आपातकालीन फंड क्यों ज़रूरी है? एक छोटी सी बचत जो बड़े संकट में काम आएगी

Why is an Emergency Fund Needed?: यहां जानिए बजट, सेविंग, इन्वेस्टमेंट और इमरजेंसी फंड से जुड़ी जरूरी बातें, फाइनेंशियल फ्रीडम पाने के आसान तरीके।

Sonal Girhepunje
Published on: 2 Aug 2025 7:11 PM IST
Why is an Emergency Fund Needed?
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Why is an Emergency Fund Needed?

Why is an Emergency Fund Needed?: जीवन कब किस मोड़ पर क्या ले आए, कोई नहीं जानता। एक सामान्य-सी सुबह अचानक मेडिकल इमरजेंसी में बदल सकती है, या फिर अच्छी-खासी नौकरी एक झटके में चली जा सकती है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल होता है अब खर्च कैसे चलाएं? यही वह समय होता है जब आपातकालीन फंड आपका सबसे मजबूत सहारा बन सकता है। यह एक ऐसी राशि होती है जिसे आप विशेष रूप से अनचाही परिस्थितियों के लिए अलग रखते हैं। आपात स्थिति चाहे मेडिकल हो, कार खराब हो जाए या फिर कुछ महीनों तक आमदनी बंद हो जाए यह फंड आपकी ज़िंदगी को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है।

आपातकालीन फंड क्या होता है? :

आपातकालीन फंड का मतलब है एक ऐसा बचत खाता जिसमें आप धीरे-धीरे पैसे जमा करते हैं ताकि किसी भी अनिश्चित स्थिति में बिना उधार लिए या किसी निवेश को तोड़े आप ज़रूरतें पूरी कर सकें। इसे निवेश की तरह न देखें, बल्कि सुरक्षा की तरह समझें।

विशेषज्ञों की मानें तो आपके पास कम से कम 3 से 6 महीने के खर्चों के बराबर राशि एक सुरक्षित खाते में होनी चाहिए। इसमें किराया, राशन, बिजली बिल, स्कूल फीस, मेडिकल और रोज़मर्रा के ज़रूरी खर्च शामिल हैं।

शुरुआत कहां से करें? छोटे कदम, बड़ा असर :

बहुत से लोग यह सोचकर शुरुआत ही नहीं करते कि "इतना कैसे जोड़ पाएंगे?" लेकिन बात ये है कि शुरुआत बड़ी नहीं, स्थायी होनी चाहिए।

1. ₹1,000 से करें शुरुआत:

अगर आप हर महीने सिर्फ ₹1,000 बचाते हैं, तो साल भर में आपके पास ₹12,000 हो जाएंगे। यही रकम किसी जरूरी समय में बड़ी राहत बन सकती है।

2. ₹10,000 का पहला लक्ष्य:

आप चाहें तो एकमुश्त ₹10,000 से भी शुरुआत कर सकते हैं। यह फंड आपके मन को भी शांति देगा कि कम से कम एक महीने का खर्च तो सुरक्षित है।

3. धीरे-धीरे बढ़ाएं:

हर 3-6 महीने में अपनी बचत राशि में थोड़ी बढ़ोतरी करें। जैसे-जैसे आपकी आमदनी बढ़े, आप ₹1,000 को ₹1,500 या ₹2,000 में बदल सकते हैं।

फंड को कहां रखें? ताकि बचत बनी रहे :

बहुत बार लोग अच्छी-खासी बचत कर लेते हैं लेकिन उसे गलत जगह रख देते हैं, जिससे ज़रूरत के समय उस पैसे तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है या वे उसे खर्च कर देते हैं।

1. अलग सेविंग्स अकाउंट बनाएं:

आपातकालीन फंड को उसी अकाउंट में न रखें जहां से रोज़मर्रा के खर्च होते हैं। इसके लिए एक अलग बैंक खाता खोलें जिससे आप बिना ज़रूरत के उस फंड को न छुएं।

2. फिक्स्ड डिपॉजिट नहीं, लिक्विड सेविंग्स:

फंड को ऐसे अकाउंट में रखें जहां से आप किसी भी समय पैसे निकाल सकें। फिक्स्ड डिपॉजिट से आपात स्थिति में पैसे निकालने पर पेनाल्टी लग सकती है।

3. ऑटोमैटिक ट्रांसफर सेट करें:

हर महीने तनख्वाह आते ही एक तय रकम अपने आप इस फंड में ट्रांसफर हो जाए, इससे आप भूलेंगे नहीं और बचत की आदत बनी रहेगी।

क्यों है यह फंड ज़रूरी?

आपातकालीन फंड आपको मानसिक शांति देता है। नौकरी चले जाने की स्थिति में भी आपको कुछ महीनों तक खर्चों की चिंता नहीं करनी पड़ती। मेडिकल इमरजेंसी हो या किसी परिवारजन की ज़रूरत, यह फंड आपकी रीढ़ की तरह काम करता है।

छोटे-छोटे कदमों से जब आप एक मजबूत आर्थिक सुरक्षा जाल बुनते हैं, तो ज़िंदगी की अनिश्चितता भी आपको परेशान नहीं कर पाती।

आपकी वित्तीय स्वतंत्रता की शुरुआत यहीं से होती है उस एक छोटे से फंड से, जो मुश्किल समय में आपको टिके रहने की ताकत देता है।

डिस्क्लेमर:

यह केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। निवेश से पहले अपनी रिसर्च करें या वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।

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