SIP, NPS और EPF : रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए कौन सा विकल्प सबसे बेहतर है?

SIP, NPS और EPF: जानिए कौन-सा विकल्प देगा सबसे अच्छा रिटर्न, किसमें है टैक्स बचत और बेहतर रिटायरमेंट फंड की पूरी जानकारी।

Sonal Girhepunje
Published on: 23 July 2025 6:21 PM IST
SIP, NPS और EPF
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SIP, NPS और EPF (Photo - Social Media)

SIP, NPS और EPF: रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी को आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाना हर किसी का सपना होता है। जब नियमित आय बंद हो जाती है, तब यही रिटायरमेंट फंड आपकी मदद करता है। लेकिन सवाल यह है कि इस फंड को मजबूत कैसे बनाया जाए? बाजार में SIP, NPS और EPF जैसे कई निवेश विकल्प मौजूद हैं जो लंबे समय तक निवेश करने पर अच्छा रिटर्न देने का दावा करते हैं। लेकिन इन तीनों में से किसे चुनना सही रहेगा? यह फैसला आपकी उम्र, जोखिम लेने की क्षमता और वित्तीय लक्ष्यों पर निर्भर करता है। आइए इन तीनों विकल्पों को विस्तार से समझते हैं, ताकि आप अपने लिए सही निर्णय ले सकें।

EPF: नौकरीपेशा लोगों के लिए सुरक्षित और स्थिर निवेश :

EPF (Employees’ Provident Fund) एक सरकारी योजना है, जिसमें वेतनभोगी कर्मचारियों के वेतन का एक हिस्सा हर महीने निवेश किया जाता है। इसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों ही 12% योगदान करते हैं। EPF की मौजूदा ब्याज दर 8.25% है, जो फिक्स्ड डिपॉजिट से अधिक होती है। इसमें जमा राशि, उस पर मिलने वाला ब्याज और निकासी-तीनों टैक्स फ्री होती हैं (कुछ शर्तों के साथ)।

यह योजना उन लोगों के लिए आदर्श है जो जोखिम नहीं लेना चाहते और सुरक्षित रिटर्न की तलाश में हैं। EPF का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह रिटायरमेंट तक एक बड़ा कॉर्पस तैयार करता है, जिसे आप एकमुश्त निकाल सकते हैं। इसके अलावा, यह इमरजेंसी फंड और पेंशन दोनों के रूप में मददगार साबित होता है।

SIP: अनुशासन के साथ धन सृजन का तरीका :

SIP एक नियमित निवेश प्रणाली है, जहां हर महीने तय रकम म्यूचुअल फंड में लगाई जाती है। चूंकि यह शेयर बाजार से जुड़ा होता है, इसलिए इसके रिटर्न बाजार की चाल के अनुसार बदल सकते हैं। SIP की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह कंपाउंडिंग का फायदा देता है और निवेशकों को अनुशासन सिखाता है।

SIP की सबसे बड़ी खूबी इसकी फ्लेक्सिबिलिटी है। आप इसे कभी भी शुरू या बंद कर सकते हैं, अपनी निवेश राशि बढ़ा या घटा सकते हैं। इसमें आप Equity, Debt या Hybrid फंड्स में निवेश कर सकते हैं। यह योजना उन युवाओं के लिए खासतौर पर फायदेमंद है जो लंबी अवधि तक निवेश कर अच्छा रिटर्न पाना चाहते हैं और महंगाई को मात देना चाहते हैं।

NPS: रिटायरमेंट के बाद नियमित आय का जरिया :

NPS (National Pension System) एक सरकारी योजना है जिसे पेंशन फंड रेग्युलेटर PFRDA द्वारा संचालित किया जाता है। यह योजना प्राइवेट और सरकारी दोनों क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए है। इसमें निवेशक दो तरह के अकाउंट खोल सकते हैं: Tier-I (पेंशन के लिए अनिवार्य) और Tier-II (स्वैच्छिक)।

NPS की सबसे बड़ी खासियत यह है कि रिटायरमेंट के समय मिलने वाली राशि से आप एन्यूटी खरीद सकते हैं, जिससे आपको जीवनभर हर महीने पेंशन मिलती है। इस योजना में टैक्स बचाने का एक और फायदा मिलता है। सेक्शन 80CCD(1B) के तहत आप साल में ₹50,000 तक की extra छूट ले सकते हैं, जो ज्यादातर दूसरी स्कीमों में नहीं मिलती।

SIP vs NPS vs EPF: किसमें करें निवेश? :

अब सवाल यह उठता है कि रिटायरमेंट के लिए किस विकल्प को चुनना बेहतर होगा?

• अगर आपकी जोखिम लेने की क्षमता अधिक है और आप लंबी अवधि में अधिक रिटर्न चाहते हैं, तो SIP एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह आपको इक्विटी ग्रोथ का लाभ देता है और समय के साथ आपका फंड तेजी से बढ़ता है।

• अगर आप स्थिर रिटर्न और टैक्स फ्री लाभ चाहते हैं, तो EPF आपके लिए उपयुक्त है। खासकर वेतनभोगी वर्ग के लिए यह योजना अनिवार्य भी होती है, जिससे नियमित निवेश स्वतः होता रहता है।

• अगर आप रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन चाहते हैं और टैक्स में अधिक छूट की तलाश में हैं, तो NPS आपके लिए बेहतर रहेगा। यह कम लागत में लॉन्ग टर्म पेंशन प्लान है।

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