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IIP में भारी गिरावट: उत्पादन आठ महीने के निचले पायदान पर, पावर सेक्टर की पांच साल में सबसे कमजोर स्थिति
Sharp Decline in IIP: मई 2025 में औद्योगिक गतिविधियों की रफ्तार थमती नजर आई। औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर सिर्फ 1.2% रही, जो पिछले आठ महीनों में सबसे कम है।
Sharp Decline in IIP
Sharp Decline in IIP: मई 2025 में औद्योगिक गतिविधियों की रफ्तार थमती नजर आई। औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर सिर्फ 1.2% रही, जो पिछले आठ महीनों में सबसे कम है। अप्रैल में यह आंकड़ा 2.6% था। विशेषज्ञों का मानना है कि बिजली और कोर सेक्टर में कमजोरी की वजह से यह गिरावट आई है।
कोर सेक्टर में सुस्ती :
कोर सेक्टर, जो देश के आठ प्रमुख उद्योगों जैसे बिजली, स्टील, सीमेंट, कोयला और पेट्रोलियम उत्पादों को शामिल करता है, उसमें मई महीने में केवल 0.7% की वृद्धि दर्ज की गई। यह दर अप्रैल में 1% थी। यह गिरावट दर्शाती है कि इन क्षेत्रों में मांग और उत्पादन दोनों में ठहराव है।
बिजली क्षेत्र में सबसे बड़ी गिरावट :
बिजली क्षेत्र पर सबसे गहरा असर पड़ा, जहां उत्पादन में 5.8% की गिरावट देखी गई — यह बीते पांच वर्षों की सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है। जानकारों के अनुसार, देश के विभिन्न हिस्सों में मौसम ठंडा और वर्षा अधिक होने के कारण बिजली की खपत में कमी आई, जिससे उत्पादन घटा।
जीडीपी ग्रोथ पर असर संभव :
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि अप्रैल से जून की तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर पर इस औद्योगिक सुस्ती का सीधा प्रभाव पड़ सकता है। पिछली तिमाही में विकास दर 7.4% रही थी, लेकिन कोर सेक्टर में कमजोरी और उत्पादन में गिरावट से इसमें गिरावट की आशंका जताई जा रही है।
उद्योगिक गिरावट से बढ़ी चिंताएं, नीतिगत सुधारों की जरूरत :
औद्योगिक उत्पादन में आई गिरावट ने सरकार और निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। कमजोर ग्रोथ से रोजगार के अवसरों में कमी आ सकती है और निवेश भी प्रभावित हो सकता है। विशेषज्ञ अब तेज़ और असरदार नीतिगत फैसलों की मांग कर रहे हैं ताकि हालात सुधर सकें।
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