

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