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Parliament Session: निर्मला सीतारमण ने पेश किया नया आयकर विधेयक, विपक्ष रहे गैर मौजूद
Parliament Session 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक पुराने विधेयक को वापस लेकर, उसकी जगह एक नया और संशोधित आयकर विधेयक 2025 पेश किया। यह कदम पिछले हफ्ते सरकार के उस फैसले के बाद आया है जिसमें उसने पहले पेश किए गए आयकर विधेयक को वापस लेने की घोषणा की थी।
Parliament Session 2025: संसद के दोनों सदनों में सोमवार का दिन एक अप्रत्याशित 'ट्विस्ट' लेकर आया। जहाँ एक तरफ विपक्ष के सांसद सुबह से ही सदन की कार्यवाही से नदारद रहे, वहीं दूसरी ओर सरकार ने एक बड़ा विधायी कदम उठाया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक पुराने विधेयक को वापस लेकर, उसकी जगह एक नया और संशोधित आयकर विधेयक 2025 पेश किया। यह कदम पिछले हफ्ते सरकार के उस फैसले के बाद आया है, जिसमें उसने पहले पेश किए गए आयकर विधेयक को वापस लेने की घोषणा की थी। इस पूरे घटनाक्रम ने राजनीतिक और आर्थिक दोनों गलियारों में हलचल पैदा कर दी है।
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आयकर विधेयक 2025, 6 दशक पुराने कानून का अंत?
सोमवार को सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में संशोधित आयकर विधेयक 2025 को विचार और पारित करने के लिए पेश किया। यह विधेयक 62 साल पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेने के लिए तैयार किया गया है, जो दशकों से भारत की कर व्यवस्था का आधार रहा है।
दरअसल, 13 फरवरी को पेश किए गए मूल विधेयक को बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली प्रवर समिति के पास भेजा गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट में विधेयक के मसौदे से जुड़ी कई तकनीकी गलतियों को उजागर किया और स्पष्टता लाने के लिए महत्वपूर्ण संशोधनों का सुझाव दिया था। सरकार ने समिति की लगभग सभी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया और उन्हें नए विधेयक में शामिल किया।
वित्त मंत्री सीतारमण ने सदन को संबोधित करते हुए कहा, "प्रवर समिति से जो सुझाव मिले हैं, उन्हें सही विधायी अर्थ बताने के लिए विधेयक में शामिल करना आवश्यक था। प्रारूपण की प्रकृति, वाक्यांशों के संरेखण, और परस्पर संदर्भों में सुधार किए गए हैं।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि "भ्रम से बचने" के लिए पुराने विधेयक को वापस ले लिया गया था और यह नया मसौदा 1961 के अधिनियम को बदलने का आधार बनेगा।
विपक्ष की गैरमौजूदगी
संसद के दोनों सदनों में जब यह महत्वपूर्ण विधायी प्रक्रिया चल रही थी, तब विपक्ष के सांसद नदारद थे। सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे स्थगित होने के बाद, जब दोपहर 2 बजे दोबारा शुरू हुई, तब भी विपक्ष की कुर्सियां खाली रहीं। विपक्ष की यह गैरमौजूदगी कई सवाल खड़े करती है। एक तरफ जहां सरकार इतने महत्वपूर्ण विधेयक पर काम कर रही थी, वहीं विपक्ष की चुप्पी ने कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है। क्या यह विपक्ष का एक रणनीतिक विरोध था या फिर इसका कारण कुछ और था? आने वाले दिनों में यह स्पष्ट होगा।
अन्य महत्वपूर्ण विधेयक और प्रवर समिति की सिफारिशें
इसी बीच, सदन में और भी कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए गए। केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक 2025 को पेश किया, जो देश में खेल प्रशासन को मजबूत करने और डोपिंग से निपटने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, राज्य मंत्री पीसी चौधरी ने मणिपुर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (संशोधन) विधेयक 2025 और मणिपुर विनियोग (संख्या 2) विधेयक 2025 को राज्यसभा में विचार के लिए प्रस्तुत किया।
प्रवर समिति ने जो प्रमुख सिफारिशें की थीं, उनमें से कुछ महत्वपूर्ण हैं:
धारा 21 (संपत्ति का वार्षिक मूल्य): खाली संपत्तियों के लिए "सामान्य क्रम में" शब्द को हटाकर वास्तविक किराए और "मान्य किराए" के बीच स्पष्ट तुलना करना।
धारा 22 (गृह संपत्ति आय से कटौती): यह निर्दिष्ट करना कि 30% मानक कटौती नगरपालिका टैक्स में कटौती के बाद ही लागू हो।
धारा 19 (वेतन कटौती): किसी फंड से पेंशन पाने वाले गैर-कर्मचारियों के लिए भी पेंशन कटौती की अनुमति देना।
धारा 20 (व्यावसायिक संपत्ति): अस्थायी रूप से अप्रयुक्त व्यावसायिक संपत्तियों पर "गृह संपत्ति" आय के रूप में टैक्स लगाने से बचने के लिए शब्दावली में संशोधन करना।
इन बदलावों का उद्देश्य कानून को और अधिक निष्पक्ष और स्पष्ट बनाना है। अब देखना यह होगा कि यह नया विधेयक संसद में कब तक पारित हो पाता है और क्या विपक्ष इस पर बहस के लिए सदन में मौजूद रहता है या नहीं।
राज्य मंत्री पी.सी. चौधरी ने सोमवार को मणिपुर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (संशोधन) विधेयक, 2025 और मणिपुर विनियोग (संख्या 2) विधेयक, 2025 को एक साथ राज्यसभा में विचार के लिए पेश किया। इसके साथ ही उन्होंने मणिपुर 2025-26 का बजट भी चर्चा के लिए प्रस्तुत किया। बाद में, राज्यसभा ने मणिपुर जीएसटी बिल और मणिपुर विनियोग विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी। वहीं, लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच ‘राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक’ (नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल) पारित कर दिया गया। यह हंगामा बिहार मतदाता सूची में संशोधन के मुद्दे पर हुआ। विधेयक पारित होने के बाद सदन को शाम 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
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